Garima Maurya

Children Stories Classics

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Garima Maurya

Children Stories Classics

परमात्मा

परमात्मा

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बादशाह सुबुतगिन पहले बहुत गरीब था। एक साधारण सैनिक था। एक दिन वह बन्दुक लेकर घोड़े पर बैठकर जंगल में शिकार खेलने गया था। उस दिन उसे बहुत दौड़ना और हैरान होना पड़ा। बहुत दूर जाने पर उसे एक हिरणी अपने छोटे बच्चे के साथ दिखाई पड़ी। सुबुतगिन ने उसके पीछे दौड़ा दौड़ा दिया।


हिरणी डर के मारे भाग कर एक झाड़ी में छिप गई; लेकिन उसका छोटा बच्चा पीछे छूट गया। सुबुतगिन ने हिरण के बच्चे को पकड़ लिया और उसके पैर बांधकर घोड़े पर उसे लाद लिया। बहुत ढूढने ने पर भी जब हिरणी नहीं मिली तो बच्चे को लेकर ही वह लोट पड़ा।


हिरण ने देखा कि उसके बच्चे को शिकारी बांधकर लिए जा रहा है। वह अपने बच्चे के मोह से झाड़ी से निकल आई। और सुबुतगिनबादशाह सुबुतगिन पहले बहुत गरीब था। एक साधारण सैनिक था। एक दिन वह बन्दुक लेकर घोड़े पर बैठकर जंगल में शिकार खेलने गया था। उस दिन उसे बहुत दौड़ना और हैरान होना पड़ा। बहुत दूर जाने पर उसे एक हिरणी अपने छोटे बच्चे के साथ दिखाई पड़ी। सुबुतगिन ने उसके पीछे दौड़ा दौड़ा दिया।


हिरणी डर के मारे भाग कर एक झाड़ी में छिप गई; लेकिन उसका छोटा बच्चा पीछे छूट गयासुबुतगिन ने हिरण के बच्चे को पकड़ लिया और उसके पैर बांधकर घोड़े पर उसे लाद लिया। बहुत ढूढने ने पर भी जब हिरणी नहीं मिली तो बच्चे को लेकर ही वह लोट पड़ा।


हिरण ने देखा कि उसके बच्चे को शिकारी बांधकर लिए जा रहा है। वह अपने बच्चे के मोह से झाड़ी से निकल आई। और सुबुतगिन के घोड़े के पीछे पीछे दौड़ने लगी बहुत दूर जाकर सुबुतगिन ने पीछे देखा। अपने पीछे हिरणी को दौड़ता देख उसे आश्चर्य हुआ और दया आ गई। उसने उसके बच्चे के पैर खोल कर घोड़े से उतार दिया। हिरणी प्रसन्न होकर अपने बच्चे को लेकर भाग गई।उस दिन घर लौट कर जब रात में सुबुतगिन सोया तो उसने एक स्वप्न देखा। उससे कोई देवदूत कह रहा था – ” सुबुतगिन ! तू ने आज एक गरीब हिरणी पर जो दया की है। परमात्मा ने तेरा नाम बादशाहों की सूची में लिख लिया है। तू एक दिन बादशाह बनेगा” सुबुतगिन का स्वप्न सच्चा था। वह आगे चलकर बादशाह हुआ।


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