उलझन
उलझन
“माँ मै अभी शादी नहीं करूंगी”
“क्यों बेटा.....??”
“मै अभी शादी के लिये तैयार नहीं”
“देखो बेटा हम चाह रहे है कि तुम एक बार नमन से मिल लो फिर कोई फैसला लेना”
उषा जी की इकलौती बेटी थी हिमानी, वह चाह रही थी कि उसकी शादी अच्छे परिवार मे हो जाए। वह अपनी सहेली "मीना जी", उनका बेटा नमन अपनी हिमानी के लिए पसंद आया। अब दोनो सहेलियां चाह रही थी कि बच्चे एक दूसरे को पसंद कर ले।
नमन दिखने में स्मार्ट था। उसका व्यक्तित्व ऐसा था कि किसी को भी आकर्षित कर दे। पर बस एक बार हिमानी पसंद कर ले।
हिमानी गोरी, लम्बी सुंदर थी, पर अभी किसी रिश्ते मे बंधना नहीं चाहती थी। ना बंधने का कारण कही न कही उसके अतीत से जुड़ा था। हिमानी समर से प्यार करती थी, समर लम्बा चौड़ा सुंदर नौजवान था, बस इसी को देख वह आकर्षित हो गई थी। हिमानी का प्यार परवान चढ रहा था। उसे उसके अलावा कोई और नजर ही नहीं आ रहा था। वह इस सच से कही अनजान थी कि वह धोखा दे रहा था। एक बार जब वह अपनी दोस्त के साथ रेस्तरां गई थी। वहां समर किसी लेडी के साथ बैठा था। जब पूछा कौन है तो सुनकर उसके पैरो की जमीन खसक गई। वह लेडी कोई और नहीं बल्कि उसकी बीवी थी। वह वहां से चली गई। बाद मे समर ने बहुत कोशिश की हिमानी को समझाने की कि “मै तुमसे प्यार करता हूँ, कही तुम्हे खो ना दू इस डर से मैने बताया नहीं। मै अपनी पत्नी वसुधा को तुम्हारे लिए तलाक दे दूंगा”
“पर धोखा तो धोखा होता है समर, तुमने अपनी शादी की बात छिपाई, मुझे और अपनी पत्नी दोनो को धोखे मे रखा। आज के बाद तुमसे मेरा कोई रिश्ता नहीं” उसके बाद समर से हिमानी ने सारे रिश्ते तोड़ लिए।
इस बात को एक साल हो गए पर कही न कही उस धोखे को भूला नहीं पायी। समर उसे आज भी धमकी देता है कि मै तुम्हारी शादी होने नहीं दूंगा। यही कारण था कि अभी हिमानी शादी नहीं करना चाहती थी।
पर माँ के बार बार दबाव देने पर वह नमन से मिलने के लिए तैयार हो जाती है।
आज पहली बार दोनो मिलने वाले थे। नमन पहले से पहुँच गया था। वह हिमानी का वेट कर रहा था। करीब दस मिनट बाद हिमानी आती है।
“सॉरी ट्रैफिक की वजह से थोड़ा लेट हो गया”
उसने हिमानी की तरफ देखा, देखते ही रह गया लाल सूट माथे पर छोटी सी बिंदी, आँखों मे काजल बहुत ही सुन्दर लग रही थी।
हिमानी अपनी बात फिर से कहती है। तब नमन की तन्द्रा टूटती है।
“कोई बात नहीं.....” ऊधर हिमानी ने भी नमन को देखा पर वो तो बेमन मिलने गई थी तो बिलकुल साधारण तरह से पेश आई।
नमन बार बार हिमानी को देखे जा रहा था। वेटर आता है।
“आप क्या लेगी...?” हिमानी ने कुछ नहीं कहा।
ये क्या बात हुई आप को कुछ तो आर्डर देना पड़ेगा।
तो उसने कॉफी के लिए बोल दिया।
“आप लाल सूट मे बहुत सुंदर लग रही है”
हिमानी ने मुस्करा दिया।
“माँ ने बताया था कि आप अभी शादी नहीं करना चाहती। अगर आप को मै पसंद नहीं तो आप बता सकती है। मै खुद इस रिश्ते से मना कर दूंगा। अगर कोई और बात है तो भी कह सकती है”
हिमानी ने नमन की तरफ देखा, तो दोनो की नजर मिल जाती है हिमानी झट से नजर हटा लेती है। “अभी मुझे चलना चाहिए”
“चलिए मै छोड़ देता हूँ”
“नहीं आप तकलीफ मत करिये चली जाउंगी” और तेज कदमो से हिमानी निकल गई।
“बड़ी अजीब लड़की है” नमन ने कहा और उसके पीछे चल दिया जब तक वह बाहर जाता है। हिमानी निकल गई थी।
“आ गई बेटा, कैसा लगा नमन....?”
हिमानी माँ के गोद मे लेट गई, कहा “पता नहीं माँ”
“किस उलझन मे पड़ी हो बेटा, ये की कही समर की तरह ये भी धोखा ना दे दे”
हिमानी ने माँ की तरफ हैरानी से देखा कहा “माँ, आपको पता था समर के बारे मे”
“हाँ मुझे पता था। पर मैने कभी कहा नहीं उस दिन जब तुम रिया से फोन पर बात कर रही थी कि "कल मै समर को मिलाने वाली थी माँ से, अब मै कैसे नजरे मिलाऊँ, उनसे की उनकी बेटी एक शादीशुदा लड़के से प्रेम किया। मै नहीं चाहती कि माँ को कभी समर के बारे मे पता चले।" इसलिए मैने तुम्हे कभी बताया नहीं कि मुझे समर के बारे मे पता है”
“नमन बहुत ही समझदार लड़का है, वह तुझे हमेशा खुश रखेगा। पर तुम्हारे उपर कोई दबाव नहीं है। तुम्हे पसंद होगा तभी शादी करेगे”
“माँ मुझे नमन अच्छा लगा, पर उसे मेरे अतीत के बारे मे पता चला तो”
“तुमने प्यार किया था कोई गुनाह नहीं जो जानकर तुमसे शादी नहीं करेगा। हर किसी का कोई न कोई अतीत होता है अच्छा या बुरा पर इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। फर्क तब पड़ता है जब अतीत वर्तमान मे आ जाए”
“माँ पर समर आज भी मुझे धमकी देता है कि वह मेरी शादी नहीं होने देगा। आज रेस्तरां मे समर मुझे दिखा तो वो मुझे ना देखे इसलिए मै वहां से जल्दी चली आई। इसलिए मै एक बार अतीत के बारे मे नमन को बताना चाहती हूँ। उसके बाद नमन का जो फैसला रहेगा मुझे मंजूर है”
हिमानी आज फिर से नमन से मिलने वाली थी। आज इतने दिनो से मन मे हो रही उलझन खत्म होने वाली थी। आज वह अपना अतीत नमन को बताने वाली थी।
“गुलाबी सूट, गुलाबी चुड़ियाँ, गुलाबी बिंदी, कानो मे मैचिंग बालिया......। बहुत सुन्दर लग रही है मेरी बेटी किसी की नजर ना लगे” माँ ने अपने आँखों का काजल हिमानी के कान के पीछे लगा दिया।
“एक बार फिर सोच लो क्या तुम सच मे नमन से बताना चाहती हो”
“माँ समर मुझे शादी बाद परेशान करे। इससे अच्छा मै उसे पहले ही बता दूं”
“सब कुछ जानकर अगर शादी के लिए नमन मना कर दे तो?”
“माँ अगर मना भी कर दिया तो कोई बात नहीं मेरे मन पर बोझ तो ना रहेगा। अच्छा माँ चलती हूँ”
आज हिमानी नमन से पहले पहुँच जाती है, जैसे ही चेयर पर बैठती है, सामने से नमन आते हुए दिखाई दे रहा था। आज पहली बार अच्छे से देखा था। ब्लैक जींस, लाईट ब्लू शर्ट मे बहुत स्मार्ट लग रहा था।
“आज आप तो पहले आ गई?”
“हाँ आज ट्रैफिक नहीं मिला था”
“आज ट्रैफिक मुझे मिल गया था” दोनो हँसने लगते है।
“आज आप ने क्यों बुलाया?”
“मै आप को कुछ बताना चाहती हूँ। उसके बाद आप शादी का फैसला ले”
“एक साल पहले मेरी जिंदगी मे समर आया जिससे मै बहुत प्यार करती थी। मै उससे शादी करना चाहती थी। पर उसने मुझे धोखा दिया वो पहले से शादीशुदा था। जब मुझे पता चला वह शादीशुदा है तो मैने उससे सारे रिश्ते तोड़ लिए। लेकिन वह आज भी मुझे फोन करके धमकी देता है कि मै तुम्हारी शादी नहीं होने दूगा। इसलिए मै शादी नहीं करना चाहती थी कि कही उसे पता चला कि मेरी शादी होने वाली है तो कही वह आकर मेरी शादी तोड़ न दे” एक सांस मे हिमानी ने सब कुछ बता दिया।
अब इंतजार था नमन के जवाब का।
“आप को इतने समय से परेशान कर रहा है और आप इतने समय से चुप है। आपको पुलिस से कंप्लेंट करना चाहिए था”
“घर की बाते बाहर जाती तो माँ परेशान हो जाती और मै अपनी वजह से माँ को दुखी नहीं देखना चाहती थी”
“पता है हिमानी हमारी इसी सोच के कारण ऐसे लड़को को बढावा मिलता है। अब चलो मेरे साथ”
“कहाँ..... ??”
“चलो बताता हूँ”
“नमन कैसा है यार तू, क्यों याद किया??”
“मै ठीक हूँ, हिमानी ये मेरा दोस्त "एस आई " विजय सिंह है। यार तेरा एक फेवर चाहिए ?”
“हाँ बता..!!”
नमन ने पूरी बात बताई विजय को।
विजय के साथ नमन और हिमानी समर के घर जाते है। अभी तक वसुधा को हिमानी ने कुछ नहीं बताया था। वसुधा ने दरवाजा खोला।
“समर कहाँ है ?”
“अभी घर पर नहीं है, थोड़ी देर मे आ जायेगे”
“आप.... समर की दोस्त है ना, हम रेस्तरां मे मिले थे”
“नहीं वसुधा मै समर की गर्लफ्रेंड थी” हिमानी ने पूरी बात बताई और सारे मैसेज दिखाए।
वसुधा की आंखो मे आँसू था। कहने लगी – “मेरी सहेली रेनू मुझे कहती रह गई कि यह आदमी तुझे धोखा दे रहा है पर मैने उसकी बात नहीं सुनी। इस आदमी पर मैने विश्वास नहीं अंधविश्वास किया, जो हमेशा मुझे छलता रहा”
समर को अंदाजा ना था कि हिमानी उसे पुलिस तक ले जायेगी। समर ने हिमानी से माफी मांगी। वसुधा के विनती करने पर समर को चेतावनी देकर विजय छोड़ देता है।
“हिमानी आज से तुम्हारी परेशानी मेरी परेशानी है, मै हमेशा तुम्हारे साथ खड़ा रहूँगा, क्या तुम मेरी जीवनसंगिनी बनोगी?”
“हाँ......”, नमन जैसा होने वाला जीवनसाथी पाकर धन्य हो गई हिमानी।