विटामिन g
गोली से भी तेज चलती है कलम
लेखक मान सिंह नेगी
कई कंपनियों में विटामिन a b c d e चलता है।
जबकि कई कंपनियों में एक और विटामिन चलता है।
जिसे शायद आप भी जानते हो। हो सकता आप उस विटामिन से परिचित हो।
या यह भी हो सकता जानने के पश्चात भी आप कंपनी में उस विटामिन का नाम लेने कतराते हो।
या हो सकता है आप सोचते हो हमे इस विटामिन से कोई फायदा नहीं है। जिसके कारण आप उसे नजरअंदाज करते हो।
मै यह पक्के तौर पर नहीं कह सकता कौन सा विटामिन किस कंपनी मे चलता है।
मै यह भी कह पाने में असफल हु किस नाम की कंपनी में किस नाम का अतिरिक्त विटामिन चलता है।
मेरे लिए यह कह पाना बहुत ही मुश्किल है। कौन कौन से किस किस नाम से कंपनी के अतिरिक्त विटामिन चलते है।
जिस प्रकार A B C D E विटामिन शरीर के लिए महत्वपूर्ण होते है।
ठीक उसी प्रकार कंपनी के अतिरिक्त विटामिन भी शरीर के लिए सोचने समझने की शक्ति के लिए कानों में मीठे रसीले जलेबी की तरह घुमाव दार बाणों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होते है।
बावजूद इसके आप जान कर यकीन नहीं करोगे।
लेकिन जो कुछ आज मैं आपको बताऊंगा।
उसे सुनकर आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी।
पुष्पा रसोई से चाय लाते हुए कहती है। किस कंपनी के विटामिन की चर्चा आप कर रहे हो।
मैने चुस्की लेते हुए पुष्पा से कहा आपने जो चाय बनाई है।
उससे मेरे शरीर में दोगुनी शक्ति का संचार जो गया है।
पुष्पा ने भी बड़ी मासूमियत के साथ कहा क्या यह भी विटामिन जैसा काम कर रही है।
मैने मुस्कुराते हुए कहा आप ने सही पकड़ा है।
पुष्पा जोर जोर से हंसने लगी। मैने कहा हां चाय भी विटामिन से भरपूर होती है।
लेकिन अधिकतर लोग सिर्फ यह मानकर चाय पीते है चाय तो सिर्फ चाय कहलाती है।
जबकि चाय भी अपने साथ कैरोटीन, B2, B3, B5, विटामिन C, मैंगनीज और फ्लोराइड लेकर चलती है।
हां इसे और भी जायकेदार बनाया जा सकता है। लौंग इलायची अदरक दालचीनी मिलाकर।
हालांकि चाय शरीर में फुर्ती का संचार करती है। चाय शरीर के लिए प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाती है।
ठीक उसी प्रकार कंपनी के द्वारा चलाए जा रहे विटामिन a b c d e के अतिरिक्त जो विटामिन हमारी कंपनी में चलता है।
वह है विटामिन g।
पुष्पा ने कहा इससे पहले कभी विटामिन g के बारे में नहीं सुना।
मैने कहा विटामिन g इन सभी विटामिन को असफल करने में सक्षम है।
पुष्पा ने हंसते हुए पूछा यह कहा मिलता है। सबसे बड़ी बात यह किस कंपनी का है। जिसे मैने आज तक नहीं सुना।
मैने कहा यदि मुर्गा बांग नहीं देगा तो क्या सुबह नहीं होगी।
यदि ⏰ अलार्म नहीं बजेगा तो क्या सुबह नहीं होगी।
पुष्पा ने कहा ऐसी बात तो नहीं है।
मैने कहा पुष्पा परंतु कुछ बाते यकीन नहीं की जा सकती।
लेकिन वास्तव में वह सच होती है।
जैसे मुर्गा बांग दे या ना दे सुबह होना निश्चित है। घड़ी का अलार्म बजे या ना बजे सुबह का होना निश्चित है।
ठीक उसी प्रकार काम करने वाले कर्मचारी को विटामिन g मिले या ना मिले वह अपने काम के प्रति वफादार होता है।
वह कभी यह नहीं सोचता यदि कंपनी का विटामिन g उसे नहीं मिला तो वह काम करेगा या नहीं करेगा।
या वह यह भी कभी नहीं सोचता उसे विटामिन g मिल गया है।
तो वह अत्यधिक क्षमता से काम करेगा।
क्युकी वह काम के प्रति वफादार है।
क्युकी वह काम के प्रति ईमानदार है।
वह विटामिन g की परवाह किए बिना काम को पूरी शक्ति के साथ मन लगाकर करता है।
कहने का तात्पर्य विटामिन g से काम करने वाले कर्मचारी ने कभी यह नहीं सोचा उसे आज कंपनी का विटामिन g मिला है।
पुष्पा ने इस बार जोर लगाकर पूछा विटामिन g से मै कुछ नहीं समझ पा रही हु।
मैने कहा जरा सब्र करो धीरज रखो आप भी विटामिन g से बहुत जल्द परिचित हो जाएंगी।
मेरा मानना है आप ही नहीं जो भी मेरी इस कहानी को ध्यान पूर्वक पढ़ेगा।
वह अवश्य ही विटामिन g को पहचानने में देर नहीं करेगा।
वह यह भी समझ जाएगा उसकी कंपनी में कौन सा विटामिन चलता है।
पुष्पा ने पूछा विटामिन g के फायदे क्या है।
मैने कहा विटामिन g उनके लिए बहुत ही शक्तिवर्धक है।
जो कार्यालय में विटामिन g को बहुत ही करीब से जानते है।
विटामिन g के सामने कुछ कर्मचारी इतना बढ़ चढ़ कर कार्य करते है।
जैसे अंधे को आंखे मिल गई हो। लंगड़े को पैर।
पुष्पा ने कहा मै कुछ समझ नहीं पा रही हु।
मैने कहा इसमें समझने जैसा कुछ भी नहीं।
जिस दिन विटामिन g कार्यालय में मिलता है।
जिस दिन कंपनी का विटामिन g कार्यालय में होता है।
उस दिन जो कर्मचारी कार्यालय में काम नहीं करते है।
वह भी दौड़ दौड़ कर काम करने लग जाते है।
वह बिन कहे काम को अपने आप से शुरू कर देते है।
उन्हें यह बताने की आवश्यकता नहीं होती। आपको आज क्या क्या काम करने है।
पुष्पा ने कहा यदि आपकी कंपनी का विटामिन g इतना शक्तिवर्धक है।
तो उसे प्रतिदिन जो कर्मचारी काम नहीं करते है। उन्हें विटामिन g क्यू नहीं दिया जा सकता।
मैने कहा हर विटामिन की अपनी पहचान होती है।
पुष्पा ने कहा आपकी कंपनी का विटामिन g किस कंपनी का है।
मैने कहा हमारी कंपनी का विटामिन g से तात्पर्य है।
गिरीश सर जो कंपनी की हर ब्रांच का कार्यभार देखते है।
लेकिन कंपनी के निखट्टू नाकारा आलसी कामचोर निकम्मे जब तक विटामिन g नहीं ले लेते। तब तक वे काम भी नहीं करते।
विटामिन g यानी Girish सर को देखकर लंगड़े भी उछाले मारते है।
अंधे भी दौड़ में शामिल हो जाते है।
लुले भी इतनी फुर्ती से काम करते है।
जैसे ये सब ही कंपनी में कार्य करने के लिए अपनी जी जान लगा रहे हो।
जैसे उन जैसा मेहनती कंपनी में कोई नहीं है।
हालांकि विटामिन g सब कुछ जानते हुए भी इन्हीं को तवज्जो देते है।
हमारी कंपनी में विटामिन g चलता है।
आपकी कंपनी में कौन से नाम का विटामिन चलता है।
हमे अवश्य बताना क्या आप भी ऐसा ही सोचते है। जैसा आपने कहानी में पढ़ा है।
हमे अवश्य बताए आपकी राय हमे बेहतर से बेहतर कहानी लिखने के लिए प्रेरित करती है।
जो केआर्मचारी कंपनी के विटामिन g को लिए बिना काम करते है।
वे यक़ीनन एक ना एक दिन सफल होते है।
इसलिए विटामिन के चक्कर में ओड कर अपना जीवन व्यर्थ ना करे।
इतिश्री