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Teesha Mehta

Others

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Teesha Mehta

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बचपन की यारी

बचपन की यारी

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बचपन की यारी खूब है प्यारी,

दिल चाहता दो पल जरा

बचपन को रोक पाती। 

जिन्दगी की खुली किताब में, 

खुद को पढ़ पाती। 

न दिखते वो पल फिर से जो कुछ खास है, 

बचपन की यादे सबके पास है। 

बचपन की आदतों का गजब है वास्ता, 

न होते हम किसी पर निर्भर,

उन आदतों का अनोखा है रास्ता। 

यारो की यारी पर फ़िदा है

हमारी हुस्न जीत की, 

दो पल की बाते,

देखो कितनी खास है।


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