STORYMIRROR

Gordhanbhai Vegad (પરમ પાગલ)

Romance

4  

Gordhanbhai Vegad (પરમ પાગલ)

Romance

आपकी पनाहों में

आपकी पनाहों में

1 min
252

बेपनाह महोब्बत मिली आपकी पनाहों में,कलियाँ दिलकी खिल गई आपकी पनाहोंमें !!

दर्दकी गली से गुज़रे है अभी अभी अकेले,मिल गई राह खुशीकी अब आपकी पनाहोंमें !!

मैं एक अँधेरेकी अभीप्सा लिए जीता रहादिए हज़ारों जल उठे अभी आपकी पनाहोंमें !!

एक खलबली भीतर ले के मुरझाते रहे,गीत बनके अल्फ़ाज़ उतरे है आपकी पनाहोंमें !!

दिल में एक बादल "परम" उमड़ा है भीतर,
"पागल" जज्बात बरसे आंखोंसे आपकी पनहोंमे !!


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance