आधुनिकता का विमर्श
आधुनिकता का विमर्श
तन को ढंकने के लिए मनुष्य ने
धीरे-धीरे वल्कल से होते हुए वस्त्र को खोजा,
और जब उसने तन को पूरी तरह ढंकना सीख लिया तो
कुछ सभ्य और आधुनिक कहलाया !
और अब जब मनुष्य आधुनिकता के शिखर पर था ;
तब मनुष्य और आधुनिक कहलाने के लिए एक -एक करके वस्त्रों का परित्याग कर रहा है!
यह सभ्यता का चरमोत्कर्ष है या चरमराती आधुनिकता का विमर्श