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Nand Kumar

Tragedy

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Nand Kumar

Tragedy

कुत्ता और इन्सान

कुत्ता और इन्सान

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कुत्ते को इन्सान ने अपना पालतू बनाया।

दूध रोटी खिला प्यार से नहलाया सहलाया।

कुत्ते ने भी अपना कर्तव्य भरसक निभाया ।

मालिक के आगे दुम हिलाई औरों पर गुर्राया।।


आदिकाल से ही इनके चर्चे आम हुए ।

पाण्डवो संग हिमालय पर भी गला ।

लेकिन संगति से कुत्ते मे अच्छाई आई ।

पर मनुष्य ने कुत्ते की बुराई अपनाई।।


मनुष्य मनुष्य को स्वार्थ की खातिर ।

कुत्ते सा बेवजह ही काटने लगा ।

गलती हो चाहे स्वयं की भले पर ।

वह घमंड मे औरो को डांटने लगा ।।


प्यार उपकार दया त्याग दी भलाई ।

बिन कारण कुत्ते सी की है लडाई ।

सम्बन्धो मे नष्ट हुई उसके मिठास ।

रह गया उसका न अब कोई खास ।।


हे प्रभु दूर करो मानव से पशुता को ।

दूर हो बुराई लाओ जीवो में समता को ।

मन के विकार सब एक एक नष्ट हो।

खुश हो सभी दुख किसी को न कष्ट  हो ।।



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