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Sana K S

Romance

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Sana K S

Romance

आज फिर शरारत करने दो मुझे...

आज फिर शरारत करने दो मुझे...

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आज फिर शरारत करने दो मुझे..

आज फिर शरारत करने दो.....


कुछ बंदिशें ...कुछ पाबंदियाँ...

आज जमाने के तोड़ लेने दो मुझे....

मेरे होंठों के हर सवाल का....

तेरे होंठों से आज जवाब लेने दो मुझे...

मैं फकत एक ख्वाब हूँ...

आज हकीकत तुम बना दो मुझे....

आज फिर शरारत करने दो मुझे..

आज फिर शरारत करने दो.....


एक दायरा था जो तुम्हारा....

आज तुमसे छिन लेने दो मुझे....

जो छुपाये थे दिल में सब अरमान....

आज तुम पर ही लूटा देने दो मुझे....

वो मौत तो बहुत मरी हूँ....

आज तुम ही थोड़ी-सी जिंदगी दो मुझे....

आज फिर शरारत करने दो मुझे..

आज फिर शरारत करने दो.....



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