हम अच्छे थे या बुरे थे, नहीं मालूम पर हमारा भी एक जमाना था। हम अच्छे थे या बुरे थे, नहीं मालूम पर हमारा भी एक जमाना था।
हमें आगे के ज़माने को अच्छी तरह से याद करने रखने देगा हमें आगे के ज़माने को अच्छी तरह से याद करने रखने देगा
जैसा ठीक समझो वैसा करो हमारा समय तो निकल गया अब तुम नये ज़माने के लोग जो ठहरे। जैसा ठीक समझो वैसा करो हमारा समय तो निकल गया अब तुम नये ज़माने के लोग जो ठहरे।
मंगल जी भी जीवन पर्यन्त, अपनी कमाई अपने इकलौते बेटे की पढ़ाई पर लुटाते रहे मंगल जी भी जीवन पर्यन्त, अपनी कमाई अपने इकलौते बेटे की पढ़ाई पर लुटाते रहे
इसे ही कहते हैं जहाँ चाह वहाँ राह। इसे ही कहते हैं जहाँ चाह वहाँ राह।
भुला नहीं देना जी, भुला नहीं देना, जमाना खराब है ... " भुला नहीं देना जी, भुला नहीं देना, जमाना खराब है ... "