कश्मीर ३९'
कश्मीर ३९'
कश्मीर ३९'
चैप्टर 1
F.R.I.E.N.D.S.
डेट 26/6/2038
लोकेशन : कालांतरा पायीन हाई स्कूल,गुलमार्ग, कश्मीर
नये सत्र में पहला दिन। ११वी कक्षा में सब स्टूडेंट्स अपना अपना परिचय दे रहे थे। कुछ पुराने स्टूडेंट्स थे तो कुछ नए, टीचर अटेंडेंस लगाती हैं, कुछ जरूरी बातें, स्कूल के नियम समझाती है। पहले दिन कुछ खास पढ़ाई तो होती नहीं है। थोड़ी देर बाद लंच ब्रेक का टाइम होता है। बच्चे शरारत करते, मस्ती करते, हँसते, खेलते नए दोस्त बनाते। कुछ बच्चे खामोश बैठे थे, तो कुछ ज्यादा ही शरारत करते। एक स्टूडेंट सब से अलग बैठा, किसी से भी बात नहीं की बस खामोश बैठ कर पूरे क्लास की हरकतें देख रहा है। एक शरारती लड़के का ध्यान उसपर जाता है। उसे वो शांत लगा इस लिए उसे परेशान कर ने कि कोशिश करता है। वह उसकी बाजू की चैर पर आ कर बैठता है।
अंश: "हे, न्यू ऐडमिशन! तुम्हारा नाम क्या है? कहाँ से आए हो?"
साम्य: "हाय, मेरा नाम साम्य है और मैं यही गुलमार्ग में ही रहता हूं। पहले में श्रीनगर पढ़ता था। और तुम?"
अंश: "अंश नाम है मेरा। पर सब मुझे आशू कह कर बुलाते है। वैसे यहां के रहने वाले तो नहीं लगते।"
साम्य: "हाँ, हम कुछ सालों पहले ही यहां शिफ्ट हुए है, मेरा मूल वतन गुजरात है।"
अंश: "शुक्र है ! तुम गुजरात से हो! मुझे तो पाकिस्तानी लग रहे थे।"
(पूरी क्लास जोर जोर से हँसने लगी।)
साम्य समझ गया कि वो उससे दोस्ती करने नहीं उसकी खिल्ली उड़ाने आया था, लेकिन साम्य को इन सब बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता। वो भी मुस्कुराने लगा।
अंश: "बुरा तो नहीं लगा? वैसे बुरा क्यों लगेगा! जो हो सो हो। टेररिस्ट ! आज कल तुम लोगो का आतंक बढ़ रहा है, कब सुधरोगे तुम लोग?"
साम्य: "आशु ! लगता है हम दोनों की अच्छी जमेगी"
अंश: "लो, करदी आतंकी वाली बात! मैं सच्चा देशभक्त हूं, मैं तुमसे कभी हाथ नहीं मिलाऊंगा।"
साम्य : "चलो छोड़ो ये नौटंकी। पहले दिन ही दुश्मनी कर लो गे? तुम्हारी मर्ज़ी तुम दोस्ती करना चाहो या दुश्मनी में दोनों ही अच्छे से निभाऊंगा।"
अंश : "अकड़ तो है तुम में। तुम्हारे साथ आएगा तो मज़ा। देखते है आगे क्या होता है।"
साम्य: "जल्दी डिसाइड करना।"
(एक लड़की उन लोगो के पास आ कर)
एमी: "आशु! क्या यार तुम भी पहले ही दिन। अरे अब हम छोटे नहीं है, ये सब लड़ाई झगड़े करना बंद करो।"
(साम्य से) सोरी...! हाय , आई एम एमी
(साम्य से हैण्ड शेक करती है। )
अंश एमी को गुस्से कि नजर से देखता है।
साम्य : "साम्य। मिलकर अच्छा लगा।"
अंश: "एमी!"
एमी : "आशु, तुम भी हाथ मिलाओ।"
अंश: नो वे!
एमी: "आशु !!"
अंश: "फाइन.! सिर्फ और सिर्फ तुम्हारे कहने पर, लेकिन दोस्ती की उम्मीद मत रखना।"
अंश साम्य से हाथ मिलाकर अपनी जगह पर चला जाता है।
एमी : "Can I sit here?"
साम्य: "sure"
एमी: "साम्य, अपने बारे में बताओ कुछ।"
ऐसे ही नए दोस्तों के साथ मुलाक़ात होती है और पूरा दिन गुज़र जाता है। साम्य घर आता है। उसकी छोटी बहन उसका इंतजार कर रही होती है। उसके घर उसकी मम्मी, उसकी छोटी बहन और साम्य तीन ही लोग रहते है उसके पापा हाई रेंकड़ मिलीट्री ऑफिसर है। इसी साल में इंडिया पर दो आतंकी हमले हो चुके थे, इस वजह से पूरे साल में साम्य अपने पापा से एक भी बार मिल नहीं पाया। बस सिर्फ फोन पर बात कर के उसे संतुष्ट होना पड़ता था।
स्कूल में साम्य की मुलाकात एक और लड़की आन्या से हुई थी। साम्य को आन्या को देखते ही कुछ होने लगा था। साम्य के दिमाग में आन्या का चेहरा बस गया था।
आन्या भी गुलमार्ग की रहने वाली थी। आन्या की फैमिली में आन्या, उसके मम्मी पापा, उसका बड़ा भाई और उसकी छोटी बहन है। आन्या अपनी लाइफ में बहुत खुश है। उसकी फ़ैमिली मिडल क्लास होने के बावजूद उसके मम्मी पापा ने कभी किसी भी चीज की कमी महसूस नहीं होने दी। उसका बड़ा भाई ग्रेट्यूएशन कंप्लीट करने के लिए दिल्ली चला गया था। आन्या को भी साम्य से मिलकर उसे भी लव एट फर्स्ट साइट वाली फिलिंग्स आ ही गई थी।
दूसरी ओर अंश भी अपनी लाइफ से इतना खुश तो नहीं था, लेकिन हमेशा वो खुश रहने की पूरी कोशिश करता था। उसे हर चीज में अव्वल रहना पसंद है, चाहे वो पढ़ाई हो कोई खेल हो या कोई प्रतियोगिता। उसके कोई भाई बहन नहीं थे। अपने बूढ़े माँ बाप का लाडला था। हाँ, वो उनकी अपनी संतान नहीं थी। अंश गोद लिया हुआ था, वो बात अंश को भी पता थी। उसके माँ बाप उससे इतना प्यार करते थे कि शायद उसके असली माँ बाप भी उसे इतना प्यार ना करते। बॉक्सिंग का शौक़ीन, जिम में तो उसकी जान बसती थी। जितना वो गुस्सैल और शरारती दिखता है पर वो दिल का बहुत अच्छा है। उसकी सबसे अच्छी दोस्त एमी थी।
एमी अंश को बचपन से जानती थी। एमी शांति प्रिय व्यक्ति थी। उसे लड़ाई झगड़े बिलकुल पसंद नहीं थे। एमी अंश की पड़ोसी थी। दोनों साथ में स्कूल जाते, साथ ही घर आते। एमी हमेशा अंश का खयाल रखती और अंश हमेशा उसका खयाल रखता। दोनों ही काफी अच्छे दोस्त थे। लेकिन एमी को भी लव एट फर्स्ट साइट हो गया था, साम्य से। वो जबसे साम्य से मिली है तबसे उसके बारे में सोच रही थी।
इन तीनों के अलावा साम्य ने दो और दोस्त बनाए थे अर्थ और सारा। दोनों ही पहले से लवर्स थे। जहाँ जाओ वहां दोनों साथ में ही दिखते थे। उनकी रिलेशनशिप के बारे में सबको पता था। अर्थ और सारा कम्यूटर प्रोग्रामिंग और गेम खेलने में माहिर थे, और उनकी पहली मुलाकात ऑनलाइन गेम्स में ही हुई थी। दोनों ही स्कूल के बाद गेम्स और सॉफ्टवेर पर काम करते रहते थे।
हाल ही में इंडिया पर दो बड़े आतंकी हमले हो चुके थे। इसका एक कारण हो सकता है अब इंडिया दुनिया की दूसरे नंबर की महा सत्ता वाला देश बन चुका था। पाकिस्तान के अलावा चीन के साथ भी संबंध बिगड़ चुके थे। आतंकी हमलों के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया जा रहा था। सोशल मीडिया पर काफी जंग छिड़ चुकी थी। जंग का पूरा माहौल बना हुआ था, पर दोनों देश अपने इकोनॉमी को ध्यान में रख कर जंग छेड़ना नहीं चाहते थे।
इस आतंकी हमलों के लिए पाकिस्तान भले ही जिम्मेदार नहीं था लेकिन आतंकवादी के कैंप तो भारत पाकिस्तान की बोर्ड के नज़दीक पाकिस्तान के जंगलों के बीच अंडर ग्राउंड में थे।
इंडिया को उनकी सिक्रेट एजेंसियों से पता चला था कि कोई बड़े हमले की आशंका है। सिक्योरिटी हर जगह हाई कर दी गई थी।
कश्मीर में एक महीने तक हाई अलर्ट जारी कर दिया गया था। हमले की बात को अब 6 महीने हो गए थे। फिलहाल सब कुछ नोर्मल चल रहा है।
कालांतरा पायीन हाई स्कूल बहुत बड़ी स्कूल है, जो तीन हिस्सों में C आकर में बनी हुई है। हर हिस्से में 21 रूम है। हर क्लास रूम डिजिटल टेक्नोलोजी से सजा था, बड़ी बड़ी डिस्पले, स्पीकर्स, प्रोजेक्टर्स लगे हुए थे। स्कूल में एक बड़ा प्ले ग्राउंड है, इनडोर स्टेडियम, बास्केटलबॉल स्टेडियम और फुटबॉल का मैदान भी है। स्कूल में तकरीबन 3 हजार स्टूडेंट्स पढ़ते है। स्कूल में हर एक इंसान, हर एक स्टूडेंट की एंट्री उनका स्केन होने के बाद होती थी।
क्लास में बच्चों की अटेंडेंस बायोमेट्रिक से होती थी। स्कूल में एक स्पेशल कंट्रोल रूम भी है जहां पर सीसीटीवी कैमरा की फोटोज, इलेक्ट्रिसिटी कंट्रोल और मेइन डोर के साथ बाकी के एंट्री के डोर एक्सेस होते थे। वहां से बच्चों की अटेंडेंस का मंथलि रिपोर्ट भी निकलता था।
साम्य का स्कूल में दूसरा दिन।
अंश से फिर से तकरार हुई, एमी ने अंश को रोका और उस से वादा करवाया की फिर से वो साम्य के साथ या किसी और के साथ झगड़ा नहीं करेगा। थोड़े दिन बीत गए। उन 6 लोगो की दोस्ती धीरे धीरे गहरी हो गई। अंश और साम्य एमी की वजह से दोस्त बने हुए थे।
सब लोग साथ में स्कूल आते, साथ में घूमते, साथ में खेलते। ब्रेक टाइम या फ्री टाइम में ज्यादातर सब इनडोर स्टेडियम में खेलते रहते। धीरे धीरे इनकी दोस्ती इतनी गहरी हो गए थी मानो एक दूसरे के बिना वो एक दिन भी स्कूल में नहीं रह सकते थे। अंश स्कूल में शरारत करता और सब हँसते, अंश हर वक्त सबको हँसता रहता। अंश बास्केटबॉल खेलने में अच्छा था। एक दिन उनकी मैच में लड़ाई हो गई। अंश को बचाने के चक्कर में साम्य और अर्थ भी पीट गए। उन लोगो ने भी सामने वाले लोगो को काफी पिटा। सबकी कंप्लेन हुई। सबको स्ट्रिक वॉरनींग दी और उनके परेंट्स को इनफॉर्म किया गया।
उस दिन स्कूल के बाद शाम को वो सब एक ग्राउंड में इक्कठा हुए।
साम्य को आन्या पट्टी बांध रही है, अंश को एमी और अर्थ को सारा चोट और कपड़े साफ कर रही है।
एमी : "आशु! मैने तुमसे क्या कहा था? तुमने वादा भी किया था। लायर..!"
अंश : "मेरी ग़लती नहीं थी, शुरुआत उन लोगो ने कि थी।"
सारा:(अर्थ से) "बेबी! दर्द हो रहा है। कितनी चोट लगी है! किसने बोला था तुम्हें लड़ने के लिए। सबसे ज्यादा तुम्हीं पिटे हो।"
अर्थ : "सारा! बंद करो। क्या यार तुम भी बेइज्जती करवा रही हो।"
सारा: "सॉरी बेबी। तुम ब्रेव हो अपने दोस्त के लिए लड़ाई में कूद गए, भले ही तुमने ज्यादा मार खाई।"
अर्थ सारा को गुस्से से देखता है।
आन्या: "तुम लोग भी, अजीब हो। वैसे तो यहां एक दूसरे से झगड़ते रहते हो और लड़ाई के वक़्त एक हो जाते हो।"
साम्य : "यही तो दोस्ती है।"
अंश :(साम्य से) "तुम को किसी ने नहीं बोला था आने के लिए। अकेला उन सब को संभाल लेता।"
साम्य : "हाँ ! पता है, कौन किसको संभालता। अगर में और अर्थ ना होते तो तुम्हारी हड्डी पसली एक कर देते वो लोग।"
जिसे देखो उसके साथ लड़ाई करता रहता है। एमी समझाओ इसको।
एमी: (एमी की आँखों में आँसू आ जाते है।) "मुझे तो अब तुम लोगो के साथ रहना ही नहीं है। तुम लोगो को जो करना है वो करो। स्कूल शुरू हुए एक महीना भी नहीं हुआ और लड़ाई शुरू।"
अंश: "सॉरी , एमी! अब ऐसा नहीं होगा।"
एमी : "तुम तो मुझसे बात ही मत करो। प्रोमिस किया थाना तुमने.! तो फिर क्यों प्रोमिस तोड़ा। आखिर ऐसी क्या बात हो गई की इतनी बड़ी लड़ाई हो गई।"
अंश:(अंश को वो लड़का बूढ़े बूढ़ी का बेटा कह रहा था, वो लड़का उसके माता पिता के बारे में बुरा भला बोल रहा होता है वो याद आता है।) "कुछ नहीं छोड़ो।"
साम्य :(एमी से) "एमी छोड़ो जो हो गया सो हो गया। शायद ग़लती उन्हीं लोगों की होगी।"
अंश : "एमी, आखिरी बार माफ़ कर दो।"
साम्य: "एमी...!(एमी को सिर हिला कर हाँ का इशारा करता है।)"
एमी: "अगली बार ऐसा कुछ होना नहीं चाहिए।"
अंश: "प्रोमिस !"
एमी: "फिर से प्रॉमिस!" (अजीब तरीके से उसे देखती है।)
अर्थ: "वैसे, हुआ क्या था? हम लोगो की लड़ाई क्यों हुई थी? कुछ पता ही नहीं है।"
खामखां उन लोगो को पीट दिया।
सारा की हँसी छूट जाती है।
उसके बाद सब लोग हँसने लगे।
आन्या : "क्यूट,लवर्स!!"
सारा: "तुम गेम में ही हीरो हो रियल लाइफ में नहीं। पर मुझे रियल लाइफ वाला अर्थ पसंद है। आई लव यु"
साम्य: "तुम लोग पूरा दिन गेम की ही बातें ले कर बैठ जाते हो। जरा हमे भी तो बताओ कौन सी गेम्स खेलते हो तुम लोग ?"
सारा: "G - वर्ल्ड, वर्ल्ड की नंबर 1 गेम।"
साम्य: “ G वर्ल्ड " इसके बारे में सुना है मैने। सोशल मीडिया पर काफी सारे लोग इसी गेम की बात करते है। गूगल की खुद की बनाई हुई गेम।
सारा: "हाँ ...! और इस गेम की खास बात है इसकी सिक्योरीटी। उस गेम को हैक करना इंपॉसिबल है। तभी तो 1 साल से नंबर वन पर ट्रेंडिंग चल रही है।"
एमी : 'मुझे भी गेम्स खेलना पसंद है। आशु तुम्हें ?"
अंश: "मैं तो ये फ़ालतू गेम्स नहीं खेलता।"
अर्थ: एक और गेम है, “ डार्क सोल्स"
अब तक की सबसे हार्ड गेम। इसके बारे में काफी बुरी अफवाहें फैली हुई है। उसकी बात भी नहीं की जा सकती।
साम्य: “डार्क सोल्स इसके बारे में भी मैने सुना है। ये गेम क्लियर करने पर आपको यही गेमिंग कंपनी जॉब ऑफर करती है।"
अर्थ: "हाँ , पर ये गेम खेलना इतना आसान नहीं है, अब तक पूरे वर्ल्ड में सिर्फ 100-150 जितने लोग ही इस गेम को क्लियर कर पाए है।"
साम्य : "तुमने खेली है ये गेम?"
अर्थ :" नहीं, पूरी दुनिया में ये गेम बैन है। उसके मिशन्स बहुत ही बुरे है।"
साम्य : "कैसे मिशनस?"
अर्थ : "बहुत बुरे! जैसे कि छोटे छोटे बच्चों के कत्ल करना। मैने कहीं पर पढ़ा था ये गेम खेलने वाला इंसान, इंसान नहीं रहता हैवान बन जाता है, पूरा निर्दयी। इस गेम के उस व्यक्ति पर इतनी बुरी मानसिक असर होती है कि पूछो मत।"
साम्य : "ऐसी गेम भला कौन खेलेगा ? तभी ये गेम पूरे वर्ल्ड में बैन है। पर जो लोगो ने गेम क्लियर करी उनका क्या ?"
अर्थ : "वो लोग का कुछ पता नहीं। ये सब लोग “डार्क वेबसाइट" यूजर्स थे। अब तक एक ही बार उनके नाम पब्लिश हुए थे।'
एमी: "(गुस्से से) तुम दोनों अपनी बकवास बंद करो। कितनी घटिया बातें ले कर बैठ गए हो।"
साम्य : "सॉरी!'
अर्थ : "सॉरी एमू !"
सारा : "बेबी, तुमने तो पूरा मूड बिगाड़ दिया। अब तो “G वर्ल्ड" खेलने का भी मन नहीं करेगा।"
अर्थ: "सॉरी!"
अंश : "अब चलो, घर चले?"
एमी : "हाँ चलो, अब कल मिलेंगे।"
साम्य: "हम...!"
सारा :(अर्थ से) "चले बेबी।"
अर्थ : "ओह नो ! पापा को क्या कहूँगा मैं ? पापा मुझ को मार ही डालेंगे। एक तो स्कूल में मार खाओ उपर से घर पर भी ! डंडा लेकर खड़े होंगे। मुझे कोई बचाओ प्लीज। मुझे घर नहीं जाना !"
सारा : (अर्थ से) "बेबी, मुझे तुम्हारे लिए बुरा लग रहा है, मुझे रोना आ रहा है, पर क्या कर सकते है। अगर हाथ पैर सलामत रहे तो मुझे कॉल कर देना।"
अर्थ: "तुम्हें मज़ाक मस्ती सूझ रहा है?"
आन्या:(साम्य से) "साम्य, तुम्हें तो पैर पर भी काफी चोट लगी है। अपने घर तक जा पाओगे?"
साम्य : "हाँ लगता तो है।"
आन्या : "तुम ठिक से खड़े भी नहीं रह पा रहे हो।"
एमी : "साम्य, इतनी ज्यादा चोट लगी है क्या? अगर ऐसा है तो हम घर छोड़ ने आते है। ऐसा करते है, सारा- अर्थ तुम लोग जाओ और मैं, आन्या और अंश साम्य को घर छोड़ कर हम वहां से घर चले जाएंगे।"
अंश: "तुम लोग जाओ, मैं तो चला घर। बाय।"
एमी: "आशु..! रुको...! साम्य की हेल्प करो।"
अंश: "उसे किसने कहा था लड़ने के लिए। बड़ा हीरो बनने चला था। ज्यादा... ! मैं तो चला।"
अंश दौड़ कर आगे चला जाता है।
सारा: "ओके! दोस्तों तो हम चलते है। बाय । कल मिलने।(अर्थ से) चलो बेबी।"
अर्थ : "बाय, दोस्तों कल मिलते है।"
अर्थ और सारा चले जाते है।
आन्या : "एमी, तुम्हें जाना है तो तुम जाओ अंश के साथ। मैं और साम्य आते है पीछे।"
एमी: "नाह ! He's ok, चलो हम तीनों भी चलते है।"
आन्या साम्य के हाथ पकड़ती है, एमी साम्य का हाथ अपने कंधे पर रखती है और तीनों चलते है।
साम्य के घर पर पहुँचने के बाद। साम्य की छोटी बहन दौड़ कर आती है।
साम्य की बहन: "मम्मी! भैया आ गए।"
एमी: "अरे, छुटकी तुम स्कूल से आ गई।"
साम्य की बहन:(मुंह फूला कर) "मेरा नाम जिमी है।"
एमी : "सॉरी !"
जिमी : "इट्स ओके दीदी...!"
आन्या: "अब हम चलते है, बाय। कल मिलेंगे"
एमी: "हाँ ! बाय साम्य।"
साम्य: "अरे, ऐसे कैसे? अंदर तो चलो। मेरी मॉम बहुत ही अच्छी कॉफी बनाती है। कॉफी पी कर जाओ।
एमी: "फिर कभी ! फिलहाल हमें देर हो रही है।"
आन्या: "हां ... नेक्स्ट टाइम ज़रूर आएंगे। बाय।"
आन्या और एमी चले जाते है।
साम्य उन दोनों को देर तक देखता रहता है।
जिमी : "भैया..! आपने तो इतनी जल्दी गर्लफ्रेंड्स भी बना ली! "
साम्य: "ऐसा कुछ नहीं है तुम चलो अंदर।"
जिमी : "अरे, भैया ! आपको चोट कैसे लगी?"
साम्य: "कुछ खास बात नहीं है ! बाद में बताऊंगा।"
दोनों घर में चले जाते है और दरवाज़ा बंद कर देते है।
डिनर करते वक्त साम्य, जिमी और उसकी मॉम न्यूज़ देखते है
“खबर दिल्ली से आती है हर कोई हमारी उपलब्धि का जश्न मना रहा है।
अब भारत दूसरा सुपर पावर देश है। पीएम ने अविश्वसनीय और जोशीला भाषण दिया।
एक और खबर आती है कि स्वतंत्रता दिवस निकट आता है, और आतंकवादी हमले की संभावना है। सभी सैन्य बल अत्यधिक सतर्क।
कुछ अंतरराष्ट्रीय समाचार। हमारे बदले के कारण सोशल मीडिया पर जंग छिड़ चुकी है। “हम आतंकवादी समूहों के बारे में कुछ नहीं जानते हैं। हम भारत के अधिनियम से बहुत निराश हैं। उन्होंने सीमा पार की और संयुक्त राष्ट्र के नियम को तोड़ दिया। हम इसे कभी नहीं भूलेंगे। ” पाकिस्तान सरकार का बयान।
चीन ने इसे पहले आर्टिफिशियल सुपर इंटेलिजेंस की शुरुआत की।
अमेरिका की नई टर्मिनेटर मिसाइल विश्व रिकॉर्ड तोड़ती है और दुनिया की सबसे तेज मिसाइल बन जाती है जो लगभग 10k KM/h की 10mach की गति तक पहुंच जाती है। भारत Mach 9 से थोड़ा पीछे ।
अब एक नजर खेल…(जिमी चेनल चेंज कर देती है।)
साम्य अपना डिनर खत्म कर के अपने रूम में चला जाता है।
चैप्टर 2
लव
डेट 19/08/2038
स्कूल शुरू हुए 1 महीने से उपर हो चुका था। सब कुछ नोर्मल चल रहा था। धीरे धीरे साम्य की फीलिंग्स आन्या के प्रति बढ़ रही थी। आन्या भी साम्य से लव करने लगी थी, पर दोनों ही डरते थे। कहीं अगर अपनी फिलिग्स बताई तो दोस्ती भी खो ना दे। एमी भी साम्य के बारे में ही सोचती रहती थी। इस लव ट्राइएंगल के बारे में अर्थ और सारा को आभास होने लगा था। अंश को इन लोगो के मामले में कोई इंटरेस्ट नहीं था। अर्थ और सारा भी अपनी मौज मस्ती में थे। एक दिन अर्थ स्कूल बंक कर के घूमने जाने का प्लान बनाता है। और इस बात का डिस्कसन कर ने सबको लंच ब्रेक पर इनडोर स्टेडियम में बुलाता है।
एमी,आन्या,सारा,अर्थ,अंश और साम्य सब लोग इनडोर स्टेडियम में इक्कठा होते है।
एमी : "अर्थ, बताओ क्या बात है। क्यों बुलाया है हमे यहां?"
अर्थ: "कभी क्लास बंक करी है?"
आन्या,एमी : "नाह...!! कभी नहीं।"
अंश : "सोचना भी मत। ये कालांतरा पायीन स्कूल है कोई ऐसी वैसी स्कूल नहीं है।"
साम्य: "हाँ! अगर तुम्हें कुछ काम है तो छुट्टी ले लो।"
सारा: "बेबी, ये क्या बातें कर रहे हो?"
अर्थ: "अरे, मेरी पूरी बात तो सुनो। अगर हमारी अटेंडेंस भी लग जाए और स्कूल भी ना आना पड़े तो?"
साम्य: "इंपॉसिबल। अटेंडेंस के लिए हम स्कूल में आना ही होगा। हमारी बायोमेट्रिक स्कैन के बिना अटेंडेंस लग ही नहीं सकती।"
"आन्या: (सिर हिलाते हुए।) नहीं हो सकता...!"
एमी: "अर्थ, हमारा टाइम वेस्ट मत करो।"
अर्थ: "ठीक है, मेरी बात ध्यान से सुनो। मैं ये कर सकता हूं। मैं स्कूल की सारी सिस्टम्स हैक कर सकता हूं। मेइन गेट पर हमारे ना होने के बावजूद मैं सिस्टम हैक कर के हमारी एंट्री करवा सकता हूं, और क्लास में अटेंडेंस बायोमेट्रिक को हैक कर के हमारी अटेंडेंस लगा सकता हूं।"
अंश : "तुम्हारा दिमाग ठिकाने पर है?"
साम्य: "तुमने स्कूल की सारी सिस्टम हैक कर सकते हो...??!!"
अर्थ : "हाँ, सबकुछ। सीसीटीवी कैमरा से लेकर पावर सप्लाई तक।"
साम्य: "नो वे! स्कूल की सिस्टम को हैक करने के लिए हैकिंग में हाई लेवल का नॉलेज होना चाहिए। और अगर प्रिंसिपल को पता चल गया तो क्या होगा पता है?"
अर्थ: "अब तक पता नहीं चला अब कैसे पता चलेगा?"
सारा, आन्या, एमी : "अब तक मतलब...!"
अर्थ : "मैने एक महीने से हैक कर रखी है। प्रूफ चाहिए। चलो बताओ मैं इस महीने कितनी बार एबसेंट रहा?"
सारा: "4-5 बार..।"
अर्थ : "करेक्ट..!आज में कंट्रोल रूम गया, वहां से मैने मेरी इस मंथ की अटेंडेंस रिपोर्ट निकलवाई। ये देखो इसमें में कितनी बार एबसेंट हूं?"
सारा: "सिर्फ 1 बार..!! ये तुमने कैसे किया।"
साम्य: "मैं समझ गया तुमने कैसे किया, क्लास टीचर फिजीकली कभी नहीं गिनते। मेईन गेट में 3 हजार स्टूडेंट्स आते है। तो सिस्टम जो दिखाएगा वोही सही। पर सीसीटीवी कैमरा...?"
अर्थ : "इसमें क्या..। किसी पूरा ने दिन की फुटेज उठाओ और पूरे दिन के लिए वही प्ले कर दो। वैसे भी कौन कैमरा की फोटोज देखता है।"
साम्य: "इन शोर्ट, हमारे पकड़े जाने की कोई गुजाईश नहीं। जब तक क्लास टीचर फिजीकली चेक ना करे तब तक।"
अर्थ : "आज तक उन्होंने चेक किया है? ना"
साम्य सोचने लगा “ That was crazy." "वैसे भी हम लोग हर रोज 10 से शाम के 5 बजे तक स्कूल में रहते है, हम सब साथ मे घूमने जाए ऐसा मौका कभी नहीं आया। संडे को सब लोग अपनी अपनी फैमिली के साथ वक्त बिताते है। मुझे पता है ये ग़लत है पर स्कूल बंक कर के पूरा दिन दोस्तों के साथ बिताना... अमेजिंग।"
अर्थ : "क्या सोच रहे हो....सिर्फ एक दिन की तो बात है।"
आन्या: नो वे, कभी नहीं।
अर्थ: "सिर्फ एक बार...आन्या,एमी,साम्य..।"
इस के बाद में कभी नहीं कहूंगा प्रॉमिस, मैने बहुत सुना था अपने बड़े भाई से की कैसे वो लोग ऐसी शरारतें करते थे। उनकी बातें सुनकर मुझसे रहा नहीं गया और मैने तभी फैसला कर दिया था कि हम सब एक दिन स्कूल बंक करेंगे। और सिस्टम हैक इस लिए करनी पड़ी अगर हम एबसेंट हुए तो तुरंत हमारे पेरेंट्स पर मैसेज आयेगा की ‘आपका लड़का या लड़की आज स्कूल नहीं आए है। जो भी रीज़न है आप स्कूल को इनफॉर्म करे।' और ये मैसेज मेरे पापा के पास गया तो.!!
"साम्य प्लीज एक बार ! मैने कितनी मेहनत की है। इस के बाद मे सिस्टम भी ठीक कर दूंगा।"
अंश : "बेवकूफ...! हम..नहीं..."
साम्य: "अंश रुको। अर्थ ठीक है, पहली और आखिरी बार। पर इसके बाद तुम्हें सिस्टम को ठीक कर देना पड़ेगा। हम चलेंगे।"
अंश: "साम्य...तुम्हारा दिमाग तो ठिकाने पर है ना?"
साम्य: "जिसको चलना है चल सकता है। जिसको नहीं आना उसे कोई जबदस्ती नहीं है।"
आन्या: "नहीं, अगर हमारे पैरेंटस को पता चल गया तो?"
साम्य: "आन्या, डरो मत।"
एमी: "ठीक है। में तैयार हूँ चलने के लिए। आन्या तुम डरो मत चलो एक बार बाहर की दुनिया के मज़े तो ले।"
आन्या: "हम...!"
सारा:(अर्थ को) "बेबी, मैं तो तुम्हारे साथ कहीं पर भी चलने के लिए तैयार हूं।"
साम्य: "आशु...! क्या सोच रहे हो..! चलो आखिर हमे एक ब्रेव दोस्त की जरूरत है।"
अंश : "फाइन ओनली वन टाइम, कब चलना है?"
अर्थ : "can't wait..!, हम कल ही चलेंगे। गुलमार्ग के खूबसूरत पहाड़ों पर, वहां के जंगलों में नदियों के पास।"
साम्य: "ओके एक आखिरी सवाल।"
अर्थ: "हाँ , बोलो।"
साम्य: "तुमने सिस्टम हैक कैसे किया?"
अर्थ अपनी बैग से टैबलेट निकालता है।
अर्थ : Alianware Tab X PRO. हाई रेटेड एडवांस Tab.
एमी: "इंपॉसिबल..!"
साम्य: "मैने तुम्हें जितना समझा था उससे कई गुना तेज़ हो तुम। फिर भी ये हैकिंग करना इतनी आसान नहीं है। वो कहाँ से सीखे?"
अर्थ: "किसी को बताना मत...! मेरे भाई ने ये सब कुछ सिखाया है। वो “Advance coding and programming Engineer " है। और वो इंडिया की डिफेंस एजेंसी के लिए काम करता है। दुख की बात ये है कि हम डेढ़ साल से नहीं मिले। ना ही कोई बात हुई है। भगवान करे वो सलामत हो...!"
साम्य: "ओहो...! तो तुमने बताया क्यों नहीं। की वो भी मिलेट्रि में है।"
अर्थ : "नहीं, वो मिलिट्री में नहीं है। गवर्मेंट उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेती।"
सारा कुछ सोच ने लगी...
सारा: "इसका मतलब तुमने गेम्स भी हैक कर रखी होगी! यू लायर, आई हेट यू "
अर्थ: "नो , बेबी., मैने गेम्स कभी हैक नहीं करी।आई स्वयेर "
सारा:(गुस्से से) "अगर मुझे पता चला कि तुमने गेम हैक करी तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा, हफ...!"
साम्य: "तो तय रहा कल सुबह स्कूल के पीछे वाले रास्ते पर सब मिलेंगे और वहां से कोंगदूरी चलेंगे उसके बाद SKI स्कूल और अंत में खिलनमार्ग।"
एमी: "लगता है कल बहुत मज़ा आने वाला है।"
आन्या: "मुझे डर लग रहा है।"
अंश: "ठंड ज्यादा होगी। सब अपनी अपनी तैयारी के साथ आना।"
सारा: "आई एम रेडी"
अर्थ: "हम..! थैंक यू ऑल।"
दूसरे दिन, सुबह।
अंश : "मॉम ..! आज लंच थोड़ा ज्यादा भरना। वो क्या है ना दोपहर में भूख ज्यादा लगती है।"
अंश की मॉम : ठीक है।"
अंश: "और मेरा कोट कहाँ रखा है?"
अंश की मॉम :" कबबोड में ही होगा। अचानक आज क्यों कोट की याद आयी?"
अंश: "वो...वो... आज कुछ ज्यादा ही ठंड है। और मॉम आज शायद स्कूल से आते वक़्त थोड़ी देर हो जायेगी।"
अंश की मॉम : "क्यों..?आज कोई खास बात है?"
अंश: "ऐसा तो कुछ नहीं है...! पर शायद दोस्तों के साथ थोड़ी देर हो जायेगी।"
अंश की मॉम : "ठीक है बेटा, अपना खयाल रखना और इधर उधर ज्यादा घूमना मत...!"
अंश घर से निकल पड़ता है। अंश की मॉम उसे दरवाज़े पर खड़ी रह के देखती रहती है।
थोड़ी दूर जा कर अंश दौड़ कर वापस अपने घर आता है।
अंश की मॉम : "क्या हुआ बेटे?"
अंश: "आई एम सॉरी मॉम, मैं आज स्कूल नहीं जा रहा। हम दोस्तों ने मिलकर स्कूल बंक कर के घूमने जाने का प्लान बनाया है।
ज्यादा दूर नहीं जाएंगे। बस यही कोंगदूरी और खिलनमार्ग। मॉम , मना मत करना प्लीज़।
अंश की मॉम : "ठीक है बेटा जाओ पर अपना खयाल रखना। क्या एमी भी चल रही है तुम्हारे साथ?"
अंश: "हाँ ! उसके घर वालों को मत बताना।"
अंश की मॉम : "ठीक है, मज़े करो और शाम को हो सके तो 6 बजे से पहले आ जाना।"
अंश: "ठीक है।"
अंश निकल पड़ता है।
सारे लोग प्लान के मुताबिक स्कूल के पीछे मिले। अर्थ ने हैकिंग से सबकी एंट्री और अटेंडेंस लगवा दी। क्लास की सीसीटीवी फोटोज भी 15 दिन पहली वाली रिप्ले कर दी। सब लोग प्लान के मुताबिक घूमने चले गए। पूरे दिन बहुत मज़े किए। उस दौरान एमी को पता लग गया कि साम्य आन्या से लव करने लगा है। और आन्या को पता चल गया कि एमी साम्य से प्यार करने लगी है। दोनों ही काफी उलझे हुए रहने लगी। उस सब के पीछे सारा और अर्थ की शरारत थी। आन्या और एमी की दोस्ती गहरी थी इस लिए आन्या एमी के लिए साम्य से दूर रहने लगी। ठीक वैसे ही एमी आन्या के लिए साम्य से दूर रहने लगी। साम्य कुछ समझ नहीं पाया कि उन दोनों को क्या हुआ। अंश, अर्थ और सारा ये सब देख के मज़े ले रहे थे। सारा के मन में सवाल आया आखिर साम्य सच में किसे पसंद करता है, आन्या को या एमि को? उसे साम्य से ही पूछना ठीक लगा।
साम्य और सारा सबसे थोड़ी दूर जा कर।
सारा: "साम्य, मैं जो भी पूछूं सच सच बता ना।"
साम्य : "अब तुम्हें क्या हुआ? क्या जानना है?"
सारा: "मैं कब से देख रही हूं। तुम आन्या को फँसाने के चक्कर में हो..!"
साम्य हक्का बक्का रह गया। शर्म के मारे उसका चेहरा लाल हो गया।
साम्य: "ऐसा कुछ नहीं है...! तुम्हें कोई ग़लतफहमी हुई है।"
सारा: "तो तुम्हें एमी पसंद है?"
साम्य: "नहीं...! मेरा मतलब वो मेरी अच्छी दोस्त है और कुछ नहीं।"
सारा: "सच सच बताओ। वरना में एमी और आन्या दोनों को बता दूंगी।"
काफी बहस करने के बाद साम्य मान गया कि उसे आन्या पसंद है।
एमी ने ये बातें सुन ली। एमी की आँखों में आँसू आ गए। पर अपने आप को संभालते हुए उसने फैसला किया कि साम्य को आन्या से मिलवा देगी। और कभी वो साम्य के बारे में नहीं सोचेगी। एमी ने आन्या को बताया साम्य तुम्हें पसंद करता है और साम्य को बताया आन्या तुम्हें पसंद करती है। और दोनों से कबूल करवाया कि वो दोनो एक दूसरे से पसंद करते है।
साम्य: "एमी, ये बात हम जब तक किसी को ना बताए तब तक हम 6 लोगो के अलावा किसी को पता नहीं चलनी चाहिए।"
एमी: "हम..!प्रोमिस।"
सारा हैरान थी एमी की कुर्बानी देख के।
एमी मन ही मन दुखी थी। सारा एमी का दर्द समझ सकती थी।
अंश किसी और बात को लेकर थोड़ा डरा हुआ, थोड़ा घबराया हुआ था। उसने जंगल में एक अजीब चीज देखी इंसान जैसी परछाई पर वो डरा था उसकी लाल चमकती आँखें देख कर। थोड़ी देर तक वो सोचता रहा और मन का वहम समझ कर किसी को बताया नहीं। कुछ दिन गुजर गए।
आन्या और साम्य की लव स्टोरी चलने लगी। एमी सबके सामने हस्ती मुस्कुराती पर अंदर से वो काफी उदास थी। अपना दर्द छुपाती फिरती थी।
एमी अपने इमोशन्स कंट्रोल नहीं कर सकती थी और हर रोज अकेले रोया करती थी, पर किसी को एहसास भी नहीं होने देती थी कि वो दुखी है। इस वजह से वो धीरे धीरे सबसे दूर रहने लगी। एक्जाम्स सभी ने अच्छे नंबर्स से क्लियर करी पर एमी के नंबर्स काफी कम आए। सब लोग हैरान थे खास कर के अंश, सारा और अर्थ क्यों की उनको यकीन ही नहीं हुआ की क्लास की टॉपर के सबसे कम नंबर्स...!
सारा समझ गई। उसने एमी को समझाया।
“ऐसे अकेले मत रहा करो।" “जो हो गया सो हो गया।अब पछताने से कोई फायदा नहीं है, तुम्हें तो ख़ुश होना चाहिए। देखो साम्य और आन्या को वो आज तुम्हारी वजह से इतने खुश है। तुम्हारी जैसी दोस्त नसीब वालों को मिलती है। मुझे पता है, तुम साम्य और आन्या को हमेशा खुश देखना चाहती हो तो फिर तुम क्यों दुखी हो रही हो। अब अपना ध्यान पढ़ाई पर लगाओ। एक बात याद रखो तुम जितना अपना दर्द दबा के रखोगी इतना ही वो बढ़ता जाएगा। में तुम्हारे साथ हूँ । हमारे फ्रेंड्स साथ है, आन्या और साम्य हमारे साथ है।"
“अभी तुम्हारे लिए जान भी दे दे ऐसे तुम्हारे दोस्त तुम्हारे साथ है।"
इसके बाद से सारा एमी को कभी अकेला नहीं रहने देती थी। धीरे धीरे एमी वापस उन सब के साथ घुल मिल गई।
डेट : 31/12/2038
लोकेशन : D.A.R.K organisation H.Q. Somewhere in PoK.
एडवांस टेकनोलॉजी से सहज इस ऑर्गेनाइजेशन में कुछ लोग कंप्यूटर पर काम करते दिखते है।
उस ऑर्गेनाइजेशन का लीडर सब पर नजर रख रहा होता है। काम करते हुए एक इंसान बोला “सर, पहला एक्सपेरिमेंट कामयाब रहा।" “ सब कुछ हमारे प्लान के हिसाब से चल रहा है। कुछ ही दिनों में सब अपनी अपनी पोजिशंस पर होंगे।"
लीडर : "गुड !"
अब वो दिन दूर नहीं है।
(वो इसके टेब में देखता है, कुछ न्यूज चलरही होती है जिसकी तारीख 24/02/2039 दिखाई देती है। न्यूज़: “इन्डिया के सबसे बड़े खलनाय का पतन हो चुका है, पर उसने बनाए माहौल से पूरी दुनिया जुज़ रही है। वर्ल्ड वॉर रोकने की कोई गुंजाइश नहीं है।")
दूसरा इंसान : "इस बार इंडिया अपना रिपब्लिक डे नहीं मना पाएगा।"
लीडर : "नहीं...! ये जंग उस दिन ख़तम होगी जिस दिन ये शुरु हुई थी। कोई जल्दबाजी नहीं करनी है। यही हमारा पहला और आखिरी मौका है। हमारा मिशन सिर्फ कश्मीर और इंडिया तक नहीं है।"
(अजीब मुस्कान के साथ)
"पाकिस्तान और चाईनीज गवर्मेंट से कॉन्टेक्ट करने की तैयरियाँ करो.! और तब तक छोटे मोटे धमाके जारी रखो...।"
चैप्टर 3
रोज़ एंड ब्लड
10...
9...
8...
7...
6...
5...
4...
3...
2...
1...
हैप्पी न्यू ईयर..!
पटाखे फूटने लगे। आसमान रंग बिरंगी पटाखों से भर गया। सब लोग न्यू ईयर की बधाइयाँ दे रहे थे।
साम्य, आन्या, एमी, अंश, सारा, अर्थ सभी न्यू ईयर की पार्टी करी। सबने बहुत मज़े किए। पार्टी करने के बाद सब अपने अपने घर वापस चले गए।
डेट : 08/01/2039
फिर से स्कूल शुरू हो गईं थी।
हर रोज़ की तरह आज भी सब लोग इनडोर स्टेडियम में इक्कठा थे।
अंश: "दोस्तों, एक गुड न्यूज़ है। हमारे स्कूल में स्पोर्ट्स कॉम्पिटिशन ऑर्गेनाइज हुआ है।
और यहां पर जितने वाले प्लेयर्स हमारी स्कूल को रिप्रेजेंट करेंगे स्टेट लेवल पर।"
साम्य : "याह...! मैने तो अपना नाम अभी से फुटबॉल में लिखवा दिया है।"
अंश: मैने बास्केटबॉल में।
अर्थ : "अह...स्कूल कोई ऑनलाइन गेम्स का कॉम्पिटिशन क्यों नहीं रखता...?"
सारा: "बेबी, तुम्हें नहीं लगता कि ऑनलाइन गेम्स के अलावा तुम्हें कुछ और भी खेलना चाहिए। साम्य और आशु को देखो दोनों कितने फिट है।"
अर्थ: "ओह... प्लीज़!"
एमी: "बेस्ट ऑफ़ लक गाइस विथ योर गेम्स"
आन्या: "फुटबॉल में तुमने क्यों हिस्सा लिया?
मतलब तुम कोई और सेफ गेम में हिस्सा लेते।"
साम्य: "अन्नू...! इतनी फिकर मत करो।"
अंश: "अभी तो काफी वक्त है गेम्स 02/02/2039 में होने वाले है और आज तो अभी...08 ओह... नो...!"
साम्य: "क्या हुआ?"
अंश : "कुछ नहीं। मैं तो ये कह रहा था कि अभी पूरा एक महीना है हमारे पास।"
साम्य: "हाँ , वो तो है पर अभी तुम कुछ और कह रहे थे..?"
अंश: "कुछ भी तो नहीं।"
(रिंग बजती है।)
सारा और अर्थ: "चलो गाइज। क्लास शुरू हो गई।"
अंश: "तुम लोग जाओ,मैं और साम्य पीछे आते है।"
सब लोग चौक गए।
एमी : "तुम्हारी तबियत तो ठीक है ना। तुम और साम्य के साथ।"
अंश: "हाँ , तुम लोग जाओ मुझे साम्य से जरूरी बात करनी है।"
आन्या:" चलो...! वरना क्लास में देर हो जाएगी।"
सब लोग वहां से चले जाते है। अंश और साम्य कुछ बातें करते हुए पीछे आ रहे थे।
स्कूल खत्म होने के बाद सब अपने अपने घर चले गए।
डेट : 09/01/39
देर रात के वक्त एमी पर सारा का कॉल आता है।
एमी: "हेय, सारा...! क्या हुआ? इतनी रात को क्यों कॉल किया?"
सारा:(डरी हुई आवाज़ में)"एमी...एमी...मुझे बचा लो। मेरी मदद करो।"
एमी घबराते हुए अपने बेड से खड़ी हो गई।
एमी: "क्या हुआ सारा...? क्या बात है? तुम इतनी डरी हुई क्यों हो?"
सारा: "एमी जल्दी से यहां आ जाओ...! स्कूल वाले रास्ते पर...! मुझे बहुत डर लग रहा है।"
एमी : "तुम डरो मत में अभी आ रही हूं।"
सारा :(फोन में चिल्लाते हुए) "एमी..एमी..."
सारा के हाथ से कोई फोन छीन लेता है और एमी से कहता है “अगर तुम्हारी दोस्त को सही सलामत देखना चाहती हो तो जो कहा जाए वो करती जाओ, कोई चालाकी मत दिखाना।"
एमी: "हेलो..हेलो..! कौन हो तुम? सारा को कुछ मत करना।"
फोन में से आवाज़ : "किसी को कुछ भी बताए बिना, किसी को पता ना चले वैसे तुम इस लड़की ने बताए रास्ते पर तुम्हारे पास जितने रुपए है उतने ले कर आ जाओ। जल्दी...!"
एमी: "मैं ...अभी आ रही हूं।"
एमी अकेली ही डरती हुई सारा ने बताए रास्ते पर अपने पास जितने भी रुपए थे उतने लेकर आती है। तभी पीछे से दो लोग आ कर एमी को दबोच लेते है। एमी की आँखों और मुंह पर पट्टी बांध कर उसे किडनैप कर लेते है। थोड़ी देर बाद एमी को एक बिल्कुल अंधेरे रूम में ले जाकर उसकी आँखों और मुंह पर से पट्टी खोल देते है।
एमी(रोते हुए): "कौन हो तुम लोग। मेरी दोस्त कहाँ है। (वो चिल्लाने लगी) कोई बचाओ।"
सारा: "एमी...एमी मुझे माफ़ कर दो।"
एमी अंधेरे में इधर उधर देखती है।
एमी: "सारा...सारा... कहाँ हो तुम? तुम ठीक तो हो? ये लोग कौन है?"
“अभी पता चल जाएगा। जरा एक मिनट रुको।"
एमी: "सारा..."
अचानक से लाइट ऑन हुई।
गुब्बारों से भरी हुई। अच्छे से सजाए हुए एक रूम में अपने सामने अंश, साम्य, अर्थ, आन्या, सारा अंश के मम्मी पापा, एमी के मम्मी पापा साम्य की छोटी बहन सब दिखते है।
“हैप्पी बर्थडे एमी "
एमी की खुद को रोक नहीं पाई। जोर जोर से रोने लगी। अंश के पास आकर उसे धीरे धीरे मारने लगी।
एमी: "तुमने तो मुझे डरा ही दिया था। मेरी जान निकल जाती अभी। बेवकूफ...!"
(उसके मम्मी पापा से) "मम्मी, आप भी...! पापा आप भी...!"
एमी के पापा: "बेटी, हम तुम को सरप्राइज देना चाहते थे। आज मुझे भी अपने पुराने दिन याद आ गए। मेरे दोस्त भी ऐसे ही सरप्राइज देते थे। बेटे ये दिन तुम्हें हमेशा याद रहेंगे। तुम्हें इतने अच्छे दोस्त मिले है।"
सारा: "एमी...! मुझे बचाओ...हा...हा...हा...!!"
एमी: "सारा, तुम्हारा बर्थ डे आने दो फिर में तुम्हें बताती हूँ कैसे सरप्राइज देते है...!"
सारा: "सॉरी...ये सारा प्लान साम्य और अंश ने बनाया था।"
आन्या: "अरे...! एमी, चलो जल्दी से केक काटो।"
एमी: (आँसू पोंछते हुए।) "हाँ ...!"
सब ने एमी को बर्थ डे विश किया।
एमी ने केक काटा, सबने गिफ्ट दिए, और शानदार पार्टी कर के एमी का बर्थ डे मनाया।
डेट : 11/01/2039
सब की रेगुलर पढ़ाई चल रही थी।
स्कूल छूटने के बाद सब लोग साथ घर जा रहे थे।
एमी: "साम्य, आज तुम प्रिंसिपल की ऑफ़िस में क्या कर रहे थे?"
"साम्य: ओह... सॉरी ...! दोस्तो मैं तुम सब को बताना भूल गया। मैं गुजरात जा रहा हूं।"
सब लोग: "क्या...?क्यों? कब ?"
साम्य : "आप सबको तो पता है, मेरे पापा फाइव स्टार रैंकिंग मिलेटरी ऑफिसर है और फिलहाल हुए हमलों की वजह से वो घर भी नहीं आ सकते। मेरी दादीमा की तबियत कुछ दिनों से ठीक नहीं है। उनकी देख भाल की सख्त जरूरत है। इस लिए हम गुजरात जा रहे है। आज प्रिंसिपल से यहीं बात करने गया था।"
आन्या: "कितने दिनों के लिए...?"
साम्य: "20 दिनों के लिए।"
आन्या के कदम रुक गए।
आन्या:" 20 दिनों लिए...?!"
साम्य : "हाँ ...!"
एमी: "तो तुम्हारी पढ़ाई का क्या होगा?
साम्य: "हाँ ..! यही बात प्रिंसिपल को बताई । उन्होंने बताया स्कूल की और से वो लोग हर रोज मुझे रोज की पढ़ाई के वीडियो और मटेरियल इमेल कर देंगे। आखिर वो लोग इतना तो कर ही सकते है।"
अंश:" एक मिलेट्री मैन होना कितना मुश्किल है। अपने देश के लिए अपने परिवार को छोड़ना। चाहते हुए भी अपनों से नहीं मिल सकते। जरूरत के वक्त अपने ही माता पिता से दूर होना...। मैं समझ सकता हूं तुम्हारे पापा पर क्या बीत रही होगी। ऐसे हर सिपाही को सैल्यूट.!"
अर्थ : "और इसी लिए वो अपनी कमी को पूरा करने तुम्हें वहां भेज रहे है।"
साम्य: हाँ ...!
एमी:(थोड़ा इमोशनल हो कर)" तुम बेझिझक जाओ।"
आन्या की आँखों में आँसू आ गए। वो रोने लग गई।
सारा: "कब से जा रहे हो?"
साम्य: "परसों सुबह निकल ना होगा। लीव भी ग्रांट हो गई है।"
सारा :(आन्या की तरफ देख कर) "तुम सब चलो। साम्य...(आन्या की तरफ इशारा कर करती है।)"
अर्थ: "हाँ ... अभी कल भी तो मिलना है।"
सब लोग आगे चलते है।
आन्या और साम्य पीछे रुक गए।
साम्य आन्या को समझाता है “कुछ ही दिनों की तो बात है। बीस दिन तो यू ही निकल जाएंगे।" काफी देर तक बातें करने के बाद अपने अपने घर चले गए।
सब लोगो ने साम्य को रेलवे स्टेशन तक छोड़ ने का प्लान बनाया।
साम्य, उसकी छोटी बहन और उसकी मॉम को स्टेशन तक छोड़ने आए। सब लोगो ने साम्य और इसके परिवार को विदा करा।
आन्या, एमी इमोशनल हो गए।
स्कूल में किसी का भी मन नहीं लगता था।
सब लोग गुमसुम रहने लगे। सब शाम होने का इंतजार करते और स्कूल छूटते ही साम्य को वीडियो कॉल करते। उसकी ग्रेनी की हालचाल पूछते। साम्य की छोटी बहन से बातें करते।
आन्या एक एक दिन गिन गिन के काटती थी। दिन बीतते गए। सब लोग साम्य के वापस आने का इंतजार करने लगे।
पर उस दौरान साम्य के बूढ़ी दादी की डेथ हो गई। साम्य को कुछ और दिनों तक उसको वहीं रुकना पड़ा।
डेट : 25/01/2039
(वीडियो कॉल में)
साम्य: "दोस्तों एक बुरी खबर है। ग्रैंड मा अब नहीं रहि।
सब लोग हैरान हो गए। साम्य को आश्वासन देने लगे।
साम्य: मुझे कुछ दिन और रुकना होगा।"
एमी : "और कितने दिन?"
साम्य: "मैं 01 तारीख को वापस आने वाला था पर अब शायद एक हफ्ता और रुकना होगा। 10 तारीख को वापस आऊंगा । मेरी मॉम और जिमी कुछ और दिन रुकेंगे ।"
अर्थ: '10 तारीख को...! तब तक तो स्पोर्ट्स वीक भी ख़तम हो जाए गा।"
साम्य: "कोई बात नहीं..! नेक्स्ट ईयर। मुझे खुशी है कि मेरे ग्रैंडमा की सेवा करने का मौका मिला।"
अंश:" हाँ , पर तुम्हारे पापा के लिए मुझे बुरा लग रहा है।"
साम्य: "हाँ , मुझे भी, पर मेरे ग्रैंडमा कहति थी कि अगर वो अपने देश की सेवा छोड़ कर उनके पास आते तो उनको और बुरा लगता। फिल हाल उनकी जरूरत पूरे देश को है।'
अर्थ : "वो तो है।"
साम्य: "चलो बाय बाय ! जल्द ही मिलेंगे।"
सब लोग: बाय..! जल्द ही मिलेंगे।
आन्या मन में सोचने लगी “15 दिन और...!"
नेक्स्ट डेज “14 दिन और", “13 दिन और",“12 दिन और",“11 दिन और"....
डेट : 10/02/2039
सुबह 10 बजे।
आन्या: आखिर कार वो दिन आ ही गया।
(कॉल में)
स्कूल शुरू होने से पहले।
साम्य: "ट्रेन में लगभग 12 घंटे होने आए है ओर 12 घंटे लगेंगे।"
आन्या: "कोई बात नहीं मैं इंतज़ार करूंगी तुम्हारा।"
बाकी सब लोग: हम सब भी इंतजार कर रहे है। तुम्हें पिक अप करने आ रहे है हम।
साम्य: "अरे...कोई जरूरत नहीं है। वैसे भी बहुत देर हो जायेगी, रात के लगभग 11 बज जाएंगे।"
एमी :"आन्टी और जिमी...?"
साम्य: "वो लोग दादी माँ के पास ही रुके है। आज तो में अकेला ही आ रहा हूं। बाय अब कल सुबह ही मिलेंगे।
सब : बाय...।"
आन्या मन में ठान लेती है, कोई आए या ना आए में साम्य को लेने जरूर जाऊंगी। रात के 10 बजे आन्या राईवे स्टेशन पर पहुँच गई।
वहां पर बैठ कर साम्य का इंतजार करने लगी।
11 बज गए। आन्या मन ही मन बहुत खुश हो रही थी।
11:30 अब तक ट्रेन का कोई पता नहीं था। साम्य का कॉल भी नहीं लग रहा था।
पता चला ट्रेन बर्फ की वजह से 3 घंटे लेट चल रही है।
इस तरफ साम्य के साथ बाकी यात्री भी परेशान हो रहे थे। बर्फ की वजह से कई बार ट्रेन को आधे रास्ते पर ही रोकना पड़ा था।
आन्या ने मन बना लिया था वो घर जाएगी तो साम्य के साथ ही।
12...1...2..बज गए।
ट्रेन आ गई।
साम्य ट्रेन से नीचे उतरा।
उतरते ही उसने प्लेटफॉर्म पर आन्या को देखा। आन्या ठंड के मारे काँप रही थी। आँखों से आँसू बह रहे थे, मुश्किल से वो अपनी जगह से खड़ी हुई। साम्य दौड़ते हुए उसके पास गया। अपना कोट निकाल कर आन्या को पहना दिया और उसे गले लगा लिया।
आन्या रोने लगी।
"साम्य: बस, मैं आ गया हूँ ना...!
आन्या कुछ नहीं बोली बस साम्य से कस के गले लगी रही।
साम्य: "मैने मना तो किया था। देर हो जायेगी फिर तुम क्यों आईं हो?"
आन्या: "मुझे तुमसे आज ही मिलना था।'
साम्य: "कोई बात नहीं चलो अब घर चलते है।"
आन्या और साम्य चलने लगे। थोड़ा चलते है तभी अचानक से साम्य ने ठंड से कांपती हुए एक लड़की को देखा। वो कोई और नहीं एमी थी।
साम्य: एमी....? तुम...?"
एमी साम्य के गले लग गई।
धीरे धीरे अंश, अर्थ, सारा सब दोस्त इक्कठा हो गए।
सबको देख कर साम्य की आँखों में आँसू आ गये।
"साम्य: पागल... लोगो...!!। इतना प्यार करते हो मुझसे...?"
सब साम्य को लिपट गए।
दूसरे दिन।
स्कूल में। टीचर पढ़ा रहे थे। तभी उनकी नजर पीछे की बेंच पर सोते हुए साम्य, अंश, अर्थ, सारा, एमी और आन्या पर पड़ती है।
टीचर : "ये क्या हो रहा है पीछे...? अंश...!"
साम्य...!
अंश : "मम्मी, थोड़ी देर और सोने दो ना...!"
पूरी क्लास हँसने लगी। शोर की वजह से सब उठ गए।
अंश: "यस मैंम"
टीचर भी मन ही मन हँसने लगी। “पढ़ाई पर ध्यान दो।"
अंश: "यस, मैंम !"
स्कूल छूटने के बाद।
"सारा: (अर्थ से) बेबी, वैलेंटाइन डे आने वाला है। सिर्फ तीन दिन बाकी है।"
अर्थ: "Aww... वेलेंटाइन डे की क्या जरूरत है, तुम्हारे साथ मेरे लिए हर दिन वेलेंटाइन डे है। लव यू।"
एमी: "आई हेट वैलेंटाइन्स "
अंश: "मि टू"
साम्य के मन में कुछ प्लानिंग चल रही थी।
साम्य ने आन्या की प्रपोज करने का प्लान बनाया। उसने ने अर्थ, सारा की मदद ली।
डेट : 14/02/2039
आज साम्य आन्या को सबके सामने स्कूल के फुटबॉल ग्राउंड में प्रपोज करने वाला था।
आन्या एमी और अंश को इसके बारे में पता नहीं था।
साम्य की खुशी का ठिकाना नहीं था। उसने लंच ब्रेक में प्रपोज करने का प्लान बनाया था।
(लंच ब्रेक)
आन्या:(मन में) "पता नहीं आज सब लोग कहाँ चले गए है। कोई भी दिख नहीं रहा।"
आन्या सब को ढूंढने लगी। आन्या को एमी मिली।
आन्या: "हेय,एमी...! बाकी सब लोग कहा चले गए है?"
एमी: "पता नहीं। मैं भी उन सब को ढूंढ़ रही हूं।"
सारा दौड़ के वहां आती है।
"सारा:(हाफ़ते हुए) वो...वो...नीचे प्ले ग्राउंड में साम्य और कुछ लड़कों की लड़ाई हो गई है।"
आन्या और एमी दौड़ते हुए मैदान की तरफ जाने लगे। सारा ने दौड़ कर एमी का हाथ पकड़ लिया। और आन्या अकेली को जाने दिया। सारा ने एमी को साम्य के प्लान के बारे में बताया। एमी मुस्कुराने लगी।
एमी: "मैं आज बहुत खुश हूं...! मुझे क्यों रोक रही हो..,चलो जल्दी वरना हम शो मिस कर देंगे।"
सारा एमी को खुश देख वो भी खुश हुई।
दोनों फिर से दौड़ ने लगी।
टीचर दूर से देख रहे थे सब सोच रहे थे ‘ये ग्राउंड में क्या हुआ फिर से कोई लड़ाई हुई क्या? बच्चे भी ना कब बड़े होंगे? कब सुधरेंगे?'
आन्या प्ले ग्राउंड में पहुँची । वहां पर काफी भीड़ जमा हुई थी। भीड़ के बीच में से निकलते हुए मैदान में पहुँची ।
वहां का नज़ारा देख कर वो हैरान हो गई।
सब लोग पीछे हो गए। सामने साम्य था।
मैदान में काफी हार्ट शेप वाले गुब्बारे, टेडी बीयर और केक रखी थी। मैदान में बड़े अक्षरों से लिखा था “SAMYA LOVES AANYA"
आन्या को आँखों पर यकीन नहीं था।
साम्य आन्या के पास फूलों का गुलदस्ता लेकर आता है। और अपने घुटनों पर बैठ जाता है।
साम्य: "आई .. लव ...यू...!
डू यू लव मि....?"
आन्या शर्म के मारे अपने मुंह पर हाथ रख लेती है।
सब लोग आन्या के जवाब का इंतजार करते है।
एमी: "से ...यस ..!"
सारा : "से ..नो .!"
एमी सारा के मुंह पर हाथ रख देती है।
एमी: "चुप हो जा...!"
आन्या की आँखों में आँसू... और शर्म के मारे उसका चेहरा लाल हो गया।
आन्या: "साम्य..."
(जोर से गोली चले कि आवाज़ आती है।)
(उस दौरान हमे एक पल के लिए एक घोस्ट जैसी परछाय आन्या के आगे खड़ी हो जाती है,पर गोली उसके आरपार हो कर आन्या को गोली लग जाती है)
साम्य कुछ समझे उसे पहले उसकी नजर फूलों के गुलदस्ते पर पड़ती है।
गुलदस्ते पर खून गिर रहा था। उसने आन्या के सामने देखा। आन्या के सिर के बीच में गोली लगी थी खून बह रहा था। आन्या की आँखों में पानी। पर उसके चेहरे पर मुस्कान थी।
आन्या: "यस आई लव .....यू"
आन्या वहीं पर गिर पड़ी।
साम्य चिल्लाते हुए “आन्या...!" अपनी बाहों में ले लिया।
साम्य: "आन्या...आन्या..."
(Boom...!)
पीछे से स्कूल की एक बिल्डिंग में ब्लास्ट होता है।
साम्य मैदान में आन्या को अपनी बाहों में दबा कर बैठा है, हर जगह अफरा तफरी मच गई। देखते ही देखते सारा नज़ारा बदल गया। गोलियां चलने की आवाज़े सुनाई देती है।
आखिर में साम्य को खून से लथपत एक गुलाब का फूल दिखता है।
चैप्टर 4
सैक्रिफाइस
आन्या: "हाय, आई एम अन्या (आन्या साम्य से हाथ मिलती है।)"
एमी : "शी इज़ माय बेस्ट फ्रेंड हम दोनों बचपन से एक दूसरे को जानते है।"
साम्य आन्या की खूबसूरत आँखों को ही देख रहा है। आन्या का मुस्कुराता चेहरा, हवा से आन्या की उड़ती जुल्फे देख रहा है।
(सब कुछ धुएँ की तरह ग़ायब हो जाता है।)
हा...हा...हा...! आन्या का खूबसूरत हँसता चेहरा। “तुम लोग भी अजीब हो..!"
(ये सीन भी धुएँ की तरह ग़ायब हो जाता है।)
आन्या का शर्म के मारे लाल चेहरा।
आन्या:(एमी से) "एमी...! प्लीज़ रहने भी दो..!"
एमी: "नहीं, आज तुझे बताना ही होगा! तुम्हें मेरी कसम है...!"
आन्या:(शर्मा के आँखें बंद कर के) "यस आई लाइक साम्य.! अब तो ख़ुश ना...!"
(ये सीन भी धुएँ की तरह ग़ायब हो जाता है।)
आन्या का वो मायूस चेहरा जब साम्य 20 दिनों के लिए उससे दूर जाने वाला था।
आन्या से फोन में होने वाली बातें “मैं तुम्हारा इंतजार करूंगी।"
(ये सीन भी धुएँ की तरह ग़ायब हो जाता है।)
रेलवे स्टेशन पर ठंड के मारे कांपती, आँखों में आँसू और साम्य को देख कर मुस्कुराना...!
आन्या: (मोबाइल में साम्य से) “मुझे अब भी याद है जब अर्थ ने सबके सामने किसी की भी परवाह किए बिना सारा को प्रपोज किया था। वो खूबसूरत नज़ारा मैं जिंदगी भर नहीं भूल सकती।"
(ये सीन भी धुएँ की तरह ग़ायब हो जाता है।)
साम्य आन्या को प्लेग्राउंड में सबके सामने प्रपोज करता है।
आन्या को गोली लगना...गिरते हुए आन्या बोलती है,
आन्या : "यस आई लव यू"
(Boom...!) धमाके की आवाज़...
गोलियां चलने की आवाज़े आती है।
(टू.....)
D.A.R.K नामक अतंकवादी संगठन ने स्कूल पर हमला कर दिया। स्कूल की एक बिल्डिंग में बोम ब्लास्ट हुआ। सब लोग इधर उधर भाग रहे है। उन लोगों ने चारों तरफ से स्कूल को घेर लिया। मेइन गेट पर बंदूके लेकर तैनात हो गए।
एक व्यक्ति (माइक में): “अपनी जान की सलामती चाहते हो तो सब स्कूल के अंदर चले जाओ।"
कुछ आतंकी, बच्चों को टीचर्स को बंदूक की नोक पर क्लास रूम्स में क़ैद कर देते है।
साम्य अब तक आन्या को गोद में लेकर वहीं बैठा था और उसे देख रहा है, अपने सर्ट की स्लेवस से आन्या का खून पोछ रहा है।
"आन्या...तुम्हें कुछ नहीं होगा..आँखें खोलो आन्या...एक बार और कह दो आई लव यू ... आन्या आँखें ... खोलो...ना......प्लीज...! आन्या देखो मैने भी अर्थ की तरह ही ये ग्राउंड तुम्हारे लिए सजाया है ठीक वैसे ही जैसा तुम्हें पसंद था। मैं तुम्हारे लिए ये दिन सबसे खूबसूरत दिन बनाना चाहता हूं... आन्या...आँखें खोलो प्लीज...! कुछ तो कहो....!!!"
“वो मर चुकी है...बेवकूफ। प्यार, मोहब्बत ... । तुम्हें पता है हमारी सबसे बड़ी कमज़ोरी हमारे अपने ही है, ये प्यार ये रिश्ते ही सबसे बड़ी कमज़ोरी है। चलो अब तुम भी चुप चाप क्लास रूम में जाओ।"
साम्य पीछे मुड़ के देखता है।
एक इंसान उसके सामने बंदूक ताने हुए था।
साम्य: "नहीं...मेरी आन्या को कुछ नहीं हुआ है। अगर आन्या को कुछ हुआ तो में तुम्हें जिंदा नहीं छोडूंगा। इस से अच्छा है मुझे अभी मार दो मुझे।"
वो इंसान बोला “मुझे मरे हुए लोगों से ज्यादा जिंदा.. तड़पते लोगो को देख कर खुशी होती है। तुम्हें में कैसे मार सकता हूं। आखिर एंटरटेनमेंट के लिए भी कोई चाहिए होगा।" (दूसरे लोगो को) "इसे अंदर ले जाओ।"
दो लोग साम्य को मारते घसीटते घसीटते स्कूल के अंदर ले जाते है। साम्य की नजर तो बस आन्या पर ही है। वो इंसान फिर से मरी हुई आन्या पर गोलियां चलता है। साम्य ये देख कर चिल्लाने लगा, रोने लगा पर वो कुछ नहीं कर सका। साम्य को उन लोगों इतना मार की साम्य बेहोश हो गया।
बेहोश साम्य को भी बच्चों से भरे एक क्लास रुम में लाकर फेंकते है।
क्लास में चार पाँच लोग सब पर बंदूके ताने हुए थे।
कंट्रोल रूम में भी वहां के कर्मचारियों को मार के वहां पर कब्ज़ा कर लिया था।
स्कूल की एक बिल्डिंग पूरी तरह से तबाह हो गई थी। स्कूल के टेरेस पर भी कुछ मशीनें लगा कर वहां पर बंदूके ले कर कई लोग तैनात हो गए थे।
थोड़ी देर में इंडियन पुलिस फोर्स ने स्कूल को घेर लिया पर वो लोग कुछ नहीं कर सकते थे, क्यों की बाकी बच्चों की जान पर भी ख़तरा था।
<p>ये न्यूज हर जगह फ़ैल गई। हर न्यूज चैनल पर इसके ही चर्चे हो रहे थे।
डार्क संगठन का लीडर:(माइक में पुलिस से) "आखिरकार वो दिन आ ही गया जिस दिन का मुझे बीस साल से इंतजार था। आप सब लोग हैरान होंगे कि हम लोग कौन है ? हमारा मकसद क्या है? ये सब हम क्यों कर रहे है? पर थोड़ी शांति रखे सारे सवालों के जवाब मिल जायेगे।
अब ध्यान से सुनो सब लोग।"
"मैं डार्क संगठन का लीडर फ्रिएजा आइजेन। और ये मेरी डार्कस आर्मी। स्कूल में फिल हाल 2242 बच्चे है। अफसोस अब बाकी के बच्चे इस दुनिया में नहीं रहे। खैर जाने दो।
मेरे प्लान के बारे में सुनो, हमे 20 हजार रूपए चाहिए। हा..हा...हा..! माय मिस्टेक! 20 हजार करोड़ रुपए चाहिए। हा...! मुझे पता है बहुत ही बड़ी रकम है इस लिए टाइम की चिंता मत करना हमारे पास वक्त ही वक्त है। बस हम हर घंटे एक बच्चे को शूट करते जाएंगे और आपको वीडियो भी मिल जाएगा। तो आपके पास कुल मिलाकर “93 Days" है। पर मुझे भी इतना इंतजार करना पसंद नहीं। तो हम ऐसा करते है 24 घंटे होने पर हम 15 मिनिट्स कम करते जाएंगे, दूसरे दिन से हर 45 मिनिट पर एक बच्चा मरेगा, तीसरे दिन हर आधे घंटे में चौथे दिन हर 15 मिनट पर एक बच्चा मरेगा। और हाँ एक जरूरी बात बताना तो भूल ही गया, हर रोज़ एक ‘Code' एक्टिव होगा।
तुम लोगो का टाइम आज रात 12 बजे से शुरू होगा। और हमे कमजोर या बेवकूफ़ समझ ने कि ग़लती मत करना। हमारी ताकत का अंदाजा तुम लोगो को नहीं है, जरा रुको एक झलक दिखाता हूँ । ‘ CODE M U B 30o ( three Not O) activate time 0 sec.'
अब जरा थोड़ी देर रुको ओर न्यूज देखो ऐसे अभी ‘99 Codes' और है, तुम लोगो का जो भी फैसला होगा वो हमे मंजूर होगा। हमे इंतजार रहेगा...।"
सब लोग सोचने लगे ये कोड क्या था? हर न्यूज चैनल पर अचानक ब्रेकिंग न्यूज़ आने लगी “कश्मीर के बाद मुंबई की एक स्कूल में बोम ब्लास्ट। क्या यही है ‘कोड एम यू बी थ्री नोट ओ...!!"
पूरा देश हैरान था।
न्यू दिल्ली में सरकार ने इमरजेंसी मीटिंग बुलवाई। पूरे देश मे हड़कंप मचा था। इंडिया की इकोनॉमी भले ही स्ट्रोंग थी पर 20 हज़ार करोड़ रुपए भी कम नहीं थे।
इंडिया की ख़ुफ़िया संस्थाएं सिट्यूएशन की पूरी डिटेल्स इक्कठा करने में लगी थी, अपनी पूरी कोशिश कर रही थी कि कोई और रास्ता निकले पर ज्यादा सोचने का वक्त भी नहीं था।
डार्क संगठन के बारे में वो इतना ही पता लगा पाए कि ये पहले गेमिंग कंपनी थी। जिसने “DARK SOULS" नाम की गेम बनाई थी, और ये डार्कस आर्मी कोई और नहीं बल्कि वो गेम खेलने वाले प्लेयर्स ही थे। और जो Codes है वो उनके लगाए हुए नैनो टेक वाले बोमस है जो कमांड देने पर एक्टिव हो जाते है। दूसरी बात उनको ये पता चली कि फ्रिएजा आइजेन ने कोई बड़ा प्लान बनाया है, जो इस से भी भयानक हो सकता है 20 हजार करोड़ रुपए देने पर पूरा देश बहुत ही बड़े संकट में फँस सकता है। उसने ‘कालांतरा पायीन हाई स्कूल को अपना मेइन सेंटर बनाया क्यों की उसको पता था कि इंडियन आर्मी के मार्शल ऑफ फिल्ड का बेटा उसी स्कूल में पढ़ता है।
फ्रिएजा आइजेन बहुत ही इंटेलिजेंट इंसान था उसने कंप्यूटर इंजीनियरिंग के साथ ह्यूमन सायकोलॉजी में मास्टरी हासिल कर रखी थी। उसका मकसद सिर्फ कश्मीर तक नहीं था उसका असली मकसद इंडिया को पूरी तरह से बर्बाद करना। उसका असली नाम किसी को भी नहीं पता था।
हमले के 4 घंटे हो चुके थे। मुंबई की स्कूल में रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो चुका था। लगभग टीचर्स सहित 300 बच्चों की मौत हो चुकी थी और आंकड़े अभी भी बढ़ रहे थे।
इंडियन गवर्नमेंट बड़ी चिंता में पड़ गई। एक तरफ 99 बोमस जो पूरे देश में कहीं पर भी हो सकते थे उपर से डार्कस आर्मी के कब्जे में 2242 बच्चे और 20 हजार करोड़ रुपए देने पर इससे भी बड़े संकट की आशंका।
( इंडियन गवर्नमेंट की इमरजेंसी मीटिंग)
“हमे उनको 20 हजार करोड़ रुपए देने ही होंगे। वो लोग पूरे निर्दय है। अगर उनको पैसे नहीं दिए तो हर रोज हजारों बच्चों को मार देंगे।"
दूसरा पक्ष “ नहीं, हम नहीं दे सकते। बात पैसे की नहीं है और ना ही हजारों लोगों की ये बात पूरे देश की है, 1.6 बिलियन लोगो की है।"
“पर हम हमला होने की आशंका मात्र से हजारों लोगो, हजारों बच्चों को नहीं मरने दे सकते। जरा सोचो उनके परिवार वालों पर क्या बीत रही होगी।"
दूसरा पक्ष “ इसकी कोई गुंजाईश नहीं की पैसे मिलने के बाद वो बच्चों को छोड़ दे और बोमस हमेशा के लिए डिफ्यूज कर दे। क्या पता उसने दूसरी कोई मांग रख दी ...? और रही बात परिवार वालो की तो मेरा बेटा भी उनके कब्जे में है। ये वक्त भावनाओं को वश में रखने का है, वो यही चाहता है हम भावनाओं में बह जाए और उनकी हर बात मान ले। हमे इतना सेक्रीफाइस तो देना ही होगा...!"
“ चाहे जो भी हो जाए। अगर हमने उनको पैसे नहीं दिए तो उनमें और हममें क्या फर्क रह जाएगा। आगे जो भी होगा देखा जाएगा। हमें सम्भाल ना होगा। वैसे भी दुनिया के बड़े बड़े देश हमारे सपोर्ट में है अगर जंग भी हुई तो हमारे साथ खड़े रहेंगे। हम उनके जैसे नहीं बन सकते, चाहे कुछ भी हो जाए।"
पूरी दुनिया भर के देश (इंडिया के दोस्त देश) इंडिया के लिए प्रार्थना कर रहे थे। सोशल मीडिया पर समर्थन देने लगे।
इंडियन गवर्नमेंट 20 हजार करोड़ रुपए देने का फैसला कर दिया।
स्कूल के अंदर कंट्रोल रूम में
फ्रिएजा आइजेन : (डार्क के कमांडर से) "स्कूल में क्या हाल है.?"
कमांडर : "सर, प्लान के मुताबिक सब कुछ सही चल रहा है। स्कूल के 25 क्लासरुम में सबको बिठा दिया है। हर क्लास रूम में बोमस भी लग चुके है। सिचुएशन हमारे कंट्रोल में है। बस एक ही दिक्कत है, अगर किसी क्लास में बच्चे काबू में नहीं रहे तो..."
फ्रिएजा आइजेन : "तो उड़ा दो...! मुझे ऐसा क्यों लग रहा ही तुम ये सब देख कर डर रहे हो या कांप रहे हो? बच्चों को मारने से हिचकिचा रहे हो?"
कमांडर: "नहीं, सर पर... जैसे आप कहो।"
फ्रिएजा आइजेन : "रुको...! आज रात तक पैसे हमे नहीं मिले तो पहले बच्चे को तुम ही शूट करोगे।"
कमांडर: "जैसा आप कहें।"
फ्रिएजा आइजेन : "और एक बात पाकिस्तान गवर्नमेंट और चाईनीज गवर्मेंट से बात हो गई ?"
कमांडर: "जी हाँ .! आपने जैसा कहा था ठीक वैसा संदेसा भेज दिया है। दोनों ने हमारी शर्तें मान ली है।
फ्रिएजा आइजेन: "और औरोटेक कॉर्प से बात हो गई?"
कमांडर: "हाँ ...!"
फ्रिएजा आइजेन: "गुड...! अब जाओ यहां से।"
इंडियन गवर्नमेंट की और से सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन डार्क से कॉन्टेक्ट करती है।
फ्रिएजा आइजेन : "तो क्या फैसला किया आप लोगो ने...?"
सीबीआई : हम 20 हजार करोड़ रुपए देने के लिए तैयार है, पर हमारी कुछ शर्तें है, तुम्हें हर एक बोम डिफ्यूज कर के उसकी लोकेशन्स पहले बतानी होगी। उसके बाद ही हम पैसे ट्रान्सफर करेंगे।
फ्रिएजा आइजेन : "मंजूर है।"
सीबीआई : "दूसरी ये शर्त की पैसे ट्रांसफर होते ही तुम्हें बच्चों को आज़ाद कर देना होगा।"
फ्रिएजा आइजेन : "मंजूर है, मुझे यही उम्मीद थी।"
सीबीआई : "तो बताओ पैसे कब और कहाँ ट्रान्सफर करने है?"
फ्रिएजा आइजेन : "इतनी भी क्या जल्दी है। हमें भी तो सही सलामत यहां से निकलना होगा...! तुम लोगों ने दो शर्तें रखी, हमारी भी दो शर्तें है।"
सीबीआई: "बताओ...!"
फ्रिएजा आइजेन : "पहली K2 माउंटेन से सिकर्दु, श्रीनगर, गुल्मार्ग और अंत में पाकिस्तान की बॉर्डर तक हमारे एयरो प्लेन को सही सलामत जाने देना पड़ेगा।"
सीबीआई सोचने लग गई की अब ये क्या नया प्लान है? जो भी था इसमें पाकिस्तान का कोई ना कोई हाथ ज़रूर था। पर K2 माउंटेन से क्यों? वो अब बहुत बड़ा सवाल था। एक ये भी सक्यता थी कि इसमें चाइना का भी कोई ना कोई हाथ जरूर था।
सीबीआई के पास वक्त नहीं था तुरंत डिसिशन लेना पड़ा। एक एयरो प्लेन से शायद कोई ख़तरा नहीं है। उन्हें ने शर्त मान ली।
सीबीआई: "ठीक है तुम लोगो के प्लेन को सही सलामत जाने देंगे दूसरी शर्त बताओ।"
फ्रिएजा आइजेन :"दूसरी शर्त ये है...की...!!"
सीबीआई: "हाँ बताओ...!"
फ्रिएजा आइजेन : "पाकिस्तान बॉर्डर से हमारा हेलीकॉप्टर भी ठीक उसी वक्त हम लेने आयेगा, उसको भी कुछ होना नहीं चाहिए। ध्यान रखना हमारे हेलीाप्टर और एयरो प्लेन को कुछ होना नहीं चाहिए। प्लेन में हमारा कीमती सामान जा रहा है।"
सीबीआई : "ठीक है। आप लोगो को सुरक्षित बॉर्डर के उस पार जाने देंगे।"
बेहोश साम्य को होश आता है, वो अपना सिर दबाते हुए खड़ा होता है। उसके बाजू में अर्थ था। बाकी के बच्चे घबराए हुए अपनी अपनी जगह पर बैठे हुए थे।
साम्य: "अर्थ, बाकी के लोग कहाँ है?"
अर्थ : "श...धीरे बोलो। ये लोग बहुत ही खतरनाक है।"
साम्य (रोते हुए।): "मेरी आन्या को उसने मार दिया...!"
अर्थ: "बस, चुप हो जाओ, रोना बंद करो।"
साम्य (अपने आप को संभालते हुए): "बाकी के लोग कहाँ है? अंश, एमी, सारा ?"
अर्थ : "पता नहीं..! उन लोगो ने ऐसे 25 क्लासरुम में सबको कैद कर रखना है। उम्मीद है वो लोग सही सलामत होंगे।"
साम्य आजू बाजू देख कर।
साम्य: "ये सिर 7 लोग है अगर हम सब मिल कर उन पर हमला कर दे तो हम यहां से निकल सकते है।"
अर्थ : "ऐसा होता तो हम कब के निकल गए होते। उन लोगों हर क्लास रूम में बोम लगा दिए है, अगर हमने कोई भी हरकत करी तो वो लोग जरा भी नहीं हिचकचाएंगे।"
साम्य: "कोई ना कोई रास्ता होगा।"
अर्थ : "अब तो एक ही उम्मीद है। हमारी गवर्नमेंट उनकी शर्तें मान ले और हमे आज़ाद करवाए।"
साम्य : "कैसी शर्तें?"
अर्थ साम्य को सारी बातें बताता है।
साम्य: "नहीं, अगर उन लोगो ने बॉर्डर क्रॉस कर दी तो ये सारे बोम ब्लास्ट कर देंगे। हममें से कोई भी जिंदा नहीं बचेगा।"
दूसरा कोई ना कोई रास्ता जरूर होगा।
अर्थ : "कोई फायदा नहीं रात हो गई है। 10 बज गए है। हमारी गवर्नमेंट पैसे ट्रान्सफर करने ही वाली है। अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो वो लोग एक एक कर के सबको मारना शुरू कर देंगे। डील पूरी हो चुकी है। बस वो लोग यहां से चले जाए।"
साम्य सोचने लगा ‘ ये पक्का एक चाल ही है। पर हमारी गवर्नमेंट के पास कोई दूसरा रास्ता ही नहीं है। हमें कुछ ना कुछ तो करना ही होगा।' साम्य को अचानक कुछ याद आता है।
साम्य : "तुम अपना टैब ले कर आए हो ..?"
अर्थ : "पर क्या हुआ?"
साम्य : "अभी कहाँ है टेब...?"
अर्थ "पता नहीं। शायद हमारे क्लासरुम में होगा। (सामने बैगों का ढेर दिखाते हुए) एस ही किसी ढेर में पड़ा होगा।"
साम्य: "हमारे पास एक मौका है।"
तभी अचानक माइक में से आवाज़ आई
“मुबारखो...! हम जीत गई। अब होगा असली मौत का तांडव बस हमारा एयरो प्लेन यहां आ जाए।"
चैप्टर 5
फेस टू फेस
“ मुबारखो...! हम जीत गई। अब होगा असली मौत का तांडव बस हमारा एयरो प्लेन यहां आ जाए।"
इंडिया ने सारे पैसे ट्रानफर कर दिए। उनके दिए गए अकाउंट को ट्रैक किया पता चला वो अकाउंट किसी औरोटेक कॉर्प नामक रोबोटिक कंपनी का था।
औरोटेक कॉर्प ये दुनिया की पहली चाईनीज कंपनी है जिसने सुपर इंटेलिजेंस रोबोट बनाया था।
अब सब कुछ क्लियर था। फ्रिएजा आइजेन ने हमारे पैसों से उस कंपनी से सुपर इंटेलिजेंस रोबोट्स खरीदे थे जो पैसे ट्रांसफर होते ही प्लेन से K2 मांउटेन से हो कर पाकिस्तान की और जाने वाला है। पर कुछ सवाल ये भी थे कि उसने यही रुट क्यों पसंद किया, दूसरा की चाइना ऐसे बड़े आतंकी संगठन को क्यों सपोर्ट करता है?
चाइनीज गवर्नमेंट ने बताया कि "हमारी कंपनी को अपना सामान दुनिया में कहीं पर भी बेचने की इजाज़त है इसमें हम कुछ नहीं कह सकते, नाही इंडिया के लिए हम कुछ कर सकते है।"
पाकिस्तान गवर्नमेंट ने बताया कि "डार्क संगठन के बारे में कुछ नहीं जानते पर इंडिया ने पाकिस्तान पर हमला किया था, दुश्मनी मोड़ ली इस वजह से वो डार्क संगठन को वो अपनी बॉर्डर में कुछ नहीं होने देंगे।"
ये बात तो अब साफ हो चुकी थी कि डार्क संगठन को चाइना और पाकिस्तान दोनों ही सपोर्ट दे रहे थे।
अब बाकी सब सोचने के लिए देर हो चुकी थी। सब कुछ शर्तों के मुताबिक चल रहा था।
एयरो प्लेन इंडिया की सीमा के अंदर आ चुका था। इंडिया ने अपनी पूरी टेक्नोलोजी लगा दी प्लेन को स्कैन करने में , प्लेन की हर हरकत पर नजर रखे हुए थे। प्लेन का पूरा रुट 7 घंटों का था सब इंतजार कर रहे थे कब ये लोग वापस चले जाए।
प्लेन ने टेक ऑफ करे 5 घंटे हो चुके थे।
साम्य : "हमारे पास वक्त बहुत कम है हमे कुछ ना कुछ करना ही होगा।"
अर्थ: "नहीं, बस हमे इंतजार करना है की कब ये लोग यहां से चले जाएं।"
साम्य : "मेरे पास एक प्लान है।"
अर्थ : "क्या...?"
साम्य: "तुम्हारा टैब चुराएंगे...! एक बात और हमे स्कूल से में गेट तक पहुँचने में लगभग 6 मिनट्स लगते है। अगर हम टैब चुरा कर सिस्टम हैक कर ली तो हम..."
अर्थ : "तो क्या हो जाएगा...? कुछ फर्क नहीं पड़ेगा।"
साम्य : "नहीं मैं हार नहीं मान सकता। चाहे जो भी हो जाए हमें कुछ ना कुछ तो करना ही होगा।
अब सुनो अब हम अपने क्लास रूम में जाएंगे तुम्हारी दवाई के बहाने, और वहां से तुम्हें तुम्हारा टैब चुराना होगा।"
अर्थ : "तुम्हें लगता है, इतने सारे बच्चों को मारने वाले एक बच्चे की परवाह करेंगे?
अगर उन लोगो ने दवाई की जगह गोली ही मार दी तो...?"
तभी सब रूम्स की चेकिंग करते हुए डार्क आर्मी का कमांडर वहां पर आता है।
अर्थ साम्य के प्लान पर राजी हो गया। दोनों ने तुरंत अपना नाटक शुरू कर दिया।
साम्य :( कमांडर से) "हमें पता है कि आप लोगो को हमारी कोई परवाह नहीं है पर इसको दवाई नहीं मिली तो ये यहां पर तड़प तड़प कर मर जाएगा। वैसे भी हमारी गवर्नमेंट ने आप सब की सारी बातें मान ली है तो अब क्यों इस को मरने दे। इसे इसकी दवाई लेने दो।"
कमांडर :( थोड़ा सोचने के बाद, अर्थ को देखते हुए। ) "हमने वादा किया है कि अगर तुम्हारी गवर्नमेंट ने हमारी सारी शर्तें मान ली तो स्कूल के सारे बच्चे सही सलामत आज़ाद कर देंगे। इसलिए चलो में तुम्हारी दवाई दिलवाऊंगा । चलो तुम दोनों।"
(दूसरे डार्कस से) "तुम लोग बाकी सब पर नजर रखो। कोई भी शोर ना करे।"
साम्य,अर्थ और कमांडर वहां से चलने लगे। बाहर लॉबी में भी काफी सोलजर्स थे। तीनों थोड़ी दूर जाते है जहां पर कोई नहीं था।
अर्थ तुरंत कमांडर के गले लग गया। और रोने लगा।
अर्थ : "भैया...!"
ध्रुव : "तुम लोग ठीक तो हो..? शुक्र है तुम जिंदा हो। कब से में तुम्हें ढूंढ रहा था। मैं तो डर ही गया था।"
अर्थ : "आप यहां कैसे ...?"
ध्रुव : "ये सब समझाने का वक्त नहीं है। पूरा देश संकट में है। मुझे बच्चों को बाहर निकाल ने का कोई ना कोई रास्ता ढूंढना होगा। मैं यहां आ तो गया पर बाहर जाने का कोई रास्ता नहीं दिख रहा, नाही बाहर किसी से कॉन्टेक्ट करने का मौका मिल रहा है।"
साम्य: "एक रास्ता है। अर्थ का टैब।"
ध्रुव: "हम बाहर निकले या ना निकले पर जितनी भी जानकारी आपके पास है वो तो बाहर पहुँच ही जाएगी।
अर्थ : "हाँ ...! आपको पता है, में स्कूल की सारी सिस्टम हैक कर सकता हूं।"
ध्रुव : "ठीक है, अब ध्यान से सुनो। तुम लोगो को ये मेसेज बाहर पहुँचना है। उसके बाद बच्चों को बाहर निकल ने की आखिरी कोशिश करेंगे। मैसेज ध्यान से सुनो “डार्कस की बहुत बड़ी सेना पाकिस्तान बॉर्डर से और चाइनीज बॉर्डर से हमला करने वाली है। एयरो प्लेन में तकरीबन 2000 हजार सुपर इंटेलिजेंट रोबोट्स है जो लड़ने के लिए पूरी तरह से सज्ज़ है। एक रोबोट 100 सैनिकों के बराबर है। अगर वो मैदान में उतर गए तो हमारे जितने की कोई उम्मीद नहीं। पहले वो लोग पूरे कश्मीर पर कब्जा कर लेंगे। उन्होंने चाइना को और पाकिस्तान दोनों को कश्मीर की लालच दी है। वो लोग पाकिस्तान को बेवकूफ़ बना रहे है। कश्मीर पर कब्जा करने के बाद कश्मीर चाइना के हवाले कर देंगे और उसके बदले चाइना उनको 2 लाख वॉर रोबोट्स देंगी। ऐसे ही ये लोग अपनी वॉर रोबोट्स की आर्मी तैयार कर के फिर से इंडिया पर हमला करते रहेंगे। इसके बाद तो हम भी उनका सामना नहीं कर पाएंगे। इंडिया को वो ऐरोप्लेन बॉर्डर पार करे इससे पहले मार गिराना होगा। एक बार रोबोट्स एक्टिवेट हो गए तो उनको रोकना मुश्किल है। 1. बिरोट के जंगल 2. फलक सार की पहाड़िया 3. नागारी बॉर्डर और 4. K 2 माउंटेन से हमला होने वाला है।
कल सुबह की पहली किरण के साथ वो लोग बीरोट पहुँच जाएंगे और हमला कर देंगे। उनको वहां जाने से रोकना होगा।" जल्द से जल्द ये मेसेज सीबीआई तक पहुँचाओ। उनको कॉन्टेक्ट करने की डिटेल्स ये रही...।"
साम्य : "ठीक है, हम पहले टैब लेकर वापस इसी जगह पर आयेंगे । सीबीआई को मेसेज भेज देंगे। उसके बाद सिस्टम हैक कर के स्कूल के सारे दरवाज़े खोल देंगे।"
ध्रुव : "जब तक ये मेसेज बाहर ना जाए तब तक मुझे जिंदा रहना था। पर अब मुझे कोई डर नहीं है। टैब मिलने के ठीक 10 मिनट बाद तुम लोगो को मेसेज भेज कर पहले लाइट्स ऑफ करनी है। उसके बाद में फ्रिएजा आइजेन को जिंदा नहीं छोडूंगा। बोम के कमांड देने वाला कोई नहीं होगा। यानी तुम लोगो को सिर्फ उनकी आर्मी से बच के बाहर निकला होगा। उसके बाद हमारी आर्मी इन लोगो को संभाल लेगी। अब चलो उनका हेलीकॉप्टर भी यहां आ चुका है। प्लेन भी हमारी बॉर्डर से निकले उस से पहले उसे मार गिराना है।"
ध्रुव डार्कस का कमांडर था इस लिए किसी ने कुछ नहीं बोला और साम्य और अर्थ ने दवाई के बहाने टैब भी निकाल लिया। वापस वहीं जगह पर आ कर।
ध्रुव : "अब जाओ तुम लोग। मेसेज भेजने के बाद ही सिस्टम हैक करना। लाइट ऑफ होने के बाद में फ्रिएजा आइजेन को देख लूँगा। जल्दी जाओ।"
अर्थ रो पड़ता है और ध्रुव को गले लगा लेता है।
“भैया आपको जिंदा वापस आना होगा...!"
ध्रुव : "हम...अब जाओ।"
थोड़ी देर बाद
फ्रिएजा आइजेन : (कंप्यूटर स्क्रीन को देखते हुए।) "बेवकूफ़ लोग स्कूल की सिस्टम हैक कर के क्या कर लेंगे।"
ध्रुव वहीं पर था । लाइट ऑफ होते ही वो समझ जाता की साम्य और अंश ने मेसेज भेज दिया है। और वो फ्रिएजा आइजेन पर हमला कर देता। बस उसको इंतजार था तो लाइट ऑफ होने का।
लाइट ऑफ हो गई।
(माइक में फ्रिएजा आइजेन की आवाज़ सुनाई देती है): "कोई भी गोली नहीं चलाएगा सारे बच्चों को सुरक्षित जाने दो।" सब बच्चे भागने लगे। स्कूल के दरवाज़े खुल चुके थे। तभी फ्रिएजा आइजेन का ऐरोप्लेन वहां से गुजरता है। उसमे से कुछ बक्से गिरने लगे। सबके पैराशूट खुल गए। सब लोग देखते रह गए।
स्कूल के अंदर लाइट वापस ऑन हो जाती है। फ्रिएजा आइजेन चेयर पर बैठा था उसके के हाथ में माइक्रोफोन था। उसके सामने ध्रुव को कुछ लोग पकड़ कर खड़े थे। कुछ डार्कस साम्य और अर्थ को पकड़ कर कंट्रोल रूम में ले आए।
फ्रिएजा आइजेन : "अच्छा प्लान था, पर फ्रिएजा आइजेन को बेवकूफ़ बनाना इतना आसान नहीं है।"
ध्रुव : "अर्थ, तुमने मेसेज भेज दिया।"
फ्रिएजा आइजेन : तुम्हें, अब भी मेसेज की परवाह है। जरा बाहर देखो। रोबोट आर्मी उतर चुकी है। इसी लिए तो बच्चों को छोड़ दिया। और हमले भी शुरू हो चुके है। हमारी आर्मी कश्मीर में घुस चुकी है। अब कुछ नहीं हो सकता।
ध्रुव : "नहीं...ये नहीं हो सकता। तुम तो हमला कल कर ने वाले थे।"
फ्रिएजा आइजेन : "हमला तो कल ही करने वाला था पर तुम्हारी वजह से प्लान चेंज करना पड़ा। अब तुमने इतनी मेहनत की इस लिए बच्चों को जाने दिया। पर रोबोट आर्मी से कब तक बचेंगे?! चलो, अब तुम्हारी बहादुरी का इनाम देने का वक्त आ चुका है।
‘अर्थ' यही नाम है ना तेरे भाई का, देखो इसके सामने कैसे तड़प तड़प कर अपनी जान निकालता है।
(अर्थ के सामने इशारा कर के) मार दो इसे।"
साम्य : "नहीं...!"
ध्रुव अपनी आँखें बंद के लेता है।
(धड़ धड़ धड़)
अर्थ को गोलियों से भून दिया।
अर्थ : "साम्य..... सा....रा.....का..... ख...या... ल..."
अर्थ ने अपनी जान गँवा दी।
साम्य चिल्लाने लगा।
फ्रिएजा आइजेन : "इसे भी मार दो...!"
साम्य पर गोली चलाने ही वाले होते है की किसी ने साम्य को पकड़े हुए और उसकी तरफ गन करे हुए डार्कस को मार दिया।
साम्य ने देखा गन हाथ में लिए हुए अंश दरवाज़े पर खड़ा था। उसके पीछे एमी और सारा भी थे।
सारा अर्थ को देख कर चिल्लाने लगी "...अर्थ...अर्थ" पर एमी ने उसे पकड़ा हुए था। दूसरे डार्क अंश पर गोली चलाए इससे पहले ध्रुव अपनी पूरी ताकत से हाथ छुड़वाए और उनको गोली मार दी। साम्य ने भी बंदूक हाथ में ले ली। फ्रिएजा आइजेन को गोली मारे उसे पहले फ्रिएजा आइजेन खिड़की तोड़ कर वहां से भाग ने लगा। लॉबी में आते ही उसके साथियों ने उसे बचा लिया। डार्कस की आर्मी अंश, साम्य और ध्रुव आमने सामने थे। ध्रुव एक जाबाज कमांडर भी था। उसने कई डार्कस को मार गिराया। कुछ डार्कस ने फ्रिएजा आइजेन को बचा कर वहां से भाग निकले।
सारा अर्थ की लाश को गले लगा कर रो रही थी।
ध्रुव : "जल्दी से यहां से निकलो वो हेलीकॉप्टर पर पहुंचते ही पूरी स्कूल उड़ा देखा। जल्दी भागो।"
सारा को मुश्किल से अर्थ से छुड़ा कर सब लोग भागने लगे। अंश सारा को कंधे पर डाल के भाग ने लगा।
फ्रिएजा आइजेन हेलीकॉप्टर तक पहुँच गया। हेलीकॉप्टर उड़ते ही उसने सारे बोम एक्टिव कर दिए।
सब लोग मेइन डोर तक पहुँचे और पूरी स्कूल में बोम ब्लास्ट होने लगे। पूरी स्कूल तबाह हो गई। बाहर भी हालत खराब थे। पुलिस फोर्स और इंडियन आर्मी वॉर रोबोट्स से लड़ रही थी पर वॉर रोबोट्स से जितना नामुमकिन था।
साम्य, अंश, ध्रुव, एमी, सारा अपनी जान बचा कर जंगल की ओर भागते है।
कश्मीर में हालत गंभीर होने लगे।
डार्कस ने चारों तरफ से हमले शुरू कर दिए थे। वो सारे 99 बोम भी ब्लास्ट हो चुके थे।
इंडियन गवर्नमेंट ने अपनी पूरी फोर्स लगा दी। पर डार्कस को चाइना और पाकिस्तान छुप कर मदद कर रहे थे। चाइना डार्कस को हारता देख चाइना ने बाकी के रोबोट्स भी उनको दे दिए। फ्रिएजा आइजेन ने भरोसा दिलाया कि कश्मीर को चाइना के हवाले कर देंगे चाहे जो हो जाए।
कश्मीर के रहने वाले लोगों को ध्यान में रख कर इंडिया किसी भी प्रकार के बोम का इस्तमाल नहीं कर सकता था।
देखते ही देखते डार्कस ने पूरे कश्मीर पर कब्जा कर लिया। हर तरफ खून खराबा। हर शहर हर गली में रोबोट्स की आर्मी फैला दी।
चैप्टर 6
स्टार्वेशन
डेट : 20/02/2039
लोकेशन : कश्मीर के किसी जंगल में।
ध्रुव, अंश, साम्य, एमी,सारा सभी लोग रोबोट्स और डार्कस आर्मी से छिपते फिरते थे।
हमले को आज 6 दिन हो चुके थे। इंडियन आर्मी की लड़ाई अब भी जारी थी। हजारों सैनिकों ने अपनी जान गंवा दी थी।
अब इंडिया हाई वेपन यूज करने की तैयारी में था। बस वो कश्मीर में फंसे लोगो की वजह से पीछे हट रहा था। और सोचने पर मजबूर हो जाता था।
कश्मीर की गलियों में मानो खून की नदिया बहती थी।
किसी ने अपने माँ बाप को खोया, तो किसी ने अपने भाई बहन को, तो किसी ने पूरी की पूरी की पूरी फैमिली गवाई थी।
कुछ लोगो ने रोबोट्स और आर्मी से छुपने की जंगल में सिक्रेट जगह ढूंढ ली थी। वॉर रोबोट्स का इतना डर था कि कोई बाहर निकलने की हिम्मत नहीं करता था। भूख के मारे वो लोग अंदर ही अंदर लड़ने लगे थे।
बच्चे, बूढ़े सब एक एक निवाले के लिए तड़पने लगे। कुछ लोगो की ठंड की वजह से मौत हो चुकी थी। छिपने की जगह के नज़दीक से एक गंदे पानी का तालाब भरा हुए था। तालाब ठंड की वजह से जमने लगा था। मजबूर हो कर उनको वहीं पानी पीना पड़ता था।
तालाब में एक नदी से पानी आता था। पर ठंड की वजह से नदी पूरी जम गई थी।
एक बूढ़ा इंसान उस तालाब के किनारे बैठा था। उसके साथ उसका 10 साल का पोता बैठा था।
"लड़का : "दादा जी, कितना गन्दा पानी है ये!"
दादा: "हाँ , बेटे। पर क्या करे प्यास के मारे मरने से अच्छा है।"
लड़का :" दादा, हमे तो फिल्टर का पानी पीने की आदत है। हम ऐसा पानी कैसे पी सकते है।"
दादा : "बेटा, तुम्हें पता है तुम्हरे पापा को तुम्हारी सबसे ज्यादा चिंता थी।"
लड़का : "चिंता थी...मतलब...?"
दादा : "मेरा मतलब...! तुम्हारे पापा को अब भी तुम्हारी चिंता है।"
लड़का : "दादाजी, झूठ बोलने की कोई जरूरत नहीं है, मुझे पता है वो अब इस दुनिया में नहीं रहे। मेरी बहन, भाई, मॉम कोई नहीं रहा इस दुनिया में।"
उसके दादा की आँखों में आँसू आ जाते है।
वो लड़का भी उसके दादा को लिपट के रोने लगा।
काफी देर तक बात करने के बाद, उस लड़के को रोते हुए चुप कराया।
दादा : 'बेटे, तुम्हें ठंड लग रही होगी।"
लड़का : "हाँ , ठंड तो लग रही है पर इस जंगल में कहाँ कम्बल लेने जाए।"
दादा: "तुम्हें पता है जब में तुम्हारी उम्र का था तब हम ऐसे ही जंगल का सहारा ले कर जीते थे। पुराने मकान जरूरियात की साधन सामग्री जंगल से मिल जाती थी। शहर के रहने वाले लोग हमें ‘पहाड़ी ' कह कर बुलाते थे। चलो आज में तुम्हें दिखाता हूं कि चिल की छाल से कैसे कम्बल बनाते है।"
वो बूढ़ा इंसान वहां से मुश्किल से खड़ा हो कर चिल की छाल उखेड़ने लगा। वो लड़का भी मदद करने लगा।
दादा : "बेटे, तुम्हें पता है जब हम, में और मेरे बड़े भैया जंगल में घूमते घूमते कई बार इस तालाब और इस नदी किनारे आते थे।
मछलियाँ पकड़ने। तब इस तालाब की खूबसूरती कुछ अलग ही थी।
तालाब में थोड़ी सी भी गंदगी नहीं थी। एक दम साफ पानी, कमल के फूल खिलते थे यहां। और आधे घंटे में मछलियों की भरी बाल्टी घर ले जाते थे। ये जंगल अपने पुराने घर तक फैला हुआ था।
पर आज से बीस साल पहले शहर में एक कंपनी शुरू हुई जिसने तकरीबन आधा जंगल काट दिया। और कंपनी का दूषित पानी इस नदी में डालते गए। और आज इस नदी और इस तालाब की ये हालत हो गई।
बेटे, मुझे तुम्हारे लिए दुख है, पर प्रकृति का खेल तो देखो, जिसने नदिया खराब करी उसने फिल्टर का पानी पीया और प्रकृति ने उसके ही बाप और बेटे को उसका दूषित करा हुआ पानी पीने पर मजबूर कर दिया।"
लड़का : "मुझे पता है आप पापा को कह रहे हो।"
दादा : "हाँ , आज उसने मेरी बात मान ली होती तो शायद आज हम इस तालाब का साफ पानी पी पाते।"
लड़का : "दादाजी, आप की बात बिल्कुल सही है। काश उस वक्त लोगो, पापने जंगल का नदियों का ध्यान रखा होता, तो शायद आज हमे ये सब नहीं झेलना पड़ता।"
दादा :(पेड़ों के सामने देख कर) "जिसकी हमने जान ले ली आज वही हमारी हिफाज़त कर रहे है, वहीं हमे खाने के लिए फल दे रहे है। रहने के लिए छत। और ठंड से बचने अपनी ख़ाल। पर लोगो को तो क्या पसंद है खून खराबा करते राबर्ट..!"
लड़का : (हँसते हुए) "दादाजी, राबर्ट नहीं रोबोट्स होता है...!"
दादा : "हाँ , वहीं। बेटे तुम मुस्कुराते हुए कितने अच्छे लग रहे हो। बिलकुल अपने पापा की तरह।"
बूढ़ा आदमी मन ही मन सोचता और प्रार्थना करने लगा 'मेरे पास वक्त बहुत कम है, मेरे जाने के बाद शायद ये लोग इसे उस गुफा में रहने भी ना दे। मुझे इसके लिए जल्द ही कुछ सोचना होगा। मेरे छोटे बेटे को सौंपना होगा। पर वो भी हमें कहाँ ढूंढेगा। हे, प्रकृति मैने हमेशा तुम्हारा आदर किया है, तुम्हारी नदियों की पूजा की है, आज तुम्हें ही मेरे पोते की मदद करनी होगी।'
साम्य और इसके दोस्त शहर के नज़दीकी वाले जंगल में रोबोट्स और डार्क आर्मी से छुपते फिरते थे।
ध्रुव कुछ फल लेकर आता है। "साम्य, एमी, सारा, अंश ये लो कुछ फल मिले है खा लो क्या पता कल कुछ खाने को मिले ना मिले।"
सब लोग अब भी सदमे में थे उनके सामने ही आन्या और अर्थ को उन लोगो ने मार दिया था।
साम्य हर वक्त आन्या और अर्थ को याद कर के रोता था। जैसे ही वो सारा को देखता उसे अर्थ की याद आ जाती। कैसे वो दोनो एक दूसरे के बिना एक पल के लिए अलग नहीं रहते थे। उनकी वो शरारतें। साम्य को याद आता है अर्थ ने आखिरी बार कहा था "सारा का खयाल रखना।"
वो फल लेकर सारा के पास जाता है।
साम्य : "सारा, ये लो खा लो।"
सारा: "मेरा अर्थ....(अर्थ को याद कर के रोने लगी) साम्य तुम्हें याद है, जब हम स्कूल बंक कर के घूमने आए थे...! उसने बोला था ‘बेबी, जंगल की ओर मत जाना वरना भूखे शेर खा जाएंगे।"
साम्य : "मुझे याद है, हम सबने उस दिन कितने मज़े किए थे। उसने अपना वादा पूरा किया वो अब कभी हमे स्कूल बंक करने को नहीं बोलेगा।"
साम्य भी रो पड़ा। साम्य और सारा को देख कर एमी भी रोने लग गई।
अंश: (अपने आप को संभालते हुए।) "तुम लोग रोना बंद करो। और जल्दी से खा लो हमे यहां से निकलना होगा।"
एमी : "अंश, क्या हमारे परिवार वाले जिंदा होंगे...?"
अंश अपने माँ बाबा को याद कर के वो भी रोने लग गया। पेड़ों पर अपना गुस्सा निकाल ने लगा।
ध्रुव की हालत भी खराब थी। उसे भी अपने भाई की बहुत याद आती थी। दोनों साथ में गेम्स खेलते। छोटे मोटे लड़ाई झगड़े करते।
पर वहां पर सबसे बड़ा वही था। वो भी रोने लग गया तो उन सब को कौन संभालता।
उसने सब को हिम्मत दी। सब को चुप कराने लगा।
ध्रुव : "जो हमने खोया है इसके बारे में सोचने से क्या फायदा। क्यों ना हम अब हमारे पास है उसे बचाए। तुम्हारी दोस्ती को में सलाम करता हूं। क्यों ना हम हमारे बाकी के दोस्तों को बचाए ! एक दूसरे को बचाए। और अब भी जंग पूरी नहीं हुई है। क्यों ना हम अपने देश को बचाए। क्यों ना हम अपने देश को आतंकी यो से आज़ाद करवा के कुर्बान हुए सैनिकों की कुर्बानी बचाए। उनकी कुर्बानी एसेही थोड़ी व्यर्थ जाने दे सकते है।"
साम्य को फ्रिएजा आइजेन की बात याद आती है।
साम्य : "वो यही चाहता था। अपने ही हमारी कमज़ोरी बन जाए। पर नहीं हम अपनों को कमज़ोरी नहीं अपनी ताकत बनायेगे। मैं लड़ूंगा, अपने परिवार के लिए, अपनी बहन के लिए। मैं लड़ूंगा मेरी आन्या के लिए। मेरे दोस्त अर्थ के लिए। मैं लड़ूंगा मेरे हर एक दोस्त के लिए मेरे देश के लिए। मैं लड़ूंगा दोस्ती के लिए।"
सारा : (आँसू पूछते हुए।) "मैं लडूंगी। मेरे अर्थ के लिए। मेरे परिवार के लिए। मेरे दोस्तों के लिए। में लडूंगी दोस्ती के लिए।"
एमी ने भी अपने आँसू पोंछ दिए।
एमी : "मैं भी लडूंगी अपनी दोस्ती के लिए।"
अंश : "मैं भी लड़ूंगा। मेरे माँ बाबा के लिए चाहे वो जिंदा हो या ना हो। मैं लड़ूंगा मेरे देश के हर एक सिपाही के लिए। मैं लड़ूंगा साम्य के लिए। आन्या, एमी, अर्थ, सारा के लिए। मैं लड़ूंगा मेरी दोस्ती के लिए।"
साम्य : "फ्रिएजा आइजेन अपने हमारी कमजोरी नहीं ताकत है। तुम उनको मार सकते हो उनकी भावनाओं को कभी नहीं मार सकते, वो सब हमारे अंदर जिंदा है।
ध्रुव हमे क्या करना है बताओ।"
ध्रुव : "शाबाश... बच्चों। यही तो हमे चाहिए। अब सुनो वॉर रोबोट्स बहुत ही इंटेलिजेंट है। उन को सब कुछ पता है क्या हथियार है क्या कपड़े है, किस चीज से उनको खतरा है, पर अभी भी उन में कई ख़ामियाँ होगी। क्यों की वो दुनिया के पहले सुपर इंटेलिजेंट है। कुछ ना कुछ तो होगा।
तभी एक लड़का भागता हुआ जंगल के बीच से वहां पर आता है।
लड़का: (हांफते हुए) "मुझे बचाओ। वो... वो... रोबोट्स...!"
ध्रुव लड़के को उठा लेता है।
ध्रुव : "जल्दी से भागो। वो पीछे आते ही होंगे।"
सब लोग भागने लगे।
भागते भागते काफी दूर आ गए।
ध्रुव: "लगता है ये सुरक्षित जगह है।"
तभी अंजान मुसीबत आन पड़ी। एक बड़ा भालू उनकी तरफ आता है। वो लोग वहां से भी भागने लगे। भालू उनके पीछे लग गया।
आगे से दो रोबोट्स भी आ गए।
पीछे भालू आगे रोबोट्स। रोबोट्स गोली चलाए उस से पहले वो लोग बीच से निकल गए और गोली भालू को लग गई। भालू ने गुस्से में आ कर दोनों रोबोट्स के पुर्जे पुर्जे अलग कर दिए। इस लड़ाई में उसको भी कई गोलियां लग गई। थोड़ी देर में भालू भी ज़मीन पर ढल पड़ा।
ध्रुव और बाकी के दोस्त दूर से सब देख रहे थे।
ध्रुव : "हमे जो चाहिए था वो हमको इस भालू ने दिलवाया है। हमे ये रोबोट्स कैसे काम करते है देखना होगा। उनकी प्रोग्रामिंग। That's it, ये जंग जीत सकते है। पर यहां पर कोई कम्युनिकेशन करने के लिए कुछ चाहिए। क्या करे?"
सारा : "मेरे पास है।"
अर्थ का टूटा हुए टैब निकाल कर देती है।
सारा : "पर इसकी बैटरी तो डाउन है। और टूट भी चुका है।"
ध्रुव : "तुम भूल रही हो मैं कौन हूं ?"
ध्रुव एक रोबोट की बैटरी निकाल कर टैब को खोल एक पतला तार ले कर टैब की बैटरी चार्ज कर दी।
टैब ऑन हो गया। टैब से रोबोट्स के सिग्नल ट्रेक करने लगा। उस रोबोट को लगभग तीन घंटों तक एनेलाइज करता रहा। आखिर में उसने रोबोट आर्मी को रोकने का रास्ता ढूंढ निकाला।
ट्रैकिंग के वक्त फ्रिएजा आइजेन को पता लग गया कि कोई इसके रोबोट्स के साथ छेड़ खानी कर रहा है।
उसने तुरंत सारे रोबोट्स पर ध्रुव को मारने का कमांड दे दिया।
सारे रोबोट्स उनकी और आने लगे। पहले एक रोबोट आया जो एमी ने देख लिया।
एमी : "जल्दी से भागो। एक रोबोट हमारी ओर आ रहा है।"
सारा को भी एक रोबोट दिखा।
सारा : "यहां से भी एक रोबोट आ रहा है।"
साम्य ने लड़के अपने कंधे पर उठाया।
साम्य : "अंश, एमी ,सारा, ध्रुव भागो।"
ध्रुव का कुछ काम अभी बाकी था।
ध्रुव : "सिर्फ दो मिनट के लिए उनको रोक के रखो किसी भी तरह। हमारे पास यही एक मौका है।"
अंश ने बंदूक उठाई।
अंश: "मैं उनका ध्यान भटकता हूं।"
एमी ने भी साम्य की बंदूक उठाई।
एमी : "तुम लड़के का ध्यान रखो। मैं भी उनको रोकने में मदद करती हूं।"
सारा ने ध्रुव की बंदूक उठाई।
सारा : "साम्य, तुम्हें पता है अर्थ गेम्स खेलने में सबसे माहिर था। वो हमेशा कहता था। अगर किसी दिन सच में लड़ने का मौका मिला तो मेरा निशाना कभी नहीं चुकेगा। आज मेरा भी निशाना नहीं चुकेगा।"
वो लड़का साम्य के कंधे से नीचे उतर गया और एक बड़ी लकड़ी ले कर बोला “ मुझे भी लड़ना है। उन सबने मिलकर मेरे दादाजी को मार दिया। मेरे दादा कहते थे प्रकृति में बहुत ताकत होती है, इस लिए में आज इस लकड़ी से लड़ूंगा।"
साम्य को उस लड़के की बातें सुन कर जोश आ गया।
उसने भी एक लकड़ी उठाई और रोबोट्स की और चल दिया।
सब लोग रोबोट्स को रोकने में लग गए। वो लोग रोबोट्स को मार तो नहीं सकते थे पर कम से कम उनका ध्यान भटका के थोड़ी देर के लिए रोक जरूर सकते थे।
ध्रुव ने लगभग डेटा ट्रांसफर कर ही लिया था। तभी एक रोबोट ने उस पर गोलियां बरसा दी।
ध्रुव ने पीछे मुड़ कर देखा तो खून से लथपथ अंश नीचे गिरा हुए था।
अंश : (ध्रुव से) "हमारे देश....को...बचा लेना....जय....हिन्द...!"
एमी :(चिल्लाई) "आशु.....!"
सारा भी चिल्लाई।
साम्य ने रोबोट के पीछे से उसकी गर्दन के हिस्से में लकड़ी फँसा दी।
रोबोट ने अंधा धुन फायरिंग शुरू करा दी। साम्य ज़मीन पर लेट गया। सारा और वो लड़का पेड़ के पीछे छुप गई। ध्रुव ने टूटे हुए रोबोट को अपनी ढाल बना ली, पर एमी को दो गोलियाँ लग है।
ध्रुव ने डेटा ट्रांसफर होते ही सारे रोबोट्स डिएक्टिवेट कर दिए। और उनकी पूरी डिटेल्स उनके साथी और सीबीआई को ट्रांसफर कर दी।
सारे रोबोट्स अपनी अपनी जगह पर रुक गए।
सारा और एमी दौड़ कर अंश के पास आए।
सारा : "आशु.. आशु...आँखें खोलो देखो हम जीत गए।"
एमी : "आ..शु...हमारी तरफ देखो। आशु तुम्हें कुछ नहीं होगा।"
साम्य : "मेरे दोस्त कुछ तो बोलो....!"
ध्रुव : "वो मर चुका है...! उसकी कुर्बानी व्यर्थ नहीं जाएगी। हम जीत गए। हमने सारे रोबोट्स रोक दिए। अब इंडियन आर्मी को कोई नहीं रोक सकता। उन बुजदिलों का काम नहीं है हमारी आर्मी को रोक पाना।
जय हिन्द मेरे दोस्त।"
साम्य खड़ा हो कर आशु को सैल्यूट करता है।
एमी, सारा, वो लड़का और ध्रुव भी उसे सैल्यूट करते है।
एमी का काफी खून बह रहा था। वो वहीं पर ढल गिरती है।
रोबोट्स में भी फिर से हलचल होने लगी।
सारे रोबोट्स फिर से एक्टिवेट हो गए।
चैप्टर 7
रिवेंज
डेट : 20/02/2039
लोकेशन : जंगल
ध्रुव ने रोबोट्स की सारी डिटेल्स ट्रांसफर कर दी और सारे बॉट्स को रोक दिया। पर उस दौरान अंश की मौत हो गई और एमी को गोली लग गई। एमी जमीन पर ढल पड़ी।
सारा : 'एमी...!"
साम्य : "एमी.......!"
साम्य दौड़ के एमी को गोद में ले लेता है।
साम्य ने देखा एमी को दो गोलियां लगी थी।
सारा : "एमी, तुम्हें कुछ नहीं होगा। हौसला रखो। हम अभी तुम्हें अस्पताल ले जाते है।"
ध्रुव : "इतना वक्त नहीं है..उसकी गोलियाँ निकाल कर खून बहने से रोकना होगा।"
तभी फिर से रोबोट्स में हलचल होने लगी।
फ्रिएजा आइजेन ने रोबोट्स को एक्टिव कर दिया था। रोबोट्स फिर से गोलियाँ चलाने की तैयारी में थे।
ध्रुव, वो लड़का, सारा, साम्य सब ने एक दूसरे को कस के पकड़ लिया। सबने अपनी आँखें बंद कर ली।
ध्रुव : "अब हमारे बचने की कोई उम्मीद नहीं है।"
रोबोट्स गोलियाँ चलाने ही वाले थे कि सारे रोबोट्स फिर से डिएक्टिवेट हो गए।
ध्रुव समझ गया कि इंडियन डिफेंस एजेंसी ने रोबोट्स को डिएक्टिवेट कर दिया था।
फ्रिएजा आइजेन हार मानने वालो में से नहीं था। उसने फिर से सिस्टम कंट्रोल में करी और रोबोट्स को एक्टिव करता गया। इंडियन डिफेंस एजेंसी भी डिएक्टिव करती गई। फ्रिएजा आइजेन ने कुछ नया तरीका सोचना शुरू किया ताकि कोई और रोबोट्स को कमांड ना दे सके।
ध्रुव और बाकी लोग एमी को लेकर भाग गए और एक गुफा में छुप गए। ध्रुव ने एमी की गोलियाँ निकाली और उसको पट्टी बांध दी। एमी का खून बहना तो बंद हो चुका था पर उस ट्रीटमेंट की सख्त जरूरत थी।
साम्य : "मैं अस्पताल ढूंढने जा रहा हूं।"
ध्रुव : "पागल हो गए हो...? अभी जंग पूरी नहीं हुई है। अभी फ्रिएजा आइजेन जिंदा है और वो हार मान ने वालो में से नहीं है। हमे इंतजार करना होगा।"
साम्य : "मैं एमी को मरने नहीं दे सकता। एक एक करके हमारे सारे दोस्त...."(साम्य अपना सिर गुफा की दीवार पर कूटने लगा)
सारा ने साम्य को संभाला। उसको हौसला दिया।
सारा : "एमी को कुछ नहीं होगा तुम हौसला रखो। कल सुबह होते ही हम एमी को अस्पताल ले जाएंगे। क्या पता तब तक हम जीत जाए और रेस्क्यू फोर्स हमें बचा ले।"
वैसे भी रात होने वाली है।
एमी को थोड़ा थोड़ा होश था।
एमी ने लेटे हुए साम्य की तरफ हाथ लंबाया।
साम्य ने तुरंत एमी का हाथ थाम लिया।
एमी: "ठंड...! साम्य, जैसे... जैसे.. रात बढ़ती जायेगी... ठंड भी बढ़ती जाएगी।"
ध्रुव : "चिंता मत करो मैने आग जलाने की व्यवस्था कर दी है।"
ध्रुव आग जलता है, और वो लड़के को अपने पास बिठया।
एमी : "साम्य, चिंता मत करो। यही मेरे पास बैठो।"
साम्य एमी के पास बैठता है उसका सिर अपनी गोद में रखता है।
साम्य के मन में कुछ सवाल आये।
साम्य : "ध्रुव, तुम उन लोगो के साथ कैसे स्कूल में आए थे?"
ध्रुव : "मैं सिक्रेट इंटेलिजेंस एजेंसी में काम करता हूं। हमे उन लोगो के प्लान के बारे में पूरी डिटेल्स निकलवानी थी। इस लिए में डार्क आर्मी मे जुड़ गया। डार्क आर्मी में आने के बाद कोई भी कम्युनिकेशन का रास्ता नहीं था। वो खुद सब पर नजर रखता था। और वो अपने मिशन के बारे में किसी को नहीं बताता। इसलिए मुझे इसका विश्वास जीत ना पड़ा और उसने मुझे कमांडर बनाया। 1 साल तक मुझे खून खराबा करना पड़ा। अगर उसको मुझ पर जरा सा भी शक हो जाता तो वहीं पर मुझे मार देता। सब की आखिरी उम्मीद में ही था इस लिए मुझे किसी भी हाल में जिंदा रहना था या तो पूरी इंफॉर्मेशन बाहर भिजवानी थी। तभी तुम लोग मिले मुझे।"
साम्य: "1 साल तक तुमने इंतजार किया।" "हाँ ...! उस दिन अर्थ भी कह रहा था कि में मेरे भाई से डेढ साल से नहीं मिला...।"
एमी दर्द से अपना पेट दबाने लगी।
साम्य : "एमी...! हौसला रखो हम तुम्हें कुछ भी नहीं होने देंगे। ये रात गुज़र जाने दो।"
एमी : "साम्य, तुम चिंता मत करो में ठीक हूं। अब ये सवाल मेरी जान बचाना नहीं है। बाकी सबको कैसे सुरक्षित रखे ये सोचने का है।"
साम्य एमी के सर पर हाथ घुमाने लगा।
एमी: "सारा तुम भी यहां बैठो मुझे तुम दोनों से.. (दर्द से अपनी आँखें बंद करती है).. बहुत सारी बातें करनी है...!"
सारा : "मैं यही हूं। एमी...!"
एमी : "तुम, मेरी बेस्ट फ्रेंड हो। तुमने हर वक्त मुझे संभाला है।"
सारा: "हाँ , तुम भी मेरी बेस्ट फ्रेंड हो।"
एमी: "मुझे अब भी याद है मैं जब भी दुखी होती थी, अकेली अकेली रोती थी तो तुम हमेशा मेरे पास आकर मुझे संभालती थी।"
जब हम पहली बार मिले थे।, तुम किसी से भी बात नहीं करती थी। साम्य...!
साम्य : "हाँ बोलो।"
एमी : "लगता है कल की बात है हम मिले, शरारती आशु तुम्हें आतंकी कहता था।"
(साम्य, एमी ,सारा को वो पुराने दिन याद आने लगे। सबकी आँखों से आँसू बहने लगे।)
साम्य: "हाँ , जैसे कल की ही बात है। अपना अर्थ कितना मासूम दिखता था और कितना कमिना निकला। साले ने स्कूल की सिस्टम हैक कर दी।"
सारा :( रोते हुए।) "वो सिर्फ गेम्स खेलने में ही माहिर था। बाकी तो सबसे ज्यादा मार वहीं खाता था। और सबसे ज्यादा गोलियाँ भी उसने ही खाई...! मेरे बहादुर अर्थ। अब में बेबी किसे कहूंगी। (सारा अपने आप को संभाल नहीं पाई।) ये प्यार चीज भी कितनी बुरी है। हम कहते है “बेबी, मैं तुम्हारे बिना जी नहीं सकती।" और उनके जाने के बाद हमें जीना ही पड़ता है।"
एमी : "साम्य, आन्या मुझे कहती थी उसे तुम को देखते ही प्यार हो गया था। तुम दोनों की जोड़ी कितनी खूबसूरत लगती थी।
आन्या कितनी प्यारी दिखती थी। इनोसेंट... जैसे छोटी सी बच्ची।"
साम्य:" हाँ ...! पर वो भी जिद्दी थी। एक बार ठान लिया कि साम्य के बिना घर नहीं जाऊंगी तो रेलवे स्टेशन पर 2 बजे तक ठंड में बैठी रही। और तुम लोग भी। आखिर क्या जरूरत थी इतनी ठंड में मेरा इंतजार करने की ?"
एमी : "स्कूल के इनडोर में सब इक्कठा हो कर बातें करना...! वो आशु की लड़ाई। स्कूल के वो दिन...!
साम्य, क्या हम फिर से स्कूल जा पाएंगे। सब साथ।"
साम्य: "हाँ, हम जरूर जायेगे।"
एमी: "हाँ, शायद इस जन्म में नहीं तो अगले जन्म में हम सब साथ रहेंगे..."
साम्य:(आँसू पोंछते हुए) "ऐसी बातें मत करो।"
एमी: "मेरे पास अब ज्यादा वक्त नहीं है।"
सारा : "एमी, चुप हो जा वरना... पीट दूंगी।"
एमी : "मेरे बर्थ डे पर तुमने मुझे कैसा डरा दिया था। अब किसे डराओगी ?" "साम्य, एक सिक्रेट बताऊं।"
साम्य : "हाँ , बोलो..!"
एमी : "आई... लव ... यू जबसे मैने तुम को देखा था तबसे मुझे भी तुमसे प्यार हो गया था। बस आन्या के लिए मैने तुम्हें नहीं बताया था। मुझे माफ़ कर देना।"
साम्य को समझ नहीं आया कि क्या जवाब दे।
एमी: "मुझसे नाराज़ तो नहीं हो ना ?"
साम्य : "नहीं, बिलकुल नहीं...!"
एमी के चेहरे पर मुस्कान आ गई और मुस्कान के साथ अपना दम तोड़ दिया।
साम्य: "एमी..!"
सारा: "एमी!"
दोनों एमी को लिपट कर जोर जोर से रोने लग गए।
ध्रुव और वो लड़का भी अपने आप को रोक नहीं पाए।
लोकेशन : इंडियन डिफेंस फोर्स
(मीटिंग)
‘हमे जल्द से जल्द कुछ करना होगा वरना हम रोबोट्स पर से कंट्रोल खो देंगे। '
एक एजेंट: "सर, एक रास्ता है, रोबोट्स को हमेशा के लिए स्टॉप करने का।"
हायर अथॉरिटी : "जल्दी बताओ।"
एजेंट : "सर, हमने सिग्नल्स ट्रेस किए और हमें पता चला है कि ये रोबोट्स के सारे फंक्शन्स एक सेटेलाइट से कंट्रोल होते है। अगर हमने सेटेलाइट डिस्ट्रॉय कर दिया तो सारे रोबोट्स बेकार हो जायेंगे।"
हायर अथॉरिटी : "तो देर किस बात की, मिसाइल लॉन्च करने की तैयारी करो।
वक्त आ गया है ASAT टेक. का यूज करने का।"
एजेंट: "पर सर, एक और दिक्कत है। सेटेलाइट चाइनीज गवर्नमेंट का है।"
हायर अथॉरिटी : "तो क्या हुआ...?"
एजेंट : "दिक्कत वो नहीं है, सैटेलाइट की ऑर्बिट हायर एल्टीट्यूड पर है कम से कम 20 हजार किलोमीटर की रेंज में। It is out of solid-fuelled IBM."
हायर अथॉरिटी : "कोई और रास्ता होगा। Liquid-fuelled मिसाइल ?"
एजेंट:" Liquid-fuelled मिसाइल वहां तक पहुँच सकती है पर, वो सैटेलाइट तक पहुंचे उससे पहले ही उसका फ्यूल खत्म हो जाएगा और सैटेलाइट तक पहुँचने से पहले ही फट जायेगी।"
हायर अथॉरिटी : "और कोई रास्ता...? कोई उम्मीद...?"
एजेंट : "एक और रास्ता है...ALO लांचिंग मेथड।"
हायर अथॉरिटी : "यस ,वि कैन यूज़ दिस मेथड"
एजेंट : "पहले भी कई बार ये मेथड यूज हो चुकी है। हमारा कैरियर एयरक्राफ्ट मिसाइल को लोअर ऑर्बिट तक ले जाएगा। वहां से हम मिसाइल लॉन्च करेंगे, और उसे लेसर गाइड से सैटेलाइट की लोकेशन लॉक कर देंगे। That's it. Air launch orbit."
हायर अथॉरिटी: "मिसाइल और कैरियर एयरक्राफ्ट तैयार करो। गवर्नमेंट हमारे साथ है, हममें पूरी छूट है। एयर फोर्स से कॉन्टेक्ट करो। सबसे जाबाज पायलट को इस मिशन के लिए तैयार करो।उसके बाद हमारी इंडियन आर्मी संभाल लेगी। जय हिन्द।"
प्लान के मुताबिक सिर्फ 3 घंटों में सारी तैयारियाँ हो गई।
एयरक्राफ्ट ने उड़ान भरी।
सारे देश की, सारी दुनिया की नजर एयरक्राफ्ट पर थी।
देखते ही देखते वो लोअर ऑर्बिट तक पहुँच गया। मिसाइल लॉन्च हो गई पर तभी लॉन्च होते ही एयरक्राफ्ट के बाजू में से दो और मिसाइल निकली। एक चाइना की और उसके ठीक पीछे अमेरिका की।
चाइना ने हमारी मिसाइल डिस्ट्रॉय करने के लिए मिसाइल भेजी, उनके मकसद का पता चलते ही अमेरिका ने हमरी मदद करने चाइना कि मिसाइल डिस्ट्रॉय करने उन्होंने भी मिसाइल लॉन्च कर दी।
एजेंट : "टारगेट लॉक कर दिया है पर देखना ये है कि चाइना कि मिसाइल हम तक पहुँचती है या अमेरिका की चाइना कि मिसाइल तक...।
अमेरिका, चाइना और इंडिया की गवर्नमेंट की नजर अपने अपने मॉनिटर पर थी।
अमेरिका की मिसाइल ने चाइना कि मिसाइल को डिस्ट्रॉय कर दिया।
और हमारी मिसाइल ने सैटेलाइट को तबाह कर दिया।
हायर अथॉरिटी: "इंडियन आर्मी अब अपना जलवा दिखा दो डार्कस नाम के आतंकियों को...! चुन चुन के मारो सब को। कोई भी जिंदा नहीं रहना चाहिए। उसके बाद चाइना को देखेंगे।"
इंडियन आर्मी और डार्कस की फिर से लड़ाई शुरू हो गई।
दूसरी तरफ चाइना और पाकिस्तान ने सोशल मीडिया पर वॉर घोषित कर दिया।
USA ने इंडिया का सपोर्ट देते हुए कहा “अगर इंडिया पर जिसने भी हमला किया वो देश हमारा दुश्मन देश होगा । रसिया ने चाइना का सपोर्ट देने का फैसला किया।
ईरान,इराक, साउथ कोरिया ने भी चाइना का पक्स चुना...!
‘अगर युद्ध होता है तो हम अपनी सारी ताकत लगा देंगे।' इंडियन गवर्नमेंट।
चाइना और पाकिस्तान को पता था कि इंडिया से युद्ध करना मतलब दुनिया की दो महा सत्तासे भिड़ना। वो भी नहीं चाहते थे कि युद्ध हो।
फिलहाल कश्मीर में कुछ ही घंटो में इंडियन आर्मी ने डार्क आर्मी का सफाया बोला दिया था। कश्मीर फिर से इंडिया का का झंडा लहराने लगा था। गवर्नमेंट ने कई रेस्क्यू टीम भेज दि।
ध्रुव अब तक की हुए सारी बातों पर टैब से नजर रख रहा था।
साम्य अब तक एमी को गोद में लिए हुए बैठा हुआ था। रेस्क्यू टीम ने उनको बचा लिया।
फ्रिएजा आइजेन ने जो माहौल बनाया था उस से पूरी दुनिया जूझ रही थी।
उसका असली मकसद था वर्ल्ड वॉर जो पूरा हो चुका था।
फाइनल चैप्टर
वॉर
डेट : 24/02/2039
फ्रिएजा आइजेन ने जो माहौल बनाया था उस से सारे देश जूझ रहे थे।
ध्रुव अपने हेड क्वार्टर पहुँच जाता है।
ध्रुव ने फ्रिएजा आइजेन का राज सबको बताया। “वो यही चाहता था। वर्ल्ड वॉर...!"
फ्रिएजा आइजेन का भी पतन हो चुका था।
साम्य की मुलाकात अपने परिवार से होती है, सारा भी उसके साथ ही थी। बदकिस्मती से सारा का परिवार नहीं बचा था।
उस लड़के को ध्रुव,साम्य और सारा ने उसके अंकल से मिलवा दिया।
साम्य के पापा जो वॉर हीरो थे उनको साम्य ने समझाया कि किसी भी हाल में वॉर होने से रोकना है।
साम्य ने कश्मीर की खूबसूरती,अपने दोस्तों के साथ किए मज़े और वॉर में हुई तबाही का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर लोगो को समझाते हुए वीडियो वायरल किया।
वॉर से होने वाले खून खराबे, वॉर से कितने लोग भूख से मारे मर गए। कितनों ने अपने परिवार खोए। अपने दोस्त खोए। वो सब बताया। साम्य ने समझाया "हमे अपनों को ही रोकना होगा जैसे उसने अपने पापा को समझाया।"
वीडियो धीरे धीरे पूरी दुनिया में वायरल हुआ।
“Say No To War" का ट्रेंड पूरी दुनिया में फेल गया। हर इंसान ने साम्य को सपोर्ट किया।
जैसे साम्य ने अपने पापा को समझाया वैसे हायर अथॉरिटी अफसरों के बच्चों ने अपने अपने पैरेंटस को समझाया।
सारे देशों के लोग प्रदर्शन के लिए अपनी अपनी आर्मी के सामने खड़े हो गए।
सारे देश इतने सारे लोगों का कहना मान ने के लिए मजबूर हो गए।
पाकिस्तान की गवर्नमेंट को पता चला कि फ्रिएजा आइजेन ने उनको बेवकूफ़ बनाया था। पाकिस्तान ने खुद बाकी के आतंकवादी कैंप को उड़ा दिया। और उन्हों ने वॉर के लिए मना कर दिया और शांति संदेश भेजने लगे।
धीरे धीरे चाइना के समर्थक देशों ने भी वॉर के लिए मना कर दिया।
आखिर चाइना ने भी माफ़ी मांगते हुए। वॉर को मना कर दिया। चाइना ने औरोटेक कॉर्प कंपनी को सील कर दिया और इंडिया के 20 हजार करोड़ रुपए कश्मीर के पुनः निर्माण के लिए इंडियन गवर्नमेंट को वापस दे दिए।
पूरी दुनिया में फिर से शांति छा गई।
साम्य: "फ्रिएजा आइजेन, मैने कहा था ना अपने हमारी कमज़ोरी नहीं, हमारी ताकत है।"
15 साल बाद ।
डेट : 10/01/2054
एक इंसान अपने 3 साल के बेटे के साथ पौधे बोते हुए दिखता है।
“आपने सही कहा था दादाजी प्रकृति का जतन कितना जरूरी है। हम प्रकृति को बचाएंगे तो वो हमे बचाएगी। प्रकृति में बहुत ताकत है।"
लोकेशन : कालांतरा पायीन हाई स्कूल,गुलमार्ग, कश्मीर
साम्य और सारा अपने 7 साल के बेटे को स्कूल छोड़ कर स्कूल के ग्राउंड में बैठे थे।
साम्य सोचता है “मानो स्कूल को कभी कुछ हुआ ही नहीं। उन लोगों हुबहु 20 साल पुरानी स्कूल बनाई है।"
साम्य : "हैप्पी बर्थडे एमी।"
(स्कूल के प्ले ग्राउंड को देख कर)
"लव यू आन्या।"
"अंश, अर्थ कमीनो...! लव यू टू...!"
सारा : "हैप्पी बर्थ डे, एमी। मिस यू अर्थ, आन्या, अंश। लव यू ऑल।"
F.R.I.E.N.D.S. F.O.R E.V.E.R
The End
or Maybe Continue...