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Brijlala Rohan

Tragedy Crime Inspirational

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Brijlala Rohan

Tragedy Crime Inspirational

चाटुकारिता धर्म

चाटुकारिता धर्म

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हद होती है बोलने की, चुप रहने की

सफ़ल होने की, हार जाने की !


 समझिए अनहद है !

नाम चाटुकारिता है,

इससे आजकल सब मिलता है,


पद ,प्रतिष्ठा, इज्जत, रूपया - रूतबा,

धन -दौलत और तो और मिल ही जाती है ले दे के मान और सम्मान !


अब बस भी करें और कितनी करें इस

पुनीत कला( चाटुकारिता) की आत्मीय बखान !


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