देश मेरे!!
देश मेरे!!
ऐ देश मेरे! तेरे कदमों में
मेरे प्राण समर्पित हैं
मेरी श्रद्धा के सारे फूल
तेरी पूजा में अर्पित हैं
तेरी नदियों की धारा में
अमृत रस का सुख आनंद
तेरी हरियाली छाया में
हैं बिखरे जाने कितने छंद
तेरे हँसने मुस्काने में
हम कण-कण से रम जाते हैं
तू जब खिलता मुरझाता है
हम चलते हैं, थम जाते हैं
गांधी, सुभाष के गीत कहीं
लक्ष्मी, सरोज के राग कहीं
मंगल की सेना सजी-धजी
हो कैसे फिर अनुराग नहीं
हे भारत मेरा गर्व है तू
तू देव तू भाग्य विधाता है
तूने ही खून से सींचा है
बस तू ही जीवन दाता है
कितनी लाशों की कीमत पर
हमने आज़ादी पाई है
फिर आज उसी आज़ादी पर
इक काली बदली छाई है
अपना सम्मान बचाने को
हम फिर शहीद हो जाएंगे
दुश्मन चल ले कितनी भी चाल
हर चाल पर धूल उड़ाएंगे
मुसीबत जब आई हम पर
मिलकर हमने है पार किया
दुश्मन की नफ़रत पर हमने
बस प्यार ही हथियार किया
इंसानियत ना मिट पाए
आओ मिलकर यह शपथ करें
यह देश बढ़े, सुंदर बने
कोशिश अपनी यह सतत करें
तुझको न कभी झुकने देंगे
सौगंध तेरे अभिमान की
हम साथ फिर मिलकर रखेंगे
मर्यादा संविधान की