ग़लती मेरी न तुम्हारी
ग़लती मेरी न तुम्हारी
इसमें ग़लती मेरी न तुम्हारी है
मुड़कर देखना कोई जिम्मेदारी है
जो पलट कर मैं देख लूँ तुमको,
और तुम देख ना पाओ मुझको
तो क्या इस पर भी नज़र तुम्हारी है।
इसमें ग़लती मेरी न तुम्हारी है
इसमें ग़लती मेरी न तुम्हारी है
हर सवाल का जवाब
कोई जिम्मेदारी है
जो मैं ना चाहूँ कोई
जवाब देना तुमको,
और तुम्हारी फितरत हो
सवाल देना मुझको,
तो मत समझना मेरी
ख़ामोशी एक लाचारी है।
इसमें ग़लती मेरी न तुम्हारी है
इसमें गलती मेरी न तुम्हारी है
तुम रहो बस पास मेरे
कोई जिम्मेदारी है,
जो तुम उकता गए हो
रहकर मेरे, और
मैं भी नज़र झुकाकर
उठाता नहीं साथ तेरे,
तो ये न समझना की
ये मेरी बेकरारी है।
इसमें ग़लती मेरी न तुम्हारी है