Sajida Akram

Drama

3  

Sajida Akram

Drama

"समय का चक्र"

"समय का चक्र"

2 mins
230


शेष भाग...!

   वैशाली भी एक लम्बे अंतराल के बाद जतिन को देखकर झटका लगता है "ये कैसा समय का चक्र है। 

   जतिन का रिएक्शन देखकर बड़े-बूढ़े समझते हैं दोनों एक-दूसरे को जानते हैं। जतिन ख़ामोश रहता है।


दादाजी  कहते हैं। जतिन तुम्हें कुछ बात करनी हो तो वैशाली से बात कर लो । हमें बताना ये रिश्ता पक्का कर देते हैं, लेकिन तुम अच्छे से एक-दूसरे को समझ लो तब ही बात आगे बढ़ाएंगे 


तुम दोनों आपस में सोच समझ लो तब ही इस रिश्ते को;  हम ये नहीं चाहते कि बड़ों के दबाव में आकर तुम दोनों सोच-समझ कर हां करना। जीवन तुम दोनों को बिताना है।


   जतिन की आंखों में  वो दृश्य घूम जमातें हैं, जब  वैशाली और जतिन एक ही कोचिंग में मिलते हैं पी.एम.टी की तैयारी के लिए दिल्ली में रहने जाता है। होस्टल में आलोक, रोहन और विकास, जतिन चारों की दोस्ती पढ़ाई की वजह से थी।


कोचिंग में लड़कियों भी साथ पढ़ती थी। उन्हीं में एक वैशाली भी थी। इन लड़कियों का ग्रुप पैसे वाली बाप की औलादों में शुमार था ।


पढ़ना कम सारे बुरे कामों के लिए कोचिंग के बहाने अपने शौक पूरे करना कोचिंग से बंक मारकर रिजोर्ट जाना। घूमना- फिरना, पार्टी में जाना  बस यही काम था।


लड़कों को भी ऐसी ही लड़कियों में बहुत दिलचस्पी रहती है। जतिन, रोहन ये चारों दोस्त अपनी पढ़ाई पर ही ध्यान रहता था। लड़के आस-पास की खबरें भी रखते हैं। कहां क्या चल रहा है ?


 जतिन का मेडिकल में सेलेक्शन हो जाता है, चेन्नाई के मेडिकल कॉलेज में चला जाता है।

कोचिंग से सभी दोस्तों का अलग-अलग स्थानों पर चले जाते हैं। दोस्तों का आपस में संर्पक हमेशा बना रहा।


एक दिन रोहन ने ही बताया यार जतिन वो. …;

वैशाली है ना हमारे ही  इंदौर के मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिया है। सीनियर लड़कों के रूम पर ही रहती है, क्या -क्या चर्चे हैं।


  'वैशाली की  बातें भी इसलिए होती थी, कि 'जतिन और वैशाली' के खानदान में पुरानी दोस्ती थी'। जतिन को  दोस्तों  से खबरें मिलती रहती थी ।


जतिन के दादाजी अपने दोस्त 'हरि सिंह' की पोती को दिखाने ले जाते हैं, जतिन और वैशाली को बुरा झटका लगा कि इतने बरसों बाद मिलवाया, तो ये कैसा 'कालचक्र' आया।


जतिन को "वैशाली" की नज़रों में डर दिखा। जतिन मेरे बड़े-बुजुर्गों के सामने कुछ मुंह ना खोल दें मेरे अतीत के बारे में....


कुछ दिनों बाद दादाजी जतिन को बुलाते हैं, फिर क्या सोचा तुमने मेरे हरि सिंह की पोती के बारे में पसंद आई क्या?



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama