STORYMIRROR

आत्म विश्वास

आत्म विश्वास

1 min
1.5K


अग्निमय हो गया तो क्या हुआ,

बन जा तू अग्निमणि।

देश नहीं निखिल दुनिया की तकदीर तेरी मुट्ठी में है,

गाड़ चल अपना नाम इतिहास के पन्नों में।


है लक्ष्य प्रेरित बाण तू,

अन्तः करण की शक्ति तू।

घटि घटि अषिर सफलता के तेरे समक्ष,

जहिन।! तू तो है मुमतहिन स्वयं का ।

तोड़ डाल ये जंजीरे तू, धज्जे उड़ा दे अपने दुश्मनों के,

आकाश ढूँढ रहा तुझे, हो जा फारिग तू।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama