"वास्तु दोष (अंधविश्वास)
"वास्तु दोष (अंधविश्वास)


और नेहा दोनों को इंदौर शहर में अपने लिए नया घर की तलाश रहती है। राजीव ट्रांसफर हो कर आता है। प्रशांत उसका कुलिग है, वो उनके लिए घर देख कर रखता है। जब राजीव और नेहा आए तो प्रशांत उनको घर दिखाने ले गया। राजीव राजीवको तो पसंद आया पर नेहा को थोड़ा अटपटा लगा वो समझ तो नहीं पाई क्या कमी थी घर में....?
नेहा ने कहा एक -दो घर और देखते है पर राजीव की सोच थी अपने बजट में भी है, लोकेशन भी अच्छी है आँफिस के पास ही मिल रहा है। कल से आँफिस ज्वाइन करना है। नेहा भी एग्री हो जाती है।
उनका घर धीरे- धीरे सेट हो जाता है। नेहा ने देखा कि गार्डन के बाहर मेनगेट के पास दीवार की पर एक *लाल रंग का लेटर्स बाक्स" लगा है। लेटर बाक्स से वो डर रही थी। राजीव से भी कहा कि हमसे पहले जो किरायेदार रहते थे, उनका लेटर बाक्स रह गया है।
एक दिन नेहा नहाने के बाद पूजा की थाली में दीया जलाकर पूजा कर रही थी, तो उसकी साड़ी के पल्लू में आग लग जाती है। नेहा घबरा जाती है राजीव समझाता है, कोई बात नहीं हवा से पल्लू दीये पर गिर गया होगा। नेहा के मन में शंका बैठ जाती है। यहाँ कुछ गड़बड़ है।
राजीव आँफिस के लिए निकल जाता है। नेहा दिन में काम से फुर्सत हो कर टी. वी. ऑन करती है पिक्चर गड़बड़ होती है। एक आकृति प्रकट होती है। बहुत तेज़ अट्टहास की आवाज़ करती हुई गायब हो जाती है।
अब तो नेहा का शक यक़ीन में बदल जाता है। वो फौरन राजीव को फोन करती है, सब बताती है। राजीव कहता है। मैं अभी मिटिंग में हूँ बाद में बात करता हूँ। नेहा अपनी पड़ोस वाली "मिसेज खन्ना" के यहाँ जा कर सब बताती है कि घर में कैसे हादसे हो रहे हैं , पल्लू में आग लगने के बाद रात में डरावने सपने आ रहे हैं। कभी खिड़की खुल जाती है, कभी किसी के चलने की आवाजें आती है। राजीव का कहना है तुम्हारी सोच है मुझे तो कुछ नहीं लगता है।
संडे को राजीव अपने साथी प्रशांत की फेमिली को डिनर पर बुलाता है। उसकी वाइफ, नेहा के साथ किचन में रहती है, 7 साल बेटे का आर्नव के लिए राजीव टीवी चला देता है। राजीव और प्रशांत ड्राइंग रुम में बैठे बातें कर रहे थे।
आर्नव टीवी देखते हुए ज़ोर-ज़ोर से बातें करता है। प्रशांत भाग कर टीवी वाले कमरे में आता है और आर्नव से कहता है, किससे बातें कर रहे हो। आर्नव कहता है "दादा जी" से बातें कर रहा हूँ।
प्रशांत जल्दी से टीवी बंद करता है ,रीना को आवाज़ लगता है घर चलतें है। राजीव और नेहा कहते हैं अभी बैठो कॉफी बन रही है। प्रशांत थोड़ा घबराया हुआ कहता है नहीं, खाना अच्छा हो गया है अब कॉफी नहीं।
राजीव दूसरे दिन ऑफिस में प्रशांत से पूछता है। कल क्या हुआ था ? प्रशांत कहता है सर मेरे फॉदर की डेथ पांच साल पहले हो गई थी। आर्नव कह रहा था, "दादा जी से बात कर रहा हूँ। फिर राजीव ने भी बताया उस घर में कुछ भूत-प्रेत का वास है क्या?
प्रशांत कहता है मैं भी इस शहर में नया हूँ। ब्रोकर से पूछते हैं। पास में रहने वालों को भी इस घर से अजीब आवाज़ें सुनाई देती थी जब वो ख़ाली था।
राजीव और नेहा ने घर के बाहर लगे पुराने से "लाल लेटर बाक्स को निकाल कर कबाड़ में फेंक दिया था, जब घर में पुताई कराई थी तो उखाड़ कर फेंक देते है...! एक दिन नेहा फिर उस लेटर बाक्स" को वहीं दीवार पर लगा देखती है और राजीव से कहती है ये आपने लगाया है....!
राजीव कहता है नहीं मैनें तो स्टोर रुम में कबाड़ में रख दिया था।
बस जिस दिन से लेटर बाक्स को हटाया ये सब हादसे होने लगे।
"ब्रोकर सिर्फ" वास्तुदोष "बताता है पर राजीव और नेहा कुछ दिनों में ही घर ख़ाली कर के चले जाते हैं।