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Phool Singh

Tragedy Others

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Phool Singh

Tragedy Others

पद का नशा

पद का नशा

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किसी की कलम की ताकत

पद के नशे में चल रही

कितनों का दाना-पानी छीन चुकी 

कितनों के भविष्य से खेल रही।।


बातों के बड़े मीठे बनते 

कटुता दिल में कितनी भरी

अच्छाई का बदला बुराई में देते

जैसे जग से सारे दुश्मनी।।


ओहदे से है हैसियत सबकी

शायद इसकी खबर नहीं

अहम के मद में भूल वो जाते 

अहम की उम्र ना होती बड़ी।।


मुलाज़िम है सरकार के जब तक

पूछ होती है हर कहीं

समय सीमा जैसे पूरी होगी

पता चलेगी औकात तभी।।


बड़े फैसले लेने पड़ते

ज्ञानियों ने कही बात सही

हनन करो ना मान किसी

मूल्यांकन कर लो पहले सभी।।


गरीबों के हक में काम किया तो

महानता इनाम में सबको मिली

कमजोर को है जिसने सताया

बदनामी संग मौत मिली।।


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