आज ख़त में दिखा तेरा चेहरा
आज ख़त में दिखा तेरा चेहरा
प्यार की कब मिटी कहानी है
पास अब भी तिरी निशानी है।।
प्यार कुदरत से' कर लिया जब से,
हर लम्हे में दिखे जवानी है।।
आज खत में दिखा तिरा चेहरा,
रूह अब भी तिरी दीवानी है।।
बूँद पानी सा' बन गया जीवन,
संग तेरे ही यह रवानी है।।
ये शमाँ जल रही हवाओं में,
साँझ आई बड़ी सुहानी है।।
हीर राँझा अमर हुये जग में,
"पूर्णिमा" यह कथा पुरानी है।