वो डायन थी
वो डायन थी
दोस्तों आपने अपने बचपन में अपनी नानी दादी से बहुत कहानियां सुनी होगी। हमने भी सुनीं है आपको भी नानी से सुनी एक कहानी सुनाते हैं।
यह उनके गांव की कहानी है गांव में लोग जादू टोना, भूत डायन वगैरह को बहुत मानते हैं। नानी के गांव में भी यह सब बातें बहुत प्रचलन में थी।
नानी बताती है एक बार गमिर्यों की छुट्टी में सब लोग नानी के गांव में पहुंचे। सब लोग बहुत खुश थे । नानी भी बहुत खुश थी सब बच्चों को नानी ने सख्त हिदायत दी थी पूरे गांव में कहीं भी जाओ मगर शाम को नदी के पास वाले बाग में मत जाना।
ऐसा क्यों नानी। बच्चों ने पूछा।
वहां डायन रहती है। नानी ने जवाब दिया।
वो क्या होती है।
वो इंसान को कच्चा खा जाती है। नानी ने कहा।
नानी ने अपना काम कर दिया। मगर बच्चे भी कहाँ मानने वाले वो तो वही करेंगे जो उनसे करने को मना किया जाएं। शाम को सब पहुंच गए बाग में खेलने। बाॅल खेल रहे थे बच्चे खेलते खेलते शाम ज्यादा हो गई। बच्चों को नानी की बात याद आ गई। वो लोग वापस घर लौटने लगे उन सबको बहुत डर लग रहा था। तभी उन्हें एक औरत मिली वो उनके पास आई उस औरत ने अपना मुंह ढक रखा था। उन बच्चों से बोली- तुम लोग श्यामा काकी के मेहमान हो ना। इस वक्त यहां क्या कर रहे हो।
हम लोग यहां खेलने आए थे देर ज्यादा हो गई ।अब घर लौट रहे थे। बहुत देर हो गई है डर लग रहा है।
डर क्यों लग रहा है भला । चलो मैं तुम्हारे साथ चलती हूं। वो औरत बोली। ठीक है च
लो आप हमारे साथ।
वो औरत बच्चों के साथ उनके घर पहुंच गई। घर में सब परेशान थे। सबने उस औरत को धन्यवाद दिया और कुछ दिन के लिए घर ही रुकने को बोला ताकि घर के काम में वो मदद कर सके। वो औरत खुशी खुशी वहां रूक गई ।
नानी को वो औरत कुछ ठीक नहीं लगी। वो उसका मुंह देखना चाहती थी पर वो अपना मुंह नहीं खोल रही थी।
आखिर में नानी उसे मछली बनाने को बोलकर रसोई से बाहर चली गई।
नानी सबके साथ बैठी थी पर वो औरत उनके मन में खटक रही थी। वो उठकर रसोई में पहुंची। रसोई की हालत देखकर उनकी आंखें फटी की फटी रह गई। वो औरत का मुंह खुला था और बहुत भयानक था उसका चेहरा वो कच्ची मछलियां खा रही थी। यह मंजर देख कर नानी खड़ी की खड़ी रह गई। वो डायन थी। उस डायन ने नानी को देखा वो नानी की तरफ बढ़ने लगी। नानी भी बिल्कुल नहीं घबराई उन्होंने फ़ौरन तवा उठाया और चूल्हे के अंगारों को उठाया और डायन पर फेंक दिया। वो घबरा कर भागने लगी उसकी आवाज सुनकर सब लोग इकट्ठे होने लगे। और डायन को देख कर डर गये।
वो डायन भाग गई सब लोग नानी की बहादुरी की तारीफ कर रहे थे। फिर वो कभी दिखाई नहीं दी।
इस कहानी में कितनी सच्चाई है यह तो मुझे नहीं मालूम। पर ऐसी शक्तियां होती है यह सुना है महसूस भी किया है। दुनिया में पाज़िटिव एनर्जी है तो निगेटिव एनर्जी भी मौजूद है।
इस कहानी के माध्यम से मैं कोई अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देना चाहती यह सिर्फ एक कहानी है जो मैंने अपने बचपन में सुनी थी।