रिश्तो की पोटली
रिश्तो की पोटली
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कभी गम, कभी खुशी का बसेरा हैं ,
अपनो संग हर कठिनाई सुगम ।
जीवन एक रिश्ता कुछ तो फरिश्ते सा ,
यादो की कहानी मैं छिपा आज का राज हैं।
अपनो के साथ मानो सब कुछ पास हैं,
रिश्तो के बसे संसार में सब शब्दों का खेल हैं।
समय की बात, सोच का सवाल हैं ,
दो क्षण परिवार संग बताते रिश्तों की पहचान हैं ।
जिन्दगी का सुहाना सा सफर रिश्तों बिन व्यर्थ ,
स्वयं जिन्दगी ही एक रिश्ता ।
दो पल की बाते, सुनाती देखो जिन्दगी की गल्प हैं ,
मुस्कुहराने की वजह देती चलती।