आदिवासीपन
आदिवासीपन
क्यों
आपका किसी एक
"सरसराती-फुफकारती"
विचारधाराओं में जुड़ा होना ही
आपकी उपादेयता तय करता है।
आपका सहज स्वतंत्र चिंतन करना,
या लेफ्ट-राइट, किसी भी विंग से न होना
आपको क्यों संदिग्धो की सूची में डालता है।
जब भी आप इन सब से अलग सोचते है तो,
क्यों सबसे पहले मार दिए जाते है,
इन्ही विचारों के द्वारा।
फिर मैं सोचती हूँ कि
कहीं ये मेरा आदिवासीपन तो नहीं?!
जो आदिम विचारों के साथ
इस नए रंगे जाते जंगल में,
क्रांतिकारी विचारों की उगती फैक्ट्रियों,
खुदती खदानों के आड़े आता हो?
ये अक्सर अड़ भी तो जाता है
अपने सच के साथ,
चिढ़ाता ही होगा
मेरा यूँ "असभ्य होना"
कथित भिन्न भिन्न विचारधारा की
"सभ्य"
भीड़ को!