लेकिन लोग तो क्रोधित थे इसलिए अपनी मर्दानगी दिखाकर लौट आएं। लेकिन लोग तो क्रोधित थे इसलिए अपनी मर्दानगी दिखाकर लौट आएं।
लेखक : अलेक्सान्द्र कूप्रिन अनुवाद : आ. चारुमति रामदास। लेखक : अलेक्सान्द्र कूप्रिन अनुवाद : आ. चारुमति रामदास।
मगर वो ख़ौफनाक रात जैसे ख़त्म ही न होने को तैयार थी ! मगर वो ख़ौफनाक रात जैसे ख़त्म ही न होने को तैयार थी !
उसकी कड़ी मेहनत रंग लाई और उसके पाँव जम चुके थे उसकी कड़ी मेहनत रंग लाई और उसके पाँव जम चुके थे
इस बात से बहुत डर गयीं थीं की उनकी बेटी को रात में कैसी कैसी आवाज़ें सुनाई देती है। इस बात से बहुत डर गयीं थीं की उनकी बेटी को रात में कैसी कैसी आवाज़ें सुनाई देती ह...
वह शीशा अपना जादू दिखाना शुरू किया वह शीशा अपना जादू दिखाना शुरू किया