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Anita Sharma

Drama Romance Fantasy

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Anita Sharma

Drama Romance Fantasy

आशिक़ी

आशिक़ी

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करीब आने का अच्छा बहाना है

जब से गुलाब को मेरी पसंद जाना है।


जब चाहे बहलाने चले आते हो

लेकिन दिल में हर जज़्बात छुपाते हो।


क्या कहूं इस लुका-छुपी में तुम

दिल में दबे कितने एहसास जगाते हो।


ठगी सी खड़ी मुस्क़ुराती रहती हूँ मैं

जब मेरे हाथ में लाल गुलाब थमाते हो।


शिकायत नहीं बस यही कहना है मुझे

इज़हार की तर्ज़ पर इंतज़ार क्यों कराते हो।


तुम्हारी आशिक़ी में डूबते एहसास मेरे

ठहर जाता है वक़्त जब करीब आते हो।


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