"वो कौन था"शेष भाग 4
"वो कौन था"शेष भाग 4


रमिया ...,
जंगल के दूसरे छौर पर पहुंच जाती है ।नदी किनारे जहां खंडहरनुमा किले है। जो बरसों से वीरान पड़े थे। रमिया "भूरा" को लेकर बरसात से बचने के लिए खंडहरों में रुक गई। उन खंडहरों कि किंवदंती थी। वहां भूत-प्रेत का वास है। गांव के लोग दिन में भी आने में डरते थे। रमिया बहादुर औरत थी ,डर तो पास से भी नहीं गुज़रा था।
थोड़ी ही देर में मस्त -मलंग सा आदमी उस खंडहर में अपनी बिल्ली के साथ बारिश से बचने के लिए आ जाता है। ये क्या वो रमिया को देख ठिठक जाता है। दूसरे बरामदें में चला जाता है।
बेमौसम बारिश से रमिया और भूरा भीग गए थे। मूसलाधार बारिश तो रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी। रमिया अंधेरे में टटोलने लगी कहीं कुछ सूखी लकड़ियां मिल जाए। खंडहरों कि खिड़की से हाथ टकराया। रमिया ने ज़ोर लगा कर खिड़की के पल्लों को खींचा तो पल्ला टूट गया। अंधेरे में ही कुछ सूखे पत्ते इकट्ठा कर इधर-उधर पत्थर ढूंढने की कोशिश करने लगी आग जलाने के लिए , रमिया और भूरा ठंड से कांप रहे थे। रमिया पत्थर ढूंढ लेती आग जलाने में सफल हो जाती है। ठंड से राहत मिलती है ।
रमिया घर से कुछ चने-भूगंडें टोकरी में रखे रखती है । बारिश से भीग गए थे।
रमिया को चिंता सता रही थी ।इस तूफ़ानी रात में घर लौटना कठिन था। रमिया को नींद के झोंके आने लगे थकी हारी थी। रमिया परेशान थी। पति झूंझून की बहुत याद आ रही थी ।कहते हे ना जब परेशान होतें हैं, तो जो सबसे प्यारा होता है उसकी याद सताने लगती है।
सपने में! भी
जब रमिया और झूंझून पहली बार मिले थे, झाबुआ" में शादी के पहले की प्रथा प्रचलित है भागौरिया हाट लगता है। जीवनसाथी चुनने पर लड़का-लड़की को लेकर जंगल में भाग जाता है। जंगल में घौटुल एक जगह है ।वह जगह नए जोड़ों को रहने के लिए बनाई गई हैं। नए जोड़े जंगल में महीनों रहते हैं । रमिया सपने में वही सब देखती रहती है।