आँख है भरी भरी
आँख है भरी भरी
आँख है भरी भरी और तुम
मुस्कुराने की बात करते हो
हाँ ! सच में आँख भरी भरी और तुम
मुस्कुराना नहीं आता
जिंदगी में कई बार ऐसा होता है
आप रोना भी चाहो तब भी रो नहीं पाते
आप हँसना चाहो तब भी हँस नहीं पाते
बस आँख भर आती है
हर बार एक ही वजह होगी जरूरी नहीं
हर बार वजह बहुत अलग होती है
कई बार आपके लिए गए फैसले या तो सही है
या फिर गलत
आगे क्या होगा यह सोचने से बेहतर
होगा आप निर्णय लेजिए
सही या गलत इसका जनाब चाहे कुछ भी हो
पर आपको अनुभव तो हो गया।