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Sheetal Raghav

Romance

4  

Sheetal Raghav

Romance

सागर किनारे

सागर किनारे

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311



दिल तुम्हें चाहे,

बस तुम्हें चाहे


तुम ही हो मेरे साथी, 

जीवन के तुम सहारे।


दिल तुम्हें चाहे

बस तुम्हें चाहे, 


तुम ही हो मेरे साथी

जीवन के तुम सहारे। 


दिल तुम्हें चाहे......


दिल में ही उठती, प्यार की लहरें,

लहरों के बीच में हम, तुम ऐसे ठहरे,

हो ओ ओ

पल भर तो तुम हमको बांहों में ले लो। ओ ओ


दिल तुम्हें चाहे,

बस तुम्हें चाहे,


तुम ही हो मेरे साथी,

जीवन के तुम सहारे ।


दिल तुम्हें चाहे......


हमको तो होना है,

बस तेरे दिल का,

तुम ही संभालो अब, ये राज दिल का,


हम तो तुम्हीं पे कुरबां,

दुनिया तुम ही हो ।


दिल तुम्हें चाहे,

बस तुम्हें चाहे,


तुम ही हो मेरे साथी, 

जीवन के तुम सहारे ।


दिल तुम्हें चाहे...........

 

मन तो यह चाहे, मैं तेरे संग गाऊँ, 

हंसूँ मुस्कुराओ सारे गम में भुलाऊं, 


तेरे साथ चलकर नई ईईई दुनिया बसाऊँ ।


दिल तुम्हें चाहे,

बस तुम्हें चाहे


तुम ही हो मेरे साथी,

जीवन के तुम सहारे । 


दिल तुम्हें चाहे

बस तुम्हें चाहे ।


फिल्म : सागर


बोल : सागर किनारे, दिल ये पुकारे, तू जो नहीं तो मेरा कोई नहीं है ।


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