भुतिया शीशा
भुतिया शीशा
एक बहुत समय पहले की बात है एक लड़की थी वह बहुत दूर से आई हुईं थीं। वह पढ़ने के और रहने के लिए घर खोजने लगी थी। कुछ समय बाद उसको एक घर मिला वह घर देखने में बहुत ही सुन्दर था। उसका कमरा भी बहुत बड़ा बड़ा था लेकिन उसमें कोई रहता नहीं था। वह लड़की रहने लगीं उसमें, उस कमरे के एक कबाड़ वाला रूम था। उसने उसमें देखने के लिए गई उसने देखा कि इसमें बहुत सब अच्छी अच्छी समान भी फेंका गया है। वह धिरे धिरे अपने जरूरतों वाली सामान निकालने लगी। तभी उसने देखा कि उसमें एक बहुत बड़ा शीशा है। वह शीशा निकलने लगी, निकालकर लाई और अपने कमरे में भी लगा दिया। तभी वह शीशा अपना जादू दिखाना शुरू किया यह सब देखकर वह डर गई। बहुत जोर जोर से चिल्लाने लगी तभी आस पास के लोग आए। और पूछे क्या हुआ उस लड़की ने सारी बातें बताई। ये बात तो सभी गांव वाले जानते ही थे कि उसमें भूत प्रेत का वास होता है, लेकिन उस लड़की को फिर भी नहीं बताए। बस गांव वाले ने समझाया अरे इसमें कुछ नहीं है, बस तुम्हारा वहम है। उस लड़की को भी ऐसा लगा और वह जाकर सो गई। तभी आधी रात को तरह तरह की आवाजें आने लगी। वह लड़की भी बहुत डरने लगी थी। जब सुबह हुई तो उसने सब गांव वाले से उसने जबरन पूछा कि इस घर के सिसे में क्या राज है, तब जाकर गांव वालों ने उसे पूरी बात बताई और वह तभी तुरंत एक बाबा को बुलाया। बाबा ने उस घर को तन्त्र मंत्र से पहले शुद्धिकरण किया फिर उसके बाद उस घर से शीशा को फेंकवा दिया। उस घर में अब कोई भूत प्रेत क वास नहीं था। वह लड़की बिना डरे ख़ुशी से रहने लगीं।

