काश
काश
काश! मेरी आँखों के आँसू
उस की आँखों में होते ,
तो जानता प्यार क्या है,
प्रेम क्या है ?
क्या होता है प्यार से प्यारा वो क्षण ,
जहाँ आँखें बोलती हैैं ,
और बहते हुए नीर प्रेम की कहानी कहते हैैं ,
बिना लव खोले एक मीठा अहसास छू जाता है ,
विरह का दर्द पलके अपने में मूँँद लेती हैैं ,
और गालों पर एक मोती बन जाता है।
काश! मेरा दर्द
उस के दिल से रिसता ,
तो जानता दर्द क्या है,
धड़कन क्या है ?
साँस तो आती है पर दिल धड़कना भूल जाता है,
हर आह में उस का नाम होता है,
पर फिर भी दिल उस के महकने की दुआ करता है,
विरह में तड़पते हुए जान निकल जाती है ,
और कब्र पर एक फूल खिल जाता है,
और प्यार, प्यार ही रह जाता है।

