भजे जा राधे राधे
गोली से भी तेज चलती है कलम
लेखक मान सिंह नेगी
राधे नाम के मोती चमक रहे
बोलो राधे राधे
राधे नाम के घुंघरू छनक रहे
बोलो राधे राधे
संसार में शोर बहुत है
फिर भी गूंज रहा शंखनाद कहकर राधे राधे
जीवन में भागम भाग लगी है
मन चुप चाप कह रहा राधे राधे
आने जाने वालो की भीड़ लगी है
भटक रहा मन, खनक रहा मन
चमक रहा मन, चीख रहा मन
निराश हो रहा मन, भक्ति से विमुख हो रहा मन
मान सिंह नेगी कहता अब भी समय है।
भज लो, रट लो, कह लो, इस दुर्लभ जीवन रहते रहते राधे राधे
84 योनियों के पश्चात मिला ये माटी का मानुष जन्म
राधे नाम के मोती चुन लो
राधे नाम के घुंघरू ले लो
राधे राधे नाम के गुलशन से एक राधे नाम का फूल तुम भी चुन लो अपने जीवन में।
अब तो प्रेम से बोल दो राधे राधे
ये राधे राधे नाम ही आपको भवसागर से पार लगाएगा।
यह भी समझ लो जान लो एक बार राधे कहो सौ बार कृष्ण हो जाए
इसलिए कहता हु बारम्बार भजे जाओ राधे राधे
इतिश्री