जिने का मतलब जब भी समझ आजाये तभी जिलो वर्ना देर हो जाने के बाद जिने में भी मजा तो नही।। जिने का मतलब जब भी समझ आजाये तभी जिलो वर्ना देर हो जाने के बाद जिने मे...
पंख नहीं चाहिए उसे उड़ने के लिए ,बस हौसला बुलंद हो तो आसमां झुक जाए पंख नहीं चाहिए उसे उड़ने के लिए ,बस हौसला बुलंद हो तो आसमां झुक जाए
यह कविता पानी के विभिन्न स्वरूपो का वर्णन दर्शाता है । यह कविता पानी के विभिन्न स्वरूपो का वर्णन दर्शाता है ।