Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

AMAN SINHA

Romance Tragedy Fantasy

4  

AMAN SINHA

Romance Tragedy Fantasy

अबके बरस

अबके बरस

1 min
303


अबके बरस जो आओगे तो सावन सूखा पाओगे

सूख चुके इन नयनों को तुम और भिंगा ना पाओगे

और अगर तुम ना आए प्यास ना दिल की बुझ पाए

पथराई नयनों सा फिर दिल पत्थर ना हो जाए


अबके बरस जो आओगे बसंत शुष्क सा पाओगे

मन के उजड़े बागीचे में एक फूल खिला ना पाओगे

और अगर तुम ना आए अटकी डाली ना गिर जाए

सूखे मुरझाए मन को मेरे पतझड़ ही ना भा जाए


अबके बरस जो आओगे सर्दी में तपते रह जाओगे

मगर गरम रज़ाई में मेरा एहसास ना पाओगे

और अगर तुम ना आए अंगीठी की आग ना लाए

सुखी लकड़ी की तरह कहीं ख्वाब ना मेरे जल जाए


अबके बरस जो आओगे दीवाली फिकी पाओगे

मेरे अँधियारे जीवन में कोई दीप जला ना पाओगे

और अगर तुम ना आए दीप ना संग में ला पाए

मेरे जीवन के अंतिम दिन वनवास में ही कट जाए

      

अबके बरस जो आओगे बेरंग सी होली पाओगे

चाहे रंग से भरे रहो तुम पर मेरा रंग ना पाओगे

और अगर तूम ना आए रंग ना मुझ में भर पाए

तेरी कोरी सी चुनर सा मेरा जीवन ना हो जाए


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance