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Pradeep Soni प्रदीप सोनी

Drama

3  

Pradeep Soni प्रदीप सोनी

Drama

ऐ मेरे खुदा

ऐ मेरे खुदा

2 mins
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जा बैठा जो अम्बर पर

तू क्यों नज़रों से बचता है

कही बेच ना दे बाजारों में

क्या तू इंसा से डरता है

ऐ मेरे खुदा जरा सामने आ

मुझे कुछ बात करनी है

 

वो खेतों में जो तपता है

दिन रात ही  मेहनत करता है

औरों का जो पेट भरे

वो खुद क्यों भूखा  मरता है

ऐ मेरे खुदा जरा सामने आ

मुझे कुछ बात करनी है

 

वो सीमा पर जो लड़ता है

क्यों बिन आई पर मरता है

जैसे अम्बर से टूटे तारा

क्यों चढ़ता सूरज ढलता है

ऐ मेरे खुदा जरा सामने आ

मुझे कुछ बात करनी है

 

इस बदनसीब गरीबी में

क्यों खेल निराले होते है

जहाँ इज्ज़त तक भी बिक जाती

यहाँ दिन क्यों काले होते है

ऐ मेरे खुदा जरा सामने आ

मुझे कुछ बात करनी है

 

जो सच की सीढ़ी चढ़ता है

वो दुनिया से क्यों लड़ता है

इस इज्ज़तदार ज़माने में

ये सच क्यों भारी पड़ता है

ऐ मेरे खुदा जरा सामने आ

मुझे कुछ बात करनी है

 

बेबस इस ज़माने में

कुछ लोग सुना है ऐसे हैं 

मोह छोड़ के सारी दुनिया का

बस तेरे भरोसे रहते है

ऐ मेरे खुदा जरा सामने आ

मुझे कुछ बात करनी है

 

ये खेल अजब है किस्मत का

क्यों समझ मैं आखिर पाता नहीं

जो चाहता हूँ वो मिलता नहीं

जो मिलता है वो चाहता नहीं

ऐ मेरे खुदा जरा सामने आ

मुझे कुछ बात करनी है

 

गिरगिट सा रंग बदल लेते

चाहे जीते हो या हारे हो

वो खुद को खुदा बना लेते

चाहे नेता या सरकारें हो

ऐ मेरे खुदा जरा सामने आ

मुझे कुछ बात करनी है

 

जो चेहरा चाँद सा खिलता है

नित अम्बर से जा मिलता है

क्यों सारा होश भुला देता

बन सुरूर वो ऐसा चढ़ता है

ऐ मेरे खुदा जरा सामने आ

मुझे कुछ बात करनी है

 

किस मिट्टी से ये तराशे है

जो पाया वो लुटा देते  

अपने बच्चों की खुशियों पर  

क्यों खुद को दाव लगा देते

ऐ मेरे खुदा जरा सामने आ

मुझे कुछ बात करनी है

 

ये दीप तो काफ़िर है मौला

तू इसकी बाते गौर ना कर

ये तो सारा दिन ही शोर करे

तू खुद को इससे बोर न करे

फिर भी अर्जी तू मान खुदा

मेरी करनी मैंने भरनी है

 

ऐ मेरे खुदा जरा सामने आ

मुझे कुछ बात करनी है

 

 


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