खामख्वाह शान दिखाने के चक्कर में बैंक के लाखों रुपए के कर्ज के नीचे दब गए। खामख्वाह शान दिखाने के चक्कर में बैंक के लाखों रुपए के कर्ज के नीचे दब गए।
और बेकार चीजों को अपने घर मे करीने से भला कौन सजाता है। और बेकार चीजों को अपने घर मे करीने से भला कौन सजाता है।
"मतलब यह कि बच्चे ने कोक से काम चलाया!" इस बार असगर ने सहानुभूति जताई! "कुछ देर बाद, मैं भी रणजीत क... "मतलब यह कि बच्चे ने कोक से काम चलाया!" इस बार असगर ने सहानुभूति जताई! "कुछ देर...
दीदी मुझे कल की छुट्टी चाहिए, मेरी माँ की तबियत सच में ठीक नहीं है। दीदी मुझे कल की छुट्टी चाहिए, मेरी माँ की तबियत सच में ठीक नहीं है।
जैसा ठीक समझो वैसा करो हमारा समय तो निकल गया अब तुम नये ज़माने के लोग जो ठहरे। जैसा ठीक समझो वैसा करो हमारा समय तो निकल गया अब तुम नये ज़माने के लोग जो ठहरे।
वहीं कुछ लोगों को दूसरे की जिंदगी में दखल देने की आदत होती है। वहीं कुछ लोगों को दूसरे की जिंदगी में दखल देने की आदत होती है।