खुद को मिटा दिया किसी ने sm#
खुद को मिटा दिया किसी ने sm#
टास्क-2 पारंपरिक काव्य कविता सोनेट
मेरे जीवन को शब्दों में पिरो दिया किसी ने
अनजाने में मुझ से, खुद को जोड़ लिया किसी ने
मैं हंसने की चाहत में जी रहा अभी तक
एक पल में हंसी का खजाना, मुझ पर लुटा दिया किसी ने
मैं थके पांवों से चल रहा था अभी तक
एक पल में मेरे लिए राह को छोटा कर दिया किसी ने
मैं उदासियों में जी रहा था अभी तक
उदासी को भी खुशी से भर दिया किसी ने
मैं आंधियों से घिरा था अभी तक
एक पल में प्यार के प्रकाश से भर दिया किसी ने
उम्र भर रंज रहेगा, उसके साथ चल न पाया मैं एक पल भी
मुझे महकाने के लिए खुद को मिटा दिया किसी ने
अनमोल नजरानों भरे खजानें लुटा गया है वो मुझ पर
इन नजरानों भरे खजानों को श्वासों में भरकर ही जियूगां मैं तो अब बाकी उम्र भर।।