Kunda Shamkuwar

Abstract

2.5  

Kunda Shamkuwar

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अल्फ़ाज़ औऱ शब्द बहुत दिनों के बाद रूबरू हुए। स्कूलों में साथ पढ़ने वाले दोस्त बहुत सालों के बाद मिलने पर जैसी बातें करते है ठीक वैसे ही दोनों आपस मे बातचीत करने लगे।

अल्फ़ाज़: मेरे बिना ग़ज़ल अधूरी है।

शब्द: मैं भजन को पूर्ण बनाता हूँ।

अल्फ़ाज़: मैं दरख्तों में बसता हूँ।

शब्द: मैं पेड़ों पर वास करता हूँ।

अल्फ़ाज़: फूलों में खुशबू मेरी वजह से है।

शब्द: फूलों में सुगंध मैं भरता हूँ।

अल्फ़ाज़: मैं तहजीब से रहता हूँ।

शब्द: तमीज के साथ मैं रहता हूँ।

अल्फ़ाज़: मैं मदरसों में पढ़ाता हूँ।

शब्द: मैं विद्यालयों में पढ़ाता हूँ।

तभी उनके बातचीत के शोर गुल में दनदनाती हुई अंग्रेजी वहाँ आयी,दोनों की तरफ अजीब सी निगाहों से देखते हुए कहने लगी,

"Please stop shouting. I am from Reputed public school and you both are disturbing me. Keep quiet now or just leave from here."

दोनों चुप हो गए क्योंकि अब उन दोनों की कोई value नहीं रह गयी थी शायद।


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