जी चाहता हैं
जी चाहता हैं
बनके मधुशाला
तुम्हारी आँखों से
छलक जाने को
जी चाहता हैं,
तुम्हारे होठों पे
लिपस्टिक बनके
बिखर जाने को
जी चाहता हैं,
बनके काला तिल
गोरे गालों पे
छीटक जाने को
जी चाहता हैं,
तुम्हें बांहों में भरके
सर्द रातें बिताने को
जी चाहता हैं,
तुम माझी
मैं कस्ती
मिलके
किनारा पा जाने को
जी चाहता हैं,
तुम्हारी
जुल्फ के
घने छाव में
कुछ पल बिताने को
जी चाहता हैं,
पानी पे तुम्हारा नाम
लिखकर
मिटाने को
जी चाहता हैं,
तुम्हारे
जिस्म की खुशबू से
रूह तक जाने को
जी चाहता है,
तुम्हारे इश्क़ में
रंग जाने को
जी चाहता हैं,