कहने वाले तो कहते ही रहेंगे
कहने वाले तो कहते ही रहेंगे


राम राम अम्मा जी।
राम राम, काहे इतना लेट हो गया आने में, हमको लगा तू आयेगी नहीं, देख घर में कितना काम फैला है।
ऊ का है कि हमरी बहुरिया पेट से है सुबह उसकी तबीयत खराब लग रही थी तो घर का काम निपटाने लगे इसी लिए लेट हो गया है। अभी हम फटाफट सारा काम खत्म कर देते है
आज कल की बहुए भी ना पेट से हुई नहीं कि बिस्तर पकड़ लेती है और एक हमारा जमाना था कि पेट से रहते हुए भी सारा काम करते थे । कहते हुए जमूना ने पहले जल्दी जल्दी सारा बर्तन धुले फिर झाड़ू पोछा शुरू किया।
अम्मा जी बहूरानी नहीं दिख रही है आज सुबह ही चली गई क्या?
हाँ आज सुबह उसे जल्दी ऑफिस जाना था।
एक बात बोलूँ अम्मा जी।
हाँ बोलो।
बुरा मत मानिएगा अभी आपकी बहु पेट से नहीं हुई है,आपकी बहु में कोई कमी तो नहीं। आज कल अगर शादी के बाद तुरन्त बच्चा ना हो तो बड़ी दिक्कते आने लगती है, मोहल्ले की औरते आपस में आपकी बहु के बारे में यही कहती है कि लगता है कि कोई कमी है जो अभी माँ नहीं बन पा रही है।
कैसी बात कर रही हो तुम जमूना एक साल ही तो हुए है अभी शादी को, ये बस सब की मानसिकता है कि शादी बाद तुरन्त बच्चा ना हो तो बाद में दिक्कते आती है। अरे शर्मा जी के बहू को ही देख लीजिए तीन साल बाद लड़का हुआ। पहले उस बेचारी को भी सब कितना सुनाते थे कि कोई कमी है जब लड़का हो गया तो सबका मुह बंद हो गया।
कहने वाले तो कहते ही रहेगे उनकी बाते सुन कर भी अनसुना करने में भलाई है और हाँ जिस दिन मेंरी बहु पेट से होगी उस दिन खुद ही सबका मुह बंद हो जायेगा।
डोरबेल बजती है अरे बहु तुम इतनी जल्दी कैसे आ गई?? तबियत तो ठीक है ना
माँ जी आज ऑफिस में चक्कर आ गया था गिर गई थी इसी लिए छुट्टी लेनी पड़ी।
डाक्टर को दिखाया सब ठीक है ना
हाँ माँ डाक्टर को दिखाया सब ठीक है, आप !
क्या ?
आप दादी बनने वाली हो, डाक्टर ने बोला है आराम करने के लिए।
बहु जा तू कमरे में आराम कर मै कुछ भिजवाती हूं खाने के लिये।
बधाई हो अम्मा जी जमूना ने कहा।
अम्मा जी खुशी से झुमने लगी कि अब जल्द ही मेंरे घर में किलकारी गूजेगी और जो लोग मेरी बहू के बारे गलत कह रहे थे उनकी बोलती बंद हो जायेगी।
बिलकुल सही कह रही है अम्मा जी।
ये जिंदगी कोई खेल नहीं बहुत चुनौतीपूर्ण होती है,अक्सर आस पास देखने को मिलता है कि शादी के एक साल बाद बच्चा ना हो तो घर से लेके रिश्तेदार परेशान हो जाते है कि बहु में कोई कमी तो नहीं। तब बहू के अंदर नाकारात्मक सोच घेर लेती है और वही जब पेट से हो जाती है तो सबका मुह बंद हो जाता है। वहीं कुछ लोगों को दूसरे की जिंदगी में दखल देने की आदत होती है।