मेरा गर्व मेरी बीवी
मेरा गर्व मेरी बीवी
लड़ती है, झगड़ती है, प्यार भी जताती है,
मेरी बीवी मेरे गर्व को दर्शाती है।
फैसला अक्सर मेरे ही होते हैं पर,
सही और गलत का फर्क वो बता देती है।
एक पल के लिए रुठ भी जाए तो क्या,
उसकी खामोशियाँ भी बात कर लेती है।
खूबियां है जाने कैसे सब संभालती है,
मुझे पल भर में मुसीबतों से निकालती है।
मैं अंग हूँ अगर आधा तो वो अर्धांगिनी है,
मैं संगीत हूँ अगर तो वो रागिनी है।
वो बीते हुए लम्हों में सभी से खास है,
मुझे उसपर विश्वास नहीं अंध विश्वास है।
वादा है कि हर मोड़ पर मैं तेरे साथ चलूँगा,
तेरे मान सम्मान का मैं हमेशा ख्याल रखूँगा।
तू अस्तित्व है मेरा मान और सम्मान है,
तू ख्वाब से बढ़कर मेरा स्वाभिमान है।
तेरा साथ है तो हर दिन नया पर्व हैं,
वो सिर्फ मेरी बीवी नहीं मेरा गर्व हैं।