मोठा अभंग
मोठा अभंग
शेकडो वर्षाची।। ग्रामीण संस्कृती।।
भाबडी आकृती।। अंतरंग।।
मायबोली वाणी।। हर मुखातून।।
असे हृदयातून।। स्नेहबंध।।
शेतात हाकती।। खेचराशी जोडी।।
संसाराची गाडी।। ग्रामदेव।।
जपे परंपरा।। अंधश्रद्धा तानी।।
नाही बेइमानी।। प्रामाणिक।।
का होती नासाडी।। रिकामी शिदोरी।।
का नाही हुशारी।। कष्ट वाया।।
कर्ज माफी घोळ।। नाही न्यायदेव।।
लुटी काळदेव।। भ्रष्टाचारी।।
प्रश्र्न अनेकांत।। खेळी कोण डाव।।
अकारण घाव।। दुर्दशात।।
करी सावकार।। सदा मानहानी।।
होती अवमानी।। रोजगार।।
आत्मदहन ही।। दारिद्र्य जीवन।।
नैराश्यात मन।। अवसाद।।
अन्नदाता भू चा।। भिकारी हा आता।।
पाय पडी आता।। माणुसकी।।
नाही हाती निती।। सदा कृषी घटे।।
शेतकरी मिटे।। होई गत।।
हाल हलाखीचा।। संपेल अन्याय।।
अनुत्तरित न्याय।। प्रश्र्न हाच।।