जूली
जूली
आज कहानी की शुरुआत एक मधुर गीत माध्यम से कर रहे हैं। जाने कहा मेरा जिगर गया जी, अभी-अभी इधर था जाने
किधर गया जी जुली की नटखट अदाओं पे मार गया जी। जूली की कमसिन उमरिया पर मर गया जी।
जूली जब से हमारे जीवन में आई है तब से हमारा जीवन और हृदय तेजी के साथ परिवर्तित हो रहा है।
वह हल्की काली हल्की भूरे बालों में इतनी सुंदर लगती है।
जैसे दिल कहता है ये रेशमी जुल्फें ये शरबती आंखें इन्हें देख कर जी रहे हैं सभी।
पता नहीं कब क्यों और कैसे जूली हमें अपने रंग रूप से अपना दीवाना बना गई।
वो पापा की परी ना जाने कब हमारे दिलों जान को भा गई।
जब भी उसके पास जाता हूं। वह भी बड़ी बेताबी के साथ हमें झप्पी पा लेती है।
एक दिन जूली और हमारी प्रेम कहानी के बीच में ब्रेकअप करने के लिए राजू कूद पड़ा।
हालांकि राजू भी जूली को उतना ही प्यार करता है। जितना हम करते हैं। हम जूली के नाजो नखरे उठाते हैं। हम उससे मिलने के लिए अक्सर नजफगढ़ के पार्क में जाते हैं।
जहां वह हमारा बेसब्री से इंतजार करती है। वह जानती है उससे प्रतिदिन मिलने के लिए हम जरूर आएंगे।
यह सब जानने के पश्चात भी राजू हमारे प्यार की बीच में ऐसे कूद पड़ा। जैसे वह हमारी प्रेम कहानी के लिए विलेन हो।
जब राजू ने हमसे पूछा पार्क का माली कह रहा है।
जूली के साथ अब वह अपनी प्रेम कहानी बनाएगा।
वह जूली को अपने साथ अपने घर ले जाना चाहता है। तब हम राजू को कुछ जवाब ना दे पाए। परंतु न जाने क्यों हमारी आंखें बह निकली। हमारी आंखों से चुपचाप अश्रु धारा बहने लगी। जैसे वह कह रही हो। लंबू जी लंबू जी मेरे रास्ते में टांग ना अड़ाना।
जूली को हाथ ना लगाना जूली से प्रेम ना बढ़ाना। जूली से मिलने की आस ना रखना। क्योंकि हम बने वो बनी इक दूजे के लिए।
हालांकि हम जूली से बहुत ज्यादा प्यार कब कर बैठे। यह भी हमें मालूम नहीं। कब जूली हमारे दिल में समा गई। यह भी हमें मालूम नहीं। परंतु उसका हमसे हमारे जीवन से दूर चला जाना। शायद हमें बहुत परेशान कर रहा था।
जिसके कारण हमारा अंतर्मन हमारा मन मस्तिष्क हमारा हृदय अंदर ही अंदर रो रहा था।
वह राजू को जवाब तक दे नहीं पा रहा था। क्योंकि अंतर्मन अंदर ही अंदर यह सोचने पर मजबूर हो रहा था। जिसे हम दिल से प्यार करते हैं। उसे अब कोई छीनने वाला आ गया है।
हालांकि जूली से हमारे गहरे प्रेम संबंध है। उसके बावजूद राजू का इस प्रकार हम से पूछना की जूली को अब वह अपने जीवन में स्थान दे रहा है।
इस भाव ने ही हमें गहरी सोच में डुबो दिया।
परंतु सप्ताह भर बाद जब हमें पता चला राजू जूली के जीवन से निकल गया है।
तब हमने फिर से अपनी जूली के लिए मधुर गीत गुनगुनाते हुए कुछ इस प्रकार गाया।
मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू बीती जाए जिंदगानी कब आएगी तू चली आ तू चली आ क्या है भरोसा आशिक दिल का।
दोस्तों आपको बता दें जिस जूली की हम बात कर रहे हैं। वह 3 महीने की प्यारी गुड़िया है। जिसे ना जाने कौन हमारी कंपनी के अंदर छोड़कर चला गया। वह ना जाने नन्ही सी जान कब अपने लिए हमारे दिल में जगह बना गई।
हमें भी इस बात का पता नहीं चला। वह नन्ही सी जान कहीं ना कहीं हमसे भी प्रेम करती है।
उसके लिए सिर्फ हम यही कहेंगे भूल गया सब कुछ याद नहीं अब कुछ बस यही बात ना भूली जूली लव यू जूली लव यू लव यू।
इतिश्री

