हौसला
हौसला
वजह जो मिली उसे जीने के लिए
हक भी मिला उसे हँसने के लिए
अनजान थी आने वाले तूफ़ान से वो
संग लेकर गया उसकी खुशियों को वो
मुरझा गयी वो इक कली की तरह्
जहाँ बारिश न हो उस जमीं की तरह
रेत के मकां लहरें ले जाये जैसे
पूरे होते हुये ख्वाब टूटे हो जैसे
लड़ती रही वो मुकद्दर से अपने
हार न मानना उसकी भी जिद्द हो जैसे
तूफ़ान को अपना रूख बदलना पड़ा
होसलों के आगे उसे झुकना पड़ा
फिर से इठलायी वो,फिर से बलखायी वो
फिर से मुस्कायी वो,फिर से शरमायी वो
पंखो में उसके यूँ जान आ गयी
आसँमा छूने की यूँ चाह आ गयी.........