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संजय असवाल "नूतन"

Tragedy

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संजय असवाल "नूतन"

Tragedy

अब के युद्ध हुआ तो ..!

अब के युद्ध हुआ तो ..!

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अब के युद्ध हुआ तो...!

न जाने कितनी जाने जाएंगी

हंसती खेलती जिंदगियां

काफूर हो जाएंगी,

भीड़ भाड़ चहल पहल 

सन्नाटे में बदल जायेंगे

बड़ी बड़ी इमारतें 

खंडहर हो जायेंगे,

अब के युद्ध हुआ तो 

न जाने कितनी जाने जाएंगी।

जो खेत खलियान लहलहाते थे

वो उजाड़ हो जायेंगे

जो बाग फूलों से गुलजार थे 

वो कब्रिस्तान बन जायेंगे, 

जो रास्ते कभी आबाद थे 

वो लाशों से पट जायेंगे

हर तरफ गिद्ध और कौवे 

उन्हें नोचते नजर आएंगे,

अब के युद्ध हुआ तो

न जाने कितनी जाने जाएंगी।।

कितनी मां बहनों के 

सिंदूर मिट जाएंगे

कितने बच्चे बिन मां बाप के

अनाथ हो जायेंगे,

जाने अंजाने कितने दोस्त 

दुश्मन बन जायेंगे

एक दूजे के खून के 

प्यासे हो जायेंगे,

अब के युद्ध हुआ तो 

न जाने कितनी जाने जाएंगी।

फिजा में घुली हवा 

रक्त में बदल जायेगी

हर तरफ बारूद के 

गुब्बार ही नजर आएंगे,

शांति सुकून तबाह हो

सिसकियों में बदल जाएंगी

बेबस लोग पागलों की तरह

बस भागते नजर आएंगे,

अब के युद्ध हुआ तो

न जाने कितनी जाने जाएंगी।।

अहम झूठा गुरूर 

गर्त में मिल जायेंगे

बादशाहों के तख्तों ताज

ढहते नजर आएंगे,

सीने अपनों के भी

हर तरफ छलनी पाए जाएंगे 

हर आंखों में बस 

आंसू ही नजर आएंगे,

अब के युद्ध हुआ तो 

न जाने कितनी जाने जाएंगी।

इस युद्ध की विभीषिका में

तुझे क्या मिलेगा

सरहदें मिटा देने से 

मुझे भी क्या मिलेगा,

हर तरफ बस्तियां बस्तियां

श्मशान नजर आएंगी

मानवता जार जार हो

इतिहास बन जाएंगी,

अब के युद्ध हुआ तो

 न जाने कितनी जाने जाएंगी।।



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