Sajida Akram

Drama

3  

Sajida Akram

Drama

"समय का चक्र"

"समय का चक्र"

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कुछ दिनों बाद दादाजी जतिन को बुलाते हैं, फिर क्या सोचा तुमने मेरे दोस्त हरि सिंह की पोती के बारे में पसंद आई क्या?


जतिन अपनी दादी मां के कमरे दादी मां  की गोद में लेटा रहता है ,जतिन की मनोदशा  समझ कर दादी मां

 झट बात संभाल लेती है।


अरे "साहब" इतनी भी क्या जल्दी है ।उनको कह दीजिए अभी जतिन बाहर पढ़ने जा रहा है ।दो साल बाद देखते हैं । ईश्वर को मंजूर होगा तो ये रिश्ता जरूर हो जाएगा।


दादाजी से आंख बचाकर दादी मां को 'थम्सअप' 'दिखाता है। जतिन दिल ही दिल में दादी को कस के लिपट जाता है। क्या बचाया है ? 


दादाजी कहते हैं, बस कौशल्या तुम और तुम्हारा ये लाडला पता नहीं क्या खिचड़ी पकती रहती है । इन दादी -पोते में ईश्वर ही बेहतर जानता है। दादाजी

नि: श्वास छोड़ते हुए छड़ी उठा कर बाहर चले जाते हैं।


 जतिन जब भी  शहर से घर में आता है तो दादी मां की गोद में लेटना बहुत भाता है, दूसरे भाई -बहन अक्सर छेड़ते हैं। डॉक्टर साहब हो गए पर बच्चों जैसा दादी की गोद में लेटना नहीं छोड़ेंगे।


 जतिन भी बड़ी शान से कहता है। मुझे जलने की बदबू आ रही है सब भाई -बहन जतिन को सताते हैं ।दादी मां हमारी भी है ।लास्ट साहब ने एकछत्र राज कर लिया है । दादी मां भी पोतों और पोतियों की नोक झोंक सुनकर मुस्कुराती रहती है।


घर का माहौल बहुत प्रेममय रहता है। सब कज़िन आपस में हंसी मज़ाक़ में वक़्त कब गुज़र जाता है । कुछ दिनों बाद जतिन अपनी मास्टर्स की डिग्री के लिए विदेश चला जाता है। वो वहां पढ़ने में बिज़ी रहता है ।


यहां दादा जी की ज़िद रहता है। मेरी तबीयत ठीक नहीं रहती तुम लोग जतिन की शादी मेरी आंखों के सामने कर दो मेरी आखरी इच्छा है। इस बीच जतिन जैस्मिन से शादी का वादा कर लेता है ।वो उसके साथ ही पढ़ती है।

जब मां-बाबा उसको दादाजी के स्वास्थ्य का वास्ता देते हैं कि तुम आ जाओ ,उनकी आखरी इच्छा है तुम्हारी शादी देखना। कुछ महीने बाद वो आता है तो साथ में जैस्मिन को भी लाता है।


संयुक्त परिवार जतिन के आने से सब ख़ुश हो जाते हैं। कुछ दिनों बाद दादा की सेहत में सुधार हो जाता है तो जतिन दादी से अपनी और जैस्मिन की शादी का जिक्र करता है कि दादाजी से आपको बात करनी है मैं जैस्मिन के बिना नहीं रह पाऊंगा।


घर सलाह मशविरा होता है सब बड़े दादी मां की बात को सर्मथन देते हैं कि जैस्मिन अच्छी लड़की है। जैस्मिन इतने दिनों में अपने व्यवहार से सबका दिल जीत लेती है। दादाजी की खुब सेवा करती है। कुछ ही दिनों में "जतिन और जैस्मिन" की शादी भारतीय रीति-रिवाज से कर दी जाती है।



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