अग्नि परीक्षा
अग्नि परीक्षा
वैसे कहते हो नारी शक्ति है
पर कही अबला बना रखी है
नारी से ही बनी नारी है
ये दुनिया बड़ी मतवाली है
पुरुषप्रधान समाज की
ये नारी सबपे भारी है
ना वोह ज़माना सीता का
ना रहाज़माना द्रोपदी का
गाँववालों उठो देखो सब
सीताकी अग्नि परीक्षा कब तक?
पढ़ाओ सब बेटियों को
आगे बढ़ना ही समझदारी है
पढ़लिख के आगे बढ़ेगी
ना कोई दूषण का भोग बनेगी
खुद के आत्मविश्वास से उभरेगी
खुद का आत्मसम्मान बढ़ाएगी
परिवार में खुशिया फैलाएगी
खुद का रक्षण करेगी अब
गांववालों उठो देखो अब
सीता की परीक्षा कब तक ?
