STORYMIRROR

Prashant Shinde

Classics

4  

Prashant Shinde

Classics

कुंद..अभंग(६६६४)

कुंद..अभंग(६६६४)

1 min
577

कुंद कुंद कुंद। धुंद धुंद धुंद।

स्फुंद स्फुंद स्फुंद। सर्वाठायी।।


पिर पिर पिर। रिमझिम सदा।

पावसाची अदा। श्रावणात।।


पण पावसाळा। करे हा घोटाळा।

लागला हा लळा। फुकाफुकी।।


ढग हे नभात। वर वर जाती।

तोडोनिया नाती। क्षणार्धात।।


जीवाची कायली। कासावीस करे।

जीव गुदमरे। नित्यभावे।।


आता नको बाबा। अंत असा पाहू।

उगा नदी गाऊ। डोक्यावर।


पड एकदाचा। पाणी पाणी कर।

हात माझा धर। आनंदाने।।


नाचू एकसाथ। आनंदात नक्की।

खात्री आहे पक्की। दोस्तीची रे।।


ये रे लवकर। घेऊन आनंद।

दे परमानंद। जीवास रे।।


तुझे माझे नाते। हे जन्मोजन्मीचे।

आधार हे सच्चे। जन्मोजन्मी।।


Rate this content
Log in

Similar marathi poem from Classics