#वृद्धावस्था में प्रेम-संबंध।
#वृद्धावस्था में प्रेम-संबंध।
उम्र के पार करके ढेरों वसंत
अब वृद्ध अवस्था से जूझ रहा हूं
सच मानो,, कितनी खुशियां बांटी मैंने
कितने श्रम से गुजरा, कि ला सकूं अपनों के
होठों पर मधुर मुस्कान,
जिम्मेदारियों के बोझ में मैं उतरता चला गया
ना जाने कब, इतना रुष्ट और खुश्क होता चला गया
एक बेटे, एक भाई, एक पिता, एक रखवाला बन कर रह गया मैं,
अब बुढ़ापे में दिल के कोने में दबी हसरतें पूरी करने की सोच रहा हूं मैं
मेरी वो सोणाभ,, अब भी मेरे दिल दे कोने विच वैसी ही खड़ी है,
अब फेसबुक के जरिए फिर से उसकी करीबी महसूस कर रहा हूं मैं
अब खाली समय में भरपूर वार्तालाप का लुत्फ ले रहा हूं मैं
छूट गई थी जो मेरी अधूरी प्रेम-कहानी,, वापस उसी में प्रेमरंग भर रहा हूं मैं
तन्हां रह गया है अब दोनो का बाकी बचा सफर,
हमसफ़र ना सही,, साथी बनकर, रहने की गुजारिश कर रहा हूं,, अधूरा प्रेम संबंध पूरा कर रहा हूं।।

