मुरझाई हुई कलियाँ खिल जाती हैं
मुरझाई हुई कलियाँ खिल जाती हैं
धड़कनें जब दो दिलों की मिल जाती हैं
तो मुरझाई हुई कलियाँ भी खिल जाती हैं
वह उसके उतना ही करीब होता है
जिसका जितना अच्छा नसीब होता है
बेहुनर में भी हुनर आ जाती है
जब ये महफिल जवां हो जाती है
दिल को दिल के मिलने से कोई रोक नहीं पाता है
जब आंखों से आंखें मिल जाती हैं
धड़कने जब दो दिलों की मिल जाती है
तो मुरझाई हुई कलियाँ भी खिल जाती हैं
दिल को धड़कनें का सुरूर हो जाता है
व्यक्ति को खुद पर गुरूर हो जाता है
फिर चाहे कोई कितना रोके खुद को
मगर दिल से मिलने के लिए दिल मजबूर हो जाता है
चैन मिलता है खुशियों का आंसू जब आँखों में हिल जाता है
धड़कने जब दो दिलों की मिल जाती हैं
तो मुरझाई हुई कलियां भी खिल जाती हैं

