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Sujal Patel

Romance

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Sujal Patel

Romance

प्यारभरा इंतज़ार

प्यारभरा इंतज़ार

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ए बहती हवाओं, क्या तुम्हें पता है, हमारे महबूब का पता

गर हां, तो जाकर कह दो उनसे

आज़ भी उनके प्यार का कतरा हमारे पास महफूज़ पड़ा है


फुर्सत मिले कभी हमसे मिलने की, तो 

आकर कभी हाल पूछ लेना हमारा

क्या पता वो एक मुलाकात, बन जाएं हमारे जीने का सहारा


आज़ भी राह तकती है हमारी ये निगाहें, उनके इंतज़ार में

आएंगे वो भी एक दिन मिलने हमसे

बस उसी इंतज़ार में पलकें बिछाएं बैठे है हम, आज़ भी


वो दिन भी क्या दिन थे, जब सारा दिन एक-दूसरे के साथ होते थे

हाथों में हाथ थामें बैठे रहते थे

होती थी एक-दूसरे के बीच ढेरों प्यार भरी बातें अक्सर


ए बहती हवाओं जाकर याद दिलाओ उन्हें वो लम्हें

जो कभी साथ बिताए थे हमनें

आज़ एक बार फिर से उन्हें जीने का मन हुआ है, हमें!



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