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Shikha Pathak

Romance

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Shikha Pathak

Romance

चाँदनी

चाँदनी

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देखो वैसी ही चाँदनी खिली है आज

हमने थामा था जब एक- दूसरे का हाथ

दिल में अजीब तूफाॅ सा था

फिर भी खूबसूरत सा एहसास था

तेरी हल्की छूअन से सिहर गयी मैं

ओस की बूँदों सी बिखर गयी मैं

फिजा में खामोशियों का मजमा था

फिर भी दिल को लग रहा नगमा था

हम कुछ भी न कह पाये तुमसे

तुमने हाल-ए-दिल न बयाॅ किया हमसे

सारी खुशियाँ मिल गयी तेरी कुर्ब में

जैसे दुआ को कुबूल किया हो खुदा ने...............


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