तुम्हारी आँखों में
तुम्हारी आँखों में
न जाने किस शख्स की जन्मों से तलाश है तुम्हारी आँखों में
हर एक कदम की आहट में छिपी है काश तुम्हारी आँखों में
वो सुनो कोई पुकार रहा तुम्हें दिल से ज़रा आवाज़ दे दो
फिर एक गूंजती मौन सदा खामोश है तुम्हारी आँखों में
रास्ता ही रास्ता आ रहा है नज़र ख्वाबों की ज़मीन पर
एक मंज़िल है गुम खानाबदोश तुम्हारी आँखों में
करार पाने की उम्मीद ने किया है सबसे ज्यादा बेकरार
एक आखरी उम्मीद भी बन गई है लाश तुम्हारी आँखों में
जिवन का एक "परम" मौसम बदलता रहा उम्र के साथ
न बदली वो एक "पागल" शख्स की तलाश तुम्हारी आँखों में